क्या असम को पाकिस्तान में मिलाने की साजिश रची गई थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान ने सनसनी फैला दी है. पड़ोसी देश बांग्लादेश और पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव के बीच पीएम मोदी ने कांग्रेस पर लगाया है.
पीएम मोदी ने कहा है कि अंग्रेजों के साथ मिलकर असम की पहचान खत्म करने की साजिश रची गई. आजादी से पहले, मुस्लिम लीग और अंग्रेजी हुकूमत मिलकर भारत के विभाजन की जमीन तैयार कर रहे थे, तो असम को ईस्ट पाकिस्तान का हिस्सा बनाने की योजना थी.
असम को पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा बनाने की थी साजिश: पीएम मोदी
असम के गुवाहाटी में लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी ने असम को लेकर एक बड़ा बयान दिया है.
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा, “कांग्रेस ने एक और पाप किया था. उसने असम की पहचान को मिटाने की साजिश की थी. आजादी से पहले, जब मुस्लिम लीग और अंग्रेजी हुकूमत मिलकर भारत के विभाजन की जमीन तैयार कर रहे थे, उस समय असम को भी अविभाजित बंगाल, यानी ईस्ट पाकिस्तान का हिस्सा बनाने की योजना बनाई गई थी.”
पीएम मोदी ने कहा, कि “कांग्रेस भी उस साजिश का हिस्सा बनने जा रही थी. तब गोपीनाथ बोरदोलोई अपनी ही पार्टी के खिलाफ खड़े हो गए थे. उन्होंने असम की पहचान को खत्म करने के इस षड्यंत्र का विरोध किया और असम को देश से अलग होने से बचा लिया.”
घुसपैठियों को बचाने में लगे हुए हैं देशद्रोही: पीएम मोदी
इस दौरान पीएम मोदी ने एसआईआर (सर) को लेकर भी विपक्ष पर करारा वार किया. पीएम मोदी मे कहा, “देशद्रोही एसआईआर की आलोचना करके घुसपैठियों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं. चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित करने के लिए शुरू की है ताकि घुसपैठियों को चुनावी प्रक्रिया से बाहर रखा जाए, लेकिन ‘देशद्रोही’ उन्हें बचाने की कोशिश कर रहे थे.”
पीएम मोदी ने ममता सरकार पर भी करारा वार करते हुए कहा, कि “तृणमूल सरकार घुसपैठियों को बचाने की कोशिश कर रही है, जो बंगाल पर कब्जा करने पर तुले हुए हैं. इसी कारण वह एसआइआर का विरोध किया जा रहा है.”
पीएम मोदी बोले, “बंगाल में घुसपैठियों को खुला संरक्षण मिला हुआ है. मैंने इंटरनेट मीडिया पर देखा कि कुछ लोगों ने ‘गो बैक मोदी’ के बोर्ड लगा रखे हैं. इससे बेहतर होता कि बंगाल की हर गली और खंभे पर ‘गो बैक घुसपैठिए’ लिखा जाता.”
बांग्लादेश में बिगड़े हालात, राज्यों में बढ़ाई गई चौकसी
इन दिनों बांग्लादेश जल रहा है. बांग्लादेश में हालात आउट ऑफ कंट्रोल हैं. घुसपैठी भारतीय सीमा में दखल न दे सकें, लिहाजा पूर्वोत्तर राज्यों में सतर्कता बढ़ा दी गई है. लेकिन बंगाल सरकार पर हमेशा से घुसपैठियों को शरण देने का आरोप लगता रहा है. दरअसल बंगाल सरकार भारतीय सीमा में बाड़ेबंदी में सहयोग न कर रही.
बंगाल में बांग्लादेश के साथ लगने वाली 2,216.7 किलोमीटर लंबी सीमा में से अभी तक 1,647.696 किमी पर ही कंटीले तारों की बाड़ लग सकी है. बाकी 569.004 किमी हिस्से पर बाड़ और अन्य बुनियादी ढांचे का काम बाकी है. दरअसल ये देरी इसलिए हुई है, क्योंकि बंगाल सरकार की ओर से जमीन नहीं उपलब्ध कराई गई है. हालांकि कलकत्ता हाईकोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई थी.
केंद्र सरकार की प्राथमिकता है कि एसआईआर के जरिए घुसपैठियों की पहचान की जाए, ताकि घुसपैठ को रोकने में कामयाबी हो. देश की सुरक्षा के लिए घुसपैठिए का मुद्दा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है.

