नेपाल में सोशल मीडिया पर बैन के चलते प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की कुर्सी चली गई. पूरी देश में हाहाकार मच गया. कुछ यही हाल पिछले साल ब्राजील में भी था, जब कोर्ट के आदेश के बाद एक्स पर रोक लगा दी गई थी. वहीं तीसरे देश तुर्किए में भी सोशल मीडिया बैन को लेकर स्थानीय लोगों में गुस्सा है.
तुर्किए की एर्दोगन सरकार ने अस्थायी रूप से कई बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को रोक दिया. तुर्किए की राजधानी इस्तांबुल में पुलिस और विपक्षी समर्थकों में हुई झड़प के बाद यूट्यूब, एक्स, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर पाबंदी लगा दी गई, जिसके बाद लोगों का आक्रोश सातवें आसमान पर पहुंच गया है.
12 घंटे तक तुर्किए में लगी रही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रोक
तुर्की में अस्थायी रूप से कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर रोक लगा दी गई है. देश भर में व्यापक इंटरनेट प्रतिबंध लागू किया गया, जो लगभग 12 घंटे तक चला.
सरकार ने रिपब्लिकन पीपुल्स पार्टी (सीएचपी) के मुख्यालय पर एक ट्रस्टी नियुक्त किया है. इसे कंट्रोल लेने से रोकने के लिए हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद इस प्रतिबंध को लागू किया गया. सुरक्षा बलों द्वारा प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किया गया. इसके बाद सरकार ने ये प्रतिबंध लगाए गए, लेकिन इस प्रतिबंध से बचने के लिए यूजर्स ने वीपीएन सेवाओं का सहारा लिया.
एर्दोगन सरकार ने क्यों लगाई सोशल मीडिया पर रोक
सीएचपी के इस्तांबुल मुख्यालय को कई दिनों से पार्टी समर्थकों ने घेर रखा था. वो इसलिए क्योंकि समर्थक ट्रस्टी गुरसेल टेकिन को दफ्तर का नियंत्रण संभालने से रोकना चाहते थे. टेकिन को सरकार ने ओज़गुर सेलिक की जगह नियुक्त किया था जिन्हें सितंबर 2023 में चुना गया था. इस दौरान प्रदर्शनकारी उग्र हुए तो सरकार ने इंटरनेट रोक दिया.
हमेशा तुर्किए की सूचना और संचार प्रौद्योगिकी प्राधिकरण ऐसी सूचना के बारे में जानकारी देती है, लेकिन नेपाल और ब्राजील में हुए उग्र प्रदर्शन के चलते तुर्किए ने कोई सूचना नहीं जारी की, चुपचाप ही यूट्यूब, इंस्टाग्राम, फेसबुक, एक्स को अस्थाई तौर पर बंद कर दिया.
ब्राजील में एक्स बैन के बाद मच गया था भूचाल
पिछले साल अगस्त 2024 में ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट ने अपने देश में एलन मस्क के एक्स पर प्रतिबंध लगा दिया था. कोर्ट के आदेश को जब ब्राजीलियन सरकार ने लागू किया तो प्रदर्शन शुरु हो गया. ब्राजील में लोग अपने देश के राष्ट्रीय झंडे के रंग की हरी-पीली टी-शर्ट पहनकर सड़कों पर उतर आए यहां तक कि नाराज लोगों ने सरकार द्वारा आयोजित स्वतंत्रता-दिवस समारोह तक का भी बॉयकॉट कर दिया.
दरअसल, एक्स ने ब्राजील के बोलसोनारो और दक्षिणपंथी विचारधारा रखने वाले अकाउंट को ब्लॉक कर दिया था. इसके विरोध में लोगों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया तो सुप्रीम कोर्ट ने एक्स के अधिकारियों को तलब किया. एलन मस्क ने अपने अधिकारियों को कोर्ट में पेश होने के बजाए देश छोड़ने का आदेश दे दिया, जिसके बाद सरकार ने सख्ती दिखाई. ब्राजील की सरकार ने वीपीएन (वर्चुअल प्राईवेट नेटवर्क) के जरिए एक्स के इस्तेमाल करने वाले यूजर्स पर 9000 डॉलर का जुर्माना लगाने का आदेश दिया तो लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था.