भारत पर लगातार टैरिफ का दबाव बनाए जाने को लेकर अमेरिका पर भड़क गया है रूस. रूस ने अपने सहयोगी देश भारत और चीन पर टैरिफ और प्रतिबंध लगाए जाने पर अमेरिका की तीखी आलोचना की है. रूस ने अमेरिका पर निशाना साधते हुए कहा, कि उसके सहयोगी देशों पर आर्थिक दबाव बनान राजनीतिक है. अमेरिका का प्रभुत्व घट रहा है, जिसे ट्रंप स्वीकार नहीं करना चाहते हैं.
भारत पर दबाव को लेकर अमेरिका पर भड़का रूस
सोमवार को रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ को और बढ़ाने की धमकी दी है. अब इस पर रूस की सरकार ने बयान जारी किया है. रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने अमेरिका द्वारा रूस के सहयोगी देशों पर लगाए जा रहे टैरिफ और प्रतिबंधों को गलत बताते हुए मामले को राजनीतिक करार दिया है.
युद्ध-संघर्षों को नहीं रोक सकता कोई भी प्रतिबंध, रूस ने अमेरिका को सुनाया
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा, “हमारा विश्वास है कि कोई भी टैरिफ युद्ध या प्रतिबंध इतिहास के प्राकृतिक घटनाक्रम को नहीं रोक सकता. हम हमारे सहयोगियों, समान विचारधारा वाले देशों और खासकर वैश्विक दक्षिण के अपने सहयोगी देशों का समर्थन करते हैं और इनसे ऊपर हम ब्रिक्स का समर्थन करते हैं. हम अपने सहयोगी देशों के साथ सहयोग को बढ़ाने के लिए तैयार हैं ताकि बहुपक्षीय, समान अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने में मदद की जा सके.”
अमेरिका अपने घटते प्रभुत्व की सच्चाई स्वीकार नहीं करना चाहता: मारिया जाखारोवा
रूस के सहयोगी देशों पर अमेरिका के टैरिफ बढ़ाए जाने पर मारिया जाखारोवा ने कहा “दुर्भाग्य से प्रतिबंध आज के समय की हकीकत है, जिसका असर पूरी दुनिया के देशों पर पड़ा है. अमेरिका अपने घटते प्रभुत्व को स्वीकार नहीं कर पा रहा है और अब दुनिया में बहुपक्षीय अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था उभर रही है, लेकिन इसके बावजूद अमेरिका नव-उपनिवेशवाद एजेंडा चला रहा है. राजनीति से प्रेरित होकर उन देशों पर आर्थिक दबाव बना रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्वतंत्र होकर फैसले ले रहे हैं.”
रूसी प्रवक्ता ने कहा, “अमेरिका का यह कदम मुक्त व्यापार के उन सिद्धांतों का ही उल्लंघन है, जिसकी वकालत पश्चिमी देश ही करते थे. अब संरक्षणवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है और मनमाने तरीके से टैरिफ और प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं.”
मॉस्को पहुंचे एनएसए अजीत डोवल
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ धमकी के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोवल रूस के साथ रणनीतिक साझेदारी और रक्षा संबंधों पर चर्चा करने के लिए मास्को पहुंच गए हैं. एनएसए की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका और भारत के बीच रूस से तेल और हथियारों के आयात को लेकर तनाव बढ़ गया है. अगले महीने रूस में होने वाली मल्टीनेशन मिलिट्री एक्सरसाइज में भारतीय सेना के हिस्सा लेने पर भी चर्चा होगी।