प्राइवेट कंपनियों के गोला-बारूद को एक्सपोर्ट कराने के बदले रिश्वत वसूलने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के एक अधिकारी को सीबीआई ने रंगे हाथ धर-दबोचा है. मामले में आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल की पत्नी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई है, जो इनदिनों राजस्थान के श्रीगंगानगर में ऑर्डिनेंस (गोला-बारूद) से जुड़ी एक यूनिट की कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) के पद पर तैनात हैं.
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के मुताबिक, पकड़े गए लेफ्टिनेंट कर्नल की पहचान दीपक कुमार शर्मा के तौर पर हुई है, जो रक्षा उत्पादन विभाग के इंटरनेशनल कोऑपरेशन एंड एक्सपोर्ट विंग में डिप्टी प्लानिंग ऑफिसर के तौर पर राजधानी दिल्ली में तैनात है.
सीबीआई ने आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल के साथ विनोद कुमार नाम के एक अन्य शख्स को भी गिरफ्तार किया है, जो अधिकारी को रिश्वत की रकम देने पहुंचा था. सीबीआई ने तीन लाख (कैश) रिश्वत की रकम भी जब्त की है. बाद में आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल के दिल्ली स्थित घर से 2.23 लाख करोड़ नकदी जब्त की गई, जिसे गैर-कानूनी तरीके से इकठ्ठा किया गया था.
आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल की पत्नी सेना में सीओ पद पर तैनात
बाद में सीबीआई ने दीपक कुमार के श्रीगंगानगर स्थित घर से भी 10 लाख नकदी जब्त की. इस घर में दीपक की पत्नी, कर्नल काजल बाली रहती है. कर्नल काजल बाली, भारतीय सेना की 16वीं इंफ्रेंटी डिवीजन की एक ऑर्डिनेंस (गोला-बारूद) यूनिट की एक यूनिट (बटालियन) की सीओ के पद पर तैनात थी.
रिश्वत लेकर प्राइवेट कंपनियों को देता था गोला-बारूद एक्सपोर्ट करने की मंजूरी
सीबीआई के मुताबिक, पिछले काफी समय से दीपक कुमार के बारे में जानकारी मिल रही थी कि, निजी कंपनियों के गोला-बारूद और दूसरे सैन्य उपकरणों के निर्यात की मंजूरी के बदले, रिश्वत और दूसरे तरह के फायदे उठाता है. इसी शिकायत पर सीबीआई ने लें.कर्नल पर कड़ी नजर रखी और शनिवार को विनोद के साथ गिरफ्तार कर लिया.
सीबीआई के मुताबिक, मौजूदा रिश्वत, दुबई की एक डिफेंस कंपनी से जुड़े मामले में ली गई थी. इस कंपनी का एक ऑफिस, बेंगलुरु में भी है, जहां राजीव यादव और रिजवीत सिंह नाम के दो अधिकारी, ले.कर्नल दीपक कुमार के संपर्क में थे.
जांच में सीबीआई को दीपक कुमार के घर से कुछ संवेदनशील दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं. सीबीआई अधिकारियों ने मामले में बेंगलुरु और जम्मू में भी छापे मारे हैं.
रविवार को दीपक और विनोद को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उन्हें 23 दिसंबर तक की सीबीआई कस्टडी में भेज दिया है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में इस मामले में अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी भी संभव है.

