जेफरी एपस्टीन से जुड़े दस्तावेज़ों का एक बड़ा हिस्सा रिलीज किए जाने के 24 घंटे के अंदर 16 फाइलों के गायब होने से सनसनी फैल गई है. ये वो फाइल्स हैं, जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उनकी पत्नी मेलानिया ट्रंप और गिस्लेन मैक्सवेल के साथ एपस्टीन की तस्वीरें थीं. बताया जा रहा है कि रिलीज के बाद इन तस्वीरों पर आम लोगों का एक्सेस रोक दिया गया.
हाउस ओवरसाइट कमेटी के डेमोक्रेट सदस्यों ने एक्स पर एक पोस्ट में ट्रंप की तस्वीर वाली गायब इमेज की ओर इशारा करते हुए लिखा: और क्या छिपाया जा रहा है?
ट्रंप प्रशासन की ओर से इस मामले में चुप्पी साध ली है, वहीं जनता कह रही है कि इसमें पारदर्शिता कहां है.
रहस्यमयी तरीके से गायब हुई फाइलें, लोगों ने उठाए सवाल
अमेरिका के न्याय विभाग (यूएस डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस) ने अटॉर्नी जनरल पाम बोंडी के नेतृत्व में एपस्टीन डॉक्यूमेंट्स का पहला बड़ा हिस्सा जारी किया गया. जिसमें जिसमें बिल क्लिंटन, माइकल जैक्सन और अन्य हस्तियों की तस्वीरें हैं. लेकिन लोगों को उस वक्त हैरानी हुई जब 16 फाइलें रिलीज किए जाने के 24 घंटे के अंदर ही रहस्यमयी तरीके से गायब हो गईं.
गायब हुए डॉक्यूमेंट्स में महिलाओं की विवादित पेंटिंग की तस्वीरें और एक फोटो शामिल थी, जिसमें ट्रंप, एपस्टीन, मेलानिया ट्रंप और एपस्टीन की सहयोगी घिस्लेन मैक्सवेल के साथ नजर आ रहे थे.
ये फाइलें शुक्रवार को वेबसाइट पर अपलोड की गई थीं, लेकिन शनिवार तक आम लोगों के एक्सेस से बाहर हो गईं.
हालांकि अमेरिका के न्याय विभाग ने इस पर कोई बयान जारी नहीं किया कि इन फाइल्स को जानबूझकर हटाया गया है या किसी तकनीकी खामी के कारण ये वेबसाइट पर नहीं दिख रही हैं.
तस्वीरें गायब करके क्या छिपाया जा रहा: डेमोक्रेट्स
हाउस ओवरसाइट कमेटी के डेमोक्रेट सदस्यों ने एक्स पर एक पोस्ट में ट्रंप की तस्वीर वाली गायब इमेज की ओर इशारा करते हुए लिखा: और क्या छिपाया जा रहा है? अमेरिकी जनता के लिए पारदर्शिता जरूरी है.
रो खन्ना और चक शूमर जैसे नेताओं ने इसे अधूरा और जरूरत से ज्यादा रेडैक्ट बताकर सरकार की आलोचना की है. उनका आरोप है कि फाइलों में बहुत ज्यादा जानकारी छिपाई गई है और ये पारदर्शिता कानून का पूरी तरह पालन नहीं करता है.
आपको बता दें कि न्याय विभाग ने जो दस्तावेज रिलीज किए हैं, उन्हें ‘एपस्टीन फाइल्स ट्रांसपेरेंसी एक्ट’ के तहत जारी किया गया है, जिसे रिलीज करने के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नवंबर में हामी भरी थी.
हालांकि जो हिस्सा जारी किया गया है, उसका हिस्सा पहले से ही रिकॉर्ड में मौजूद था और रिलीज किए गए डॉक्यूमेंट्स में काट-छांट की गई है. सार्वजनिक किए गए हजारों पन्नों से एपस्टीन के अपराधों या फैसलों के बारे में कोई नई जानकारी नहीं मिली है. जो जानकारियां पहले से पब्लिक डोमेन में हैं, उन्हीं को एडिट करके रिलीज किया गया है. जिसके बाद डेमोक्रेट्स के साथ-साथ अमेरिकी लोग भी भड़के हुए हैं.
रिलीज डॉक्यूमेंट के बाद चर्चा में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन
लेटेस्ट रिलीज में सबसे ज्यादा चर्चा पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की तस्वीरों को लेकर हुई है. डॉक्यूमेंट्स में कई ऐसी तस्वीरें हैं, जिनमें बिल क्लिंटन, एपस्टीन और घिस्लेन मैक्सवेल कई सार्वजनिक मौकों पर साथ नजर आ रहे हैं. इनमें लंदन के विंस्टन चर्चिल वॉर रूम्स की तस्वीरें, एक हॉट टब की फोटो और एक प्राइवेट जेट की तस्वीर है.
जारी की गई फाइल्स में माइकल जैक्सन, डायना रॉस, क्रिस टकर, मिक जैगर और रिचर्ड ब्रैनसन जैसी हस्तियों की तस्वीरें भी हैं. जो किसी ना किसी सामाजिक आयोजन के दौरान खिंची गई है.
बिल क्लिंटन के साथ साथ डोनाल्ड ट्रंप का भी नाम सामने आया है, लेकिन रिलीज डॉक्यूमेंट में ट्रंप का जिक्र नहीं है. ट्रंप और क्लिंटन दोनों का नाम एपस्टीन से जुड़ा रहा है, लेकिन बाद में दोनों ने ही एपस्टीन से पल्ला झाड़ लिया था. हालांकि एपस्टीन से जुड़े किसी भी मामले में दोनों में से किसी पर भी कोई गलत काम करने का आरोप नहीं लगाया गया है.
क्लिंटन के प्रवक्ता ने व्हाइट हाउस पर गंभीर आरोप, कहा, ध्यान हटाने के लिए बिल क्लिंटन का नाम उछाला
हाल ही में सामने आई तस्वीरों में कुछ तस्वीरों में क्लिंटन लड़कियों के साथ पूल में नहाते दिखे हैं. लेकिन नई फाइलों से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम गायब है. इसी के बाद अब क्लिंटन के प्रवक्ता ने व्हाइट हाउस को कटघरे में खड़ा किया है.
क्लिंटन की टीम ने आरोप लगाया है कि व्हाइट हाउस पूर्व राष्ट्रपति का नाम इसलिए ले रहा है ताकि उन जानकारियों से लोगों का ध्यान हटाया जा सके, जो छिपा दी गईं, या वो नहीं चाहते कि वो दुनिया के सामने आएं.
सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर क्लिंटन के प्रवक्ता ने एक बयान जारी करते हुए पूर्व राष्ट्रपति का हित रखा. उन्होंने कहा, “व्हाइट हाउस कई महीनों तक इन फाइलों को छिपाकर रखने की कोशिश करता रहा, यह सब बिल क्लिंटन को बचाने के लिए नहीं था, यह सब अपने आप को बचाने के लिए था. या उस सच से ध्यान हटाने के लिए जिसे वो सामने लाने से डरते हैं, या जिसे वो हमेशा के लिए छिपा देना चाहते हैं. वो चाहें तो 20 साल से भी पुरानी धुंधली तस्वीरें जितनी चाहें उतनी जारी कर सकते हैं, लेकिन यह मामला बिल क्लिंटन का नहीं है. न कभी था, न कभी होगा.”
प्रवक्ता ने आगे यह भी बताया कि “मौजूदा व्हाइट हाउस की चीफ ऑफ स्टाफ सूजी वाइल्स ने कहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप क्लिंटन को लेकर गलत थे. वाइल्स ने स्वीकार किया था कि ट्रंप के बार-बार किए गए दावों के बावजूद बिल क्लिंटन कभी भी एपस्टीन के कैरेबियाई द्वीप पर नहीं गए थे.”
क्लिंटन के प्रवक्ता एंजेल उरेना ने कहा, कि “यहां दो तरह के ग्रुप हैं. पहला ग्रुप वो है जिसे कुछ भी पता नहीं था और जिसने एपस्टीन के अपराध सामने आने से पहले ही उससे संबंध तोड़ लिए. दूसरा ग्रुप वो है जिसने उसके अपराधों के बाद भी उससे रिश्ते बनाए रखे. हम पहले ग्रुप में हैं. दूसरे ग्रुप के लोग जितनी भी देरी करें, उससे यह सच नहीं बदलेगा. हर कोई, खासकर मागा समर्थक, बलि का बकरा नहीं बल्कि जवाब चाहता है.”

