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अमेरिका की ब्राजील में तख्तापलट की साजिश, लूला ने लगाया गंभीर आरोप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुंह पर कुछ भी बोल देने की ताकत रखने वाली ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा ने अमेरिका पर तख्ता पलटने का गंभीर आरोप लगाया है. ट्रंप और लूला डी सिल्वा एक दूसरे को बिलकुल पसंद नहीं करते हैं. 

डॉलर के मुकाबले ब्रिक्स मुद्रा की पैरवी करने वाले ब्राजील के राष्ट्रपति का दावा है कि अमेरिका ने उन्हें सत्ता से हटाने की कोशिश की थी. 

हालांकि लूला ने ये खुलासा नहीं किया कि ऐसा कब हुआ था, लेकिन पिछले साल सितंबर के महीने में ब्राजील में ट्विटर (एक्स) बैन को लेकर जब जनता सड़क पर उतर आई थी. माना जा रहा है कि लूला का इशारा उसी प्रदर्शन को लेकर है.

मैं ये कभी नहीं भूलूंगा कि ट्रंप ने मेरा तख्तापलट करने की कोशिश की: ब्राजील के राष्ट्रपति

लूला ने चेतावनी दी कि ब्राजील वैश्विक मंच पर अपने हितों की रक्षा के लिए तैयार है. लूला ने कहा, “हम अमेरिका से व्यापार तैयार करेंगे, जब हमें बराबर का दर्जा दिया जाएगा. मैं यह नहीं भूलूंगा कि उन्होंने पहले ही यहां तख्तापलट करने में मदद की है.” 

लूला ने कहा, “ब्राजील अब आर्थिक रूप से अमेरिका पर निर्भर नहीं है. हमारी इकोनॉमी विस्तारित वैश्विक व्यापार संबंधों और मजबूत घरेलू बुनियादी ढांचों पर निर्भर है. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए अमेरिकी डॉलर का विकल्प तलाशना जरूरी है.”

अमेरिका के आगे ब्राजील नहीं झुकेगा: लूला डी सिल्वा

लूला ने कहा, “ब्राजील डोनाल्ड ट्रंप के साथ व्यापार वार्ता के लिए तैयार है, लेकिन केवल तभी जब उनके देश को अमेरिका के बराबर माना जाए. हम अमेरिकी राष्ट्रपति के राजनीतिक दबाव के आगे नहीं झुकेंगे. हम बातचीत करना चाहते हैं. हम समान शर्तों पर बातचीत करना चाहते हैं. देखिए, जब आप बातचीत के लिए तैयार हों, तो हमारे प्रस्ताव आपके सामने हैं.”

ट्रंप ने की थी लूला का तख्तापलट की कोशिश

पिछले साल सितंबर (2024) में हजारों-लाखों की तादाद में लोगों के ब्राजील की सड़कों पर आने से राजनीतिक भूचाल आ गया था. इस आंदोलन को पूर्व राष्ट्रपति बोलसोनारो ने हवा देने का काम किया था. बोलसोनारो को ट्रंप का करीबी माना जाता है.

ब्राजील में लोग अपने देश के राष्ट्रीय झंडे के रंग की हरी-पीली टी-शर्ट पहनकर सड़कों पर उतर आए थे. इन प्रदर्शन का सबसे ज्यादा असर साओ पाउलो में देखने को मिला था. यहां तक की विरोध कर रही जनता ने सरकार द्वारा आयोजित स्वतंत्रता-दिवस समारोह तक का बॉयकॉट कर दिया था. 

दरअसल, ब्राजील की सुप्रीम कोर्ट ने अपने देश में एलन मस्क के एक्स पर प्रतिबंध लगा दिया था.  एक्स ने खास विचारधारा रखने वाले कुछ लोगों के अकाउंट को ब्लॉक कर दिया था. इसके विरोध में लोगों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया तो सुप्रीम कोर्ट ने एक्स के अधिकारियों को तलब किया था.

एक्स के मालिक एलन मस्क ने अपने लीगल अधिकारियों को सुप्रीम कोर्ट में पेश होने के बजाए देश छोड़ने का आदेश दे दिया था. लीगल ऑफिसर की नियुक्ति न करने से सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी दिखाई तो मस्क ने ब्राजील स्थित अपने सभी दफ्तरों पर ताले डाल दिए. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने ब्राजील में एक्स पर बैन लगा दिया. 

ब्राजील की सरकार ने वीपीएन (वर्चुअल प्राईवेट नेटवर्क) के जरिए एक्स के इस्तेमाल करने वाले यूजर्स पर 9000 डॉलर का जुर्माना लगाने का आदेश दे दिया. सरकार के एक्स के इस्तेमाल पर लगाए गए भारी जुर्माने से लोग जबरदस्त भड़क गए थे.

दुनिया को किसी शहंशाह की जरूरत नहीं: लूला डी सिल्वा

ब्राजील के राष्ट्रपति, ट्रंप के टैरिफ लगाने से भड़के हैं. ब्राजील में पिछले महीने हुई ब्रिक्स की बैठक के बाद लूला डी सिल्वा ने ने ट्रंप की टैरिफ धमकी पर दो टूक कह दिया था कि दुनिया को किसी शहंशाह की जरूरत नहीं है. 

लूला ने कहा कि “वैश्विक व्यापार केवल अमेरिकी डॉलर पर निर्भर नहीं होना चाहिए. दुनिया को ऐसा तरीका खोजने की जरूरत है जिससे हमारे व्यापारिक संबंधों को डॉलर के माध्यम से आगे न बढ़ना पड़े.”

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