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ओली के बाद Macron की कुर्सी डोली, फ्रांस में भी सोशल मीडिया बैन

नेपाल के बाद फ्रांस की सड़कों पर राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा है. बार-बार प्रधानमंत्री बदले जाने और देश की वित्तीय हालत बिगड़ने से गुस्साए लोगों ने राजधानी पेरिस में जमकर हंगामा और पत्थरबाजी की है. हालात ये है कि पुलिस की सख्ती के बावजूद प्रदर्शनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं. पेरिस में आगजनी, हिंसा और तोड़फोड़ की गई है. 

मंगलवार को ही राष्ट्रपति मैक्रों ने अपने बेहद खास और मौजूदा समय में रक्षा मंत्रालय संभाल रहे सेबेस्टियन लेकोर्नू को पीएम बनाया है. हजारों की संख्या में सड़क पर प्रदर्शनकारियों ने हंगामा काट दिया. 80000 पुलिसकर्मी भी आंदोलनकारियों को रोकने में नाकाम नजर आए. 

फ्रांस में हिंसक प्रदर्शन के बाद सोशल मीडिया पर रोक लगा दी गई है.

पेरिस में हालात बेकाबू, आगजनी और पत्थरबाजी, फ्रांस में तनाव

बुधवार को फ्रांस की सड़कों पर लोगों का गुस्सा दिख रहा है. हजारों की संख्या में जनता सड़क पर है और लोग इमैनुएल मैक्रों सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. पेरिस में कई जगहों पर आगजनी हुई है. तो उन्हें रोकने आए पुलिसकर्मियों पर लोगों ने जमकर पत्थरबाजी की है.

पेरिस में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़पें हुईं. इस दौरान कई कचरे के डिब्बों में आग लगा दी गई. जगह-जगह पुलिस और प्रदर्शनकारियों की झड़प हो रही है. प्रदर्शनकारी हर गतिविधि पर रोक लगाने की कोशिश कर रहे हैं. ये आक्रोश सीधे तौर पर राष्ट्रपति मैक्रों के खिलाफ है. लोगों का आरोप है कि सरकार सिर्फ बार-बार प्रधानमंत्री बदल रही है. लोगों के जीवनस्तर को सुधारने के लिए कोई काम नहीं कर रही. 

फ्रांसीसी लोगों का गुस्सा फूटा, कहा ‘दफा हो मैक्रों

पेरिस में प्रदर्शन एक विरोध आंदोलन के तहत हो रहा है. इन प्रदर्शनों की शुरुआत सोशल मीडिया पर ‘ब्लॉक एव्रीथिंग’ के आह्वान के साथ हुई थी. लेकिन प्रदर्शन को उस वक्त और हवा मिल गई जब फ्रांस में प्रधानमंत्री बदल दिया गया. 

प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को पेरिस और फ्रांस के अन्य हिस्सों में सड़कों को जाम कर किया और भयानक आगजनी की।पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले  दागे.पेरिस की सड़कों पर “मैक्रों दफा हो जाओ!” जैसे नारे लिखे गए हैं. फ्रांस में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. 200 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है. 

प्रदर्शन पर फ्रांस सरकार ने क्या कहा?

फ्रांसीसी गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलेउ ने कहा, “प्रदर्शनकारियों ने पश्चिमी शहर रेन्नेस में एक बस में आग लगा दी और दक्षिण-पश्चिम में एक बिजली लाइन को नुकसान पहुंचने से रेलगाड़ियां बाधित हुईं. प्रदर्शनकारी “विद्रोह का माहौल” बनाने का प्रयास कर रहे हैं.”

क्या है ब्लॉक एवरीथिंग, जिसने मैक्रों की सत्ता को दी चुनौती

‘ब्‍लॉक इवरीथिंग’ की शुरुआत गर्मियों के दिनों में हुई थी. इस आंदोलन को सोशल मीडिया जैसे टिकटॉक और एक्‍स के जरिए बढ़त मिली. इसके जरिए हड़ताल, बायकाट और सड़कों पर प्रदर्शन का आह्वान छात्रों, वर्कर्स और कार्यकर्ताओं से किया गया. 

दरअसल फ्रांस के आर्थिक सुधार एजेंडे को लेकर काफी विरोध हो रहा है. फ्रांस की वित्तीय हालत ठीक नहीं है, बजट घाटा यूरोपीय यूनियन की तय सीमा (जीडीपी का 3%) से लगभग दोगुना है.

फ्रांस को एक वर्ष में मिला चौथा प्रधानमंत्री

फ्रांस में लोगों को गुस्सा अस्थिर सरकार के कारण है. बार-बार प्रधानमंत्रियों को बदले जाने से लोग आक्रोशित हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मंगलवार देर रात रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू को देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया था. लगभग एक साल में देश को चौथी बार नया प्रधानमंत्री मिला है. लेकोर्नू,  फ्रांस के इतिहास में सबसे कम उम्र के रक्षा मंत्री हैं, उनकी उम्र 39 वर्ष है. लेकॉर्नू मैक्रों के पुराने और भरोसेमंद साथी माने जाते हैं. उन्हें यह जिम्मेदारी ऐसे समय में दी गई है जब फ्रांस की सरकार अल्पमत में है.

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