पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की एक बार फिर से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इग्नोर करके बेइज्जती की है. जिसके बाद शहबाज मन मनोस कर रह गए. तुर्कमेनिस्तान में इंटरनेशनल पीस एंड ट्रस्ट फोरम के मंच पर पुतिन का शहबाज से सामना हुआ तो पुतिन ने एक बार फिर से पूरी तरह से नजरंदाज कर दिया और अपने चिर परिचित स्टाइल में हाथ से इशारा करते हुए शहबाज के आगे खड़े होकर फोटो खिंचवाने पर आपत्ति जता दी.
चीन में हुई एससीओ की मीटिंग के दौरान जब शहबाज सबके सामने कूदते हुए पुतिन से मिलने पहुंचे थे, तो दुनियाभर में पाकिस्तान का अपमान हुआ था. वहीं द्विपक्षीय बैठक के दौरान पुतिन के सामने इतने नर्वस थे कि हेडफोन न लगा पाने पर भी मजाक उड़ाया गया था. एक बार फिर से शहबाज की ओर पुतिन ने देखा ही नहीं, जिसकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं.
तुर्कमेनिस्तान में शहबाज ताकते रहे, पुतिन ने देखा तक नहीं
व्लादिमीर पुतिन भारत से जाने के 8 दिन बाद तुर्कमेनिस्तान दौरे पर हैं. मध्य एशियाई देश तुर्केमिनिस्तान को रूस का करीबी माना जाता है. तुर्कमेनिस्तान खुद को न्यूट्रल कंट्री भी कहता है.
तुर्केमिनिस्तान में आयोजित कार्यक्रम में एक मंच पर भारत के दो दुश्मन तुर्किए और पाकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष नजर आए. जब सभी देश के प्रतिनिधि और राष्ट्राध्यक्ष फोटो खिंचवाने के लिए आए, तो शहबाज पुतिन के आगे चलते दिखे. इस दौरान पुतिन हर किसी से बात कर रहे थे, लेकिन शहबाज से उन्होंने बात नहीं की.
इतना ही नहीं फोटो खिंचवाने के दौरान पुतिन ने देखा की शहबाज उनके पीछे खड़े हैं, इस दौरान हाथ से इशारा करते हुए पुतिन ने अपनी जगह पर आपत्ति जता दी.
एससीओ में कूदकर पुतिन से मिले थे, ईयरफोन लगाने पर भी उड़ा था मजाक
इसी साल अगस्त-सितंबर में हुई एससीओ की बैठक के दौरान जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग पुतिन की अगवानी कर रहे थे. तो शहबाज शरीफ भीड़ को चीरते हुए पुतिन ने हाथ मिलाने के लिए कूद पड़े थे. इस दौरान शी जिनपिंग भी असहज हो गए थे.
वहीं इसके बाद जब शहबाज शरीफ और पुतिन के बीच मुलाकात हुई तो वे बातचीत के लिए बैठे तो उन्हें अपने ईयरफोन के साथ एक बार फिर जूझते हुए देखा गया, जबकि रूसी नेता उन्हें हाथ के इशारे से ईयरफोन लगाने का तरीका सिखा रहे थे. शहबाज की इस हरकत से पुतिन अपनी हंसी नहीं रोक पाए थे.
पुतिन के लाइन से अलग रूसी अधिकारी ने क्यों बोली पाकिस्तान की भाषा?
पाकिस्तान में रूसी राजदूत अल्बर्ट पी खोरेव ने भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कराने की इच्छा जताई है. पाकिस्तान और भारत के बीच मध्यस्थता में रूस की भूमिका पर खोरेव ने कहा, “दोनों देशों को डिप्लोमैटिक तरीके अपनाते हुए विवाद का हल निकालना चाहिए. अगर पाकिस्तान और भारत सहमत होते हैं तो फिर रूस दोनों पड़ोसियों के बीच रिश्तों को नॉर्मल बनाने के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं.”
वहीं हाल ही में पुतिन ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि “भारत अपने द्विपक्षीय विवाद सुलझाने में सक्षम है, चाहे वो पाकिस्तान हो या चीन. रूस दखल नहीं देगा.”

