पिछले पांच महीनों से चल रही इजरायल-हमास जंग एक बार फिर तेज हो गई है. गाज़ा के अल-शिफा अस्पताल में इजरायली सेना ने हमास के 90 से ज्यादा आतंकियों को ढेर करने का दावा किया है. लेकिन हमास का आरोप है कि मारे गए लोग आतंकी नहीं मासूम फिलिस्तीनी हैं जो इलाज के लिए अस्पताल में मौजूद थे. यूएन से लेकर पूरी दुनिया में अस्पताल को मैदान-ए-जंग में तब्दील करने को लेकर चिंता की लहर दौड़ गई है.
संयुक्त राष्ट्र (यूनाइटेड नेशन्स यानी यूएन) ने अस्पताल में भर्ती मरीजों, डॉक्टर्स और दूसरे पैरा-मेडिकल स्टाफ को सुरक्षित रखने का आह्वान किया है. पिछले तीन दिनों से फिलीस्तीन के सबसे बड़े अस्पताल अल-शिफा में इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) का हमास के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन चल रहा है. आईडीएफ का आरोप है कि हमास के आतंकियों ने अस्पताल को टेरर-हब बना लिया है और रि-ग्रुप हो रहे हैें.
आईडीएफ के प्रवक्ता ने आधिकारिक तौर से वीडियो बयान जारी कर बताया है कि तीन दिनों से चल रहे ऑपरेशन में 90 आतंकी मारे गए हैं और 250 आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा 300 अन्य लोग संदेह के घेरे में हैं जिन पर हमास के आतंकियों की मदद करने को लेकर पूछताछ चल रही है. आईडीएफ का दावा है कि अभी भी अस्पताल में आतंकी छिपे हुए हैं और मेडिकल स्टाफ तथा इलाज करा रहे है लोगों को ढाल बनाए हुए हैं. आईडीएफ ने अस्पताल के अंदर का वीडियो जारी कर दिखाया कि किस तरह हमास और इस्लामिक जेहाद उत्तरी इजरायल में हमलों के लिए फंड इकठ्ठा कर रहे हैं. इसके अलावा हथियार भी जब्त करने का दावा किया गया है.
वहीं हमास का आरोप है कि अल-शिफा अस्पताल में करीब 7000 लोगों ने शरण ले रखी है. इनमें से बड़ी संख्या में बीमार और घायल लोग हैं जो इलाज के लिए यहां भर्ती हैं.
ये पहला बड़ा ऑपरेशन नहीं है जब इजरायली आर्म्ड फोर्सेज को दुनिया की आलोचना झेलनी पड़ी है. फरवरी के महीने में भी राहत सामग्री बांटने के दौरान भी इजरायली सैनिकों ने फिलिस्तीनियों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी. ड्रोन मे कैद हुए वीडियो में सैकड़ों की तादाद में भीड़ में भगदड़ मचते दिखाई पड़ रही थी. इस नरसंहार में भी 100 से ज्यादा लोगों के मारे जाने और 750 लोगों के घायल होने की रिपोर्ट सामने आई थी.
युद्ध के दौरान मानवाधिकार उल्लंघन और फिलिस्तीनी नागरिकों तक राहत और बचाव सामग्री पहुंचाने को लेकर इजरायल के करीबी देश अमेरिका ने भी आलोचना की है. अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन लगातार इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से युद्ध के दौरान सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं. अमेरिका की तरह भारत भी आतंकवाद के खात्मे का समर्थन जरूर कर रहा है लेकिन सामान्य नागरिकों के मानवाधिकार और मदद पहुंचाए जाने का पक्षधर है.
पिछले साल 7 अक्टूबर को आतंकी संगठन हमास के दक्षिणी इजरायल में हुए हमले के बाद से इजरायली सेना और सरकार ने गाज़ा में युद्ध छेड़ रखा है. आईडीएफ के हमलों में अब तक 30 हजार लोगों के मारे जाने की खबर है जिनमें बड़ी तादाद में बच्चे,महिलाएं और बुजुर्ग शामिल हैं. 7 अक्टूबर को हमास के हमलों में इजरायल के 1100 नागरिकों की जान चली गई थी. इसके अलावा हमास ने इजरायली नागरिकों को बंधक भी बना लिया था. अंतरराष्ट्रीय दखल के बाद हमास ने कुछ इजरायली नागरिकों को जरुर रिहा किया था लेकिन अभी भी कई दर्जन नागरिकों को हमास ने बंधक बनाया हुआ है.
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