Breaking News Islamic Terrorism Reports

एके-47 वाली डॉक्टर शाहीन, निकली जैश महिला ब्रिगेड की कमांडर

By Nalini Tewari

दिल्ली में हुए ब्लास्ट की एक अहम किरदार है महिला डॉक्टर शाहीन शाहिद. डॉक्टर्स वाले व्हाइट कॉलर मॉड्यूल की शाहीन शाहिद वो कड़ी है, जो डायरेक्ट आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद से जुड़ी हुई है. बताया जा रहा है कि बेहद ही कट्टर और खौफनाक इरादे रखने वाली शाहीन शाहिद सीक्रेट तरीके से जैश ए मोहम्मद की महिला विंग को खड़ा करने की कोशिश में थी. 

दावा किया जा रहा कि लेडी डॉक्टर शाहीन जैश की महिला विंग जमात उल मोमीनात की इंडिया हेड का जिम्मा संभाल रही थी. उसका टारगेट था कि भारत में महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा आतंकी संगठन में जोड़ा जाए.

हाल ही में खुफिया रिपोर्ट भी सामने आई थी, जिसके मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद, भारत में महिला विंग जरिए बड़े हमले की प्लानिंग कर रहा था. जैश के स्लीपर सेल को भारत में कट्टर महिलाओं को इकट्ठा करने की जिम्मेदारी दी गई थी. अब खुलासा हुआ है कि जैश से जुड़ा शाहीन शाहिद ही वो चेहरा थी, जो डॉक्टर के पेशे की आड़ में खौफनाक साजिश रच रही थी. 

शाहीन शाहिद गिरफ्तार, फरीदाबाद वाले डॉक्टर से कनेक्शन, एके 47 बरामद

डॉक्टर शाहीन शाहिद, फरीदाबाद वाले डॉक्टर मुजम्मिल के डायरेक्ट संपर्क में थी. शाहीन भी फरीदाबाद के उसी अल फलाह मेडिकल यूनिवर्सिटी से जुड़ी हुई थी, जो सवालों के घेरे में है.  

सोमवार को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने जब डॉक्टर शाहीन सिद्दीकी को गिरफ्तार किया था, तब उस दौरान उसके पास से एके-47 राइफल, कई मैगजीन, जिंदा कारतूस और संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं.

पूछताछ में शाहीन शाहिद ने जांच एजेंसियों को सफेदपोश डॉक्टर्स के नेटवर्क के बारे में कई अहम जानकारियां दी हैं.  

शाहीन शाहिद का संदिग्ध व्यवहार, साल 2013 में सीक्रेट तरीके से हो गई थी गायब

लखनऊ की डॉक्टर शाहीन शाहिद कभी कानपुर के प्रतिष्ठित गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल (जीएसवीएम) मेडिकल कॉलेज में लेक्चरर के पद पर तैनात रह चुकी है. पढ़ने में बेहद होशियार शाहीन शाहिद का सेलेक्शन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की कठिन परीक्षा के माध्यम से हुआ था. कानपुर में जीएसवीएम मेडिसिन विभाग में शाहीन शाहिद ने छात्रों को पढ़ाया.

लेकिन साल 2009-2010 के बीच उसका ट्रांसफर कन्नौज के राजकीय मेडिकल कॉलेज में हो गया. लेकिन साल 2013 में बिना किसी को बताए वो अचानक गायब हो गई. कॉलेज प्रशासन लगातार डॉ शाहीन से संपर्क करने की कोशिश करता रहा, कई नोटिस भेजे गए, लेकिन जब कोई जवाब नहीं मिला तो शाहीन को बर्खास्त कर दिया गया.

2013 से गायब हुई शाहीन के बारे में उसके जानने वाले पुराने सहयोगियों को साल 2025 में पता चला, जब उसे गिरफ्तार किया गया है. ऐसे में जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ-साथ यूपी एटीएस शाहीन के कॉलेज के दौरान के संपर्कों, दोस्तों और परिवार की भी जांच कर रही है. 

सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या उसे रेडिक्लाइज़ करके किसी संदिग्ध गतिविधि में फंसा गया था. या वो पहले से ही इस तरह की आतंकी विचारधारा से जुड़ी हुई थी. इन 12 वर्षों में वो कहां थी, क्या कर रही थी. उसके पास से एके 47 बरामद हुई है तो क्या उसने हथियार चलाने की ट्रेनिंग ले रखी थी. ट्रेंनिंग कहां से और किन लोगों से ली, इसका भी जवाब तलाशा जा रहा है. 

अल फलाह मेडिकल कॉलेज में भी अक्सर होती थी गायब, साथी प्रोफेसर के दावे ने किया हैरान

दिल्ली से 45 किलोमीटर दूर हरियाणा के अल-फलाह विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर से हरियाणा पुलिस ने शाहीन के बारे में जानकारी हासिल की है. शाहीन के साथ काम करने वाले प्रोफेसर के मुताबिक, शाहिद का व्यवहार काफी अजीब था. वह बिना किसी को बताए जब मर्जी चली जाती थी. कॉलेज में उससे मिलने कई लोग आते थे. मैनेजमेंट को उनके खिलाफ अक्सर शिकायतें की जाती रही हैं लेकिन हमें उस पर ऐसा कुछ शक नहीं हुआ.

ऑपरेशन सिंदूर का बदला लेने मसूद अजहर की विधवा बहन बना रही आत्मघाती महिलाओं की ब्रिगेड

भारतीय खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के मुताबिक, मसूद अजहर ने आईएस, लिट्टे और बोको हराम जैसे आतंकी संगठनों की तर्ज पर जैश ए मोहम्मद की एक महिला-ब्रिगेड जमात-उल-मोमिनात खड़ा कर रहा है. 

मसूद ने जमात उल मोमिनात की कमान अपनी बहन सादिया अजहर के हाथों में सौंपी है. सादिया अजहर का शौहर यूसुफ अजहर की 6-7 मई को बहावलपुर में भारतीय वायुसेना के ऑपरेशन सिंदूर में मारा जा चुका है. भारत के हवाई हमले के दौरान यूसुफ, जैश ए मोहम्मद के बहावलपुर स्थित हेडक्वार्टर (मरकज शुभानल्लाह) में मौजूद था.

खुफिया जानकारी के मुताबिक 8 अक्टूबर से मसूद ने जमात उल मोमिनात में महिला आतंकियों की भर्ती के लिए रिक्रूटमेंट शुरु कर दी है. शुरुआत में बहावलपुर में ही महिला आतंकियों की भर्ती की जा रही है. अब ये भर्ती कराची, मुजफराबाद, कोटली, हरिपुर और मनशेरा में भी शुरू की गई है.

सादिया और उसकी बहन समायरा अजहर मिलकर ऑनलाइन क्लास चलाकर महिलाओं को आतंकी संगठन से जुड़ने के लिए उनका ब्रेनवॉश कर रही हैं. 

बताया जा रहा है कि डॉक्टर शाहीन शाहिद जमात-उल-मोमिनात की महिला ब्रिगेड की कमांडर थी और उसे भारत में महिला फिदायीन को तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

माना जा रहा है कि आधिकारिक तौर पर इस पूरे नेटवर्क की औपचारिक जानकारी जल्द सार्वजनिक की जा सकती है.

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.