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रूस-यूक्रेन जंग में केमिकल हथियारों का इस्तेमाल ?

रूस-यूक्रेन युद्ध में क्या केमिकल हथियारों का इस्तेमाल हो रहा है. ये सवाल इसलिए क्योंकि रूस ने यूक्रेन के खिलाफ ऐसे सबूत इकट्ठा किए हैं जिसमें रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की पुष्टि होती हैं. वहीं इंग्लैंड ने रूस के रेडियोलॉजिकल, बायोलॉजिकल और केमिकल डिफेंस ट्रूप्स और उसके प्रमुख के खिलाफ प्रतिबंध लगा दिया है.

रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा के मुताबिक, यूक्रेन ने केमिकल वेपन कन्वेंशन (सीडब्लूसी) का उल्लंघन किया है. ज़खारोवा का आरोप है कि यूक्रेनी सेना, रूसी सैनिकों के खिलाफ क्लोरीन, अमोनिया, अमोनियम नाइट्रेट और सल्फ्यूरिक एसिड जैसे जहरीले केमिकल का इस्तेमाल कर रही है.  

सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो भी सामने आई हैं जिसमें यूक्रेनी सेना केमिकल बम को ड्रोन के जरिए रूसी बंकर और सैनिकों पर गिरते दिखाई पड़े हैं. इसके अलावा घने जंगल और झाड़-झंखाड़ में केमिकल के जरिए बर्बाद करने के वीडियो भी सामने आए हैं.

रूस का आरोप है कि पश्चिमी देशों की मदद से यूक्रेन बड़ी तादाद में कैमिकल एजेंट्स का इस्तेमाल कर रहा है. ज़खारोवा के मुताबिक, फरवरी 2022 से यानी जब से यूक्रेन के खिलाफ स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन शुरु किया है तभी से संयुक्त राष्ट्र महासभा, यूएन सुरक्षा परिषद और ऑर्गेनाइजेशन फॉर द प्रोहिबिशन ऑफ केमिकल वेपन (ओपीसीडब्लू) में यूक्रेन और पश्चिमी देशों (अमेरिका, फ्रांस, इंग्लैंड और जर्मनी) द्वारा उकसावे की कार्रवाई को भी समय-समय पर साझा किया गया है.

रूस का आरोप है कि यूक्रेन सेना दोनेत्स्क और लुगांस्क प्रांत में स्थित केमिकल प्लांट्स को भी नुकसान पहुंचाकर पर्यावरण के लिए खतरा पैदा करने की तैयारी में है.

रूस के मुताबिक, नाटो (नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन) देशों ने यूक्रेन को एडवांस टॉक्सिक केमिकल डिटेक्शन डिवाइस मुहैया कराए हैं और ट्रेनिंग भी दी है.  

रूस ने आरोप लगाया कि सीरिया और स्क्रिपाल पॉइजनिंग (इंग्लैं) की तरह यूक्रेन के जंग के मैदान में केमिकल-अटैक के फॉल्स-फ्लैग की तैयारी चल रही है.

इसी साल मई के महीने में अमेरिका ने रूस की प्राईवेट कंपनियां पर प्रतिबंध लगाया था. अमेरिका के विदेश विभाग ने रूस के एक सरकारी न्यूज़ चैनल पर प्रसारित रिपोर्ट को आधार बनाकर गंभीर आरोप लगाए थे. रिपोर्ट में दिखाया गया था कि रूसी सेना गैस-ग्रेनेड का इस्तेमाल कर रही है.

ठीक उसी तरह पिछले साल (2023 में) रूस के एक न्यूज चैनल पर यूक्रेन जंग में तैनात रूसी सैनिकों के इंटरव्यू को आधार बनाकर अमेरिका ने गंभीर आरोप लगाए थे. इंटरव्यू में रूसी सैनिक आंसू-गैस के जरिए बंकर में छिपे यूक्रेनी सैनिकों को बाहर निकालने के इस्तेमाल की बात कह रहे थे.

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