जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर हुए लैंडमाइन धमाके की जिम्मेदारी आतंकी संगठन टीआरएफ ने ली है. ये वही टीआरएफ है जिस हाल ही में अमेरिका ने वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किया है. ये वही टीआरएफ ने जिसने 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 पर्यटकों की निर्मम हत्या के बाद हवा में फायरिंग करके जश्न मनाया था. हालांकि सेना ने टीआरएफ के बयान को खारिज कर दिया है
शुक्रवार दोपहर को कृष्णा घाटी सेक्टर में पेट्रोलिंग के दौरान धमाका हुआ था. जिसमें एक अग्निवीर शहीद हो गया, जबकि दो जवान घायल हुए हैं.
बारूदी सुरंग में धमाका, 1 जवान शहीद, 2 घायल
पुंछ जिले में नियंत्रण रेखा पर भारतीय सेना के जवान गश्त कर रहे थे. भारतीय सेना की 7 जाट रेजिमेंट के नायब सूबेदार हरि राम, हवलदार गजेंद्र सिंह और अग्निवीर ललित कुमार अग्रिम चौकी के पास नियमित गश्त कर रहे थे. इस दौरान अचानक बारूदी सुरंग पर जवानों का पैर पड़ा. जब तक स्थिति संभाली जाती, बारूदी सुरंग में जोरदार विस्फोट हो गया. बताया जा रहा है कि विस्फोट बेहद शक्तिशाली था, जिसकी चपेट में सैनिक आ गए. मौके पर ललित कुमार शहीद हो गए, जबकि दो जवान घायल हुए हैं. एक जेसीओ भी घायल हुए हैं
घटना पर सेना की व्हाइट नाइट कोर ने क्या बताया?
व्हाइट नाइट कोर ने शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, एक्स पर पोस्ट किया, “जीओसी व्हाइट नाइट कोर और सभी रैंक 7 जाट रेजिमेंट के अग्निवीर ललित कुमार को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने एक माइन विस्फोट के बाद कृष्णा घाटी ब्रिगेड के सामान्य क्षेत्र में गश्त के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया. हम इस दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ खड़े हैं.”
एलजी ने अग्निवीर को श्रद्धांजलि दी
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 7 जाट रेजिमेंट के अग्निवीर ललित कुमार को श्रद्धांजलि अर्पित की. एलजी ने कहा, “अग्निवीर ललित कुमार ने कर्तव्य निभाते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी. मैं अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं, जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में सर्वोच्च बलिदान दिया. इस दुख की घड़ी में राष्ट्र उनके साथ मजबूती से खड़ा है.”
लश्कर के प्रॉक्सी टीआरएफ ने ली जिम्मेदारी, सेना ने खारिज किया
घटना के बाद लश्कर ए तैयबा के प्रॉक्सी टीआएफ द रेजिस्टेंस फ्रंट ने जिम्मेदारी ली है. लेकिन सेना ने बयान को खारिज कर दिया है.
हाल ही में टीआरएफ को अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने वैश्विक आतंकी संगठन घोषित किया था. रूबियो ने कहा था, टीआरएफ को वैश्विक आतंकी संगठन घोषित करना, “ट्रंप प्रशासन की राष्ट्रीय हितों की रक्षा, आतंकवाद का मुकाबला करने और पहलगाम हमले के लिए राष्ट्रपति (डोनाल्ड) ट्रंप के न्याय के आह्वान को लागू करने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.”
अमेरिकी विदेश विभाग ने अपने बयान में कहा था कि, टीआरएफ ने पहलगाम हमले (22 अप्रैल) की जिम्मेदारी ली है, जिसमें 26 मासूम नागरिकों की जान गई थी. पहलगाम हमला, वर्ष 2008 में मुंबई आतंकी हमले के बाद सबसे घातक अटैक है. पहलगाम हमले से पहले भी टीआरएफ ने जम्मू कश्मीर में हुए आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली है.
आपको बता दें कि पहलगाम हमले के बाद ही भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च करके जैश और लश्कर के आतंकी कैंपों को तबाह कर दिया था और बाद में पाकिस्तान के सैन्य और एयरबेस को नष्ट किया गया था.
फिलहाल एलओसी पर हुई इस घटना की सेना ने जांच शुरु कर दी है, कि बारूदी सुरंग गश्त करने वाले क्षेत्र में कैसे आई.