अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ-ग्रहण से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर छह दिवसीय (24-29 दिसंबर) यात्रा पर यूएस जा रहे हैं. जयशंकर अपने अमेरिकी समकक्ष से द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे.
विदेश मंत्रालय ने एक संक्षिप्त बयान जारी कर जयशंकर की अमेरिकी यात्रा की जानकारी दी है. मंत्रालय के मुताबिक, यात्रा के दौरान विदेश मंत्री अमेरिकी स्थित भारत के कॉन्सल-जनरल्स के सम्मेलन की अध्यक्षता करेंगे.
जयशंकर ऐसे समय में अमेरिका के लंबे दौरे पर गए हैं जब बाइडेन प्रशासन सत्ता की बागडोर ट्रंप को सौंपने जा रहा है. पिछले डेढ़ साल से भारत और अमेरिका के संबंध पटरी से उतरे हुए हैं.
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कोशिश के मामले से दोनों देशों के संबंधों में जबरदस्त खटास आ गई है. पन्नू मामले में अमेरिका की एक अदालत ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल के खिलाफ वारंट तक जारी कर दिया है.
ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद संबंध सुधरते दिखाई दे रहे थे. लेकिन 20 जनवरी को शपथ ग्रहण लेने से पहले ही ट्रंप ने भारत के भारी-भरकम टैक्स स्ट्रक्चर को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. ऐसे में जयशंकर का दौरा अहम हो जाता है.
हालांकि, अभी ये साफ नहीं है कि जयशंकर अमेरिका दौरे के दौरान ट्रंप या फिर उनके संभावित कैबिनेट के किसी सदस्य से मुलाकात करेंगे. ट्रंप के कैबिनेट में भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी के साथ-साथ भारत (हिन्दू) समर्थक तुलसी गबार्ड भी प्रशासन में अहम पद पर नियुक्त होने जा रही हैं.