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जिनपिंग वाला फोन अमेरिका ट्रेस नहीं कर पाएगा, मादुरो की चुनौती

“11 मुल्कों की पुलिस मुझे ढूंढती है, लेकिन कोई पकड़ पाया है क्या?” बॉलीवुड के मशहूर इस डायलॉग की तरह वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने दी है अमेरिका को चुनौती. अमेरिका ने निकोलस मादुरो के सिर पर 50 मिलियन डॉलर (करीब 417 करोड़ रुपये) का इनाम रखा है. 

निकोलस मादुरो ने दावा किया है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियां उनके फोन तक नहीं पहुंच सकतीं, उन्हें पकड़ना तो दूर की बात है. मादुरो ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से गिफ्ट में मिले एक स्मार्टफोन दिखाया है और कहा कि यह दुनिया का सबसे सुरक्षित और बेहतरीन फोन है. जिसे अमेरिका ट्रेस नहीं कर सकता.

मेरे पास जिनपिंग का तोहफे वाला फोन, राष्ट्रपति मादुरो ने अमेरिका को चिढ़ाया

मादुरो ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से तोहफे में मिला हुआ एक हुआवे कंपनी का मेट एक्स 6  स्मार्टफोन दिखाया है. और फोन को दिखाते हुए कहा है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी इस फोन का कुछ भी सुराग हासिल नहीं कर सकती. 

मादुरो ने कहा, यह दुनिया का सबसे सुरक्षित और बेहतरीन फोन है. अमेरिका न तो अपने जासूसी विमानों से और न ही सैटेलाइट से इस फोन को हैक कर सकता है. 

चीन-अमेरिका में साइबर वॉर, चीनी कंपनी से अमेरिका का विवाद पुराना

मोबाइल कंपनी हुआवे और अमेरिका का विवाद नया नहीं है. 2013 में अमेरिकी व्हिसिलब्लोवर और कॉन्ट्रैक्टर एडवर्ड स्नोडेन के खुलासों से पता चला था कि अमेरिकी एनएसए ने हुआवे के चीन स्थित सर्वरों तक पहुंच बनाई थी. उनका लक्ष्य हुआवे प्रोडक्ट्स के जरिए दुनिया भर के नेटवर्क्स की निगरानी करना था. 

पिछले कुछ महीनों में अमेरिका पर साइबर अटैक हो चुके हैं, जिसका आरोप चीन पर लगाया गया है. ये कोई पहली कोशिश नहीं है, चीनी जासूस ने तो पेंटागन तक पहुंच बना ली थी.

हमारा देश शांतिपूर्ण, अमेरिकी धमकियों के आगे नहीं झुकेंगे: मादुरो

राष्ट्रपति मादुरो ने कैरिबियन सागर में अमेरिकी सैन्य तैनाती की धमकी की निंदा की. कहा,”कैरिबियन में संयुक्त राज्य अमेरिका की सैन्य तैनाती का उद्देश्य उनकी सरकार को उखाड़ फेंकना है, और यदि अमेरिकी सेना द्वारा उन पर हमला किया जाता है तो वे हथियारों से लैस गणराज्य की घोषणा करने के लिए तैयार हैं.”

मादुरो ने कहा, “हम अमेरिकी धमकियों के आगे नहीं झुकेंगे. हमें अपनी रक्षा करना आता है.”

अमेरिका ने मादुरो को बताया है ड्रग्स तस्करी का सरगना

हाल ही में अमेरिकी विदेश सचिव (मंत्री) मार्को रुबियो ने वेनेजुएला के राष्ट्रपति को ड्रग्स तस्करी का किंगपिन करार दिया है. रुबियो के मुताबिक मादुरो के कहने पर ही अमेरिका में खतरनाक ड्रग्स की तस्करी की जा रही है. 

अमेरिकी जांच एजेंसी के मुताबिक वेनेजुएला दुनिया भर में ड्रग तस्करी के लिए एक ब्रिज की तरह काम करता है. वेनेजुएला के रास्ते प्रत्येक साल करीब 250 मिट्रिक टन ड्रग्स की तस्करी की जाती है.

अमेरिकी ड्रग एनफोर्समेंट एजेंसी (डीईए) ने मादुरो और उनके सहयोगियों से जुड़े 30 टन से अधिक कोकीन जब्त की थी. जिसमें से करीब 7 टन खुद मादुरो से जुड़ी बताई गई. इसके अलावा डीईए ने 700 मिलियन डॉलर से अधिक की संपत्तियां भी सीज कीं, जिसमें दो प्राइवेट जेट और नौ वाहन हैं.

अमेरिका और वेनेजुएला के बीच पुरानी दुश्मनी, रूस-चीन के करीबी माने जाते हैं मादुरो

पिछले साल मादुरो ने बिना चुनाव नतीजे घोषणा करते हुए सत्ता फिर से संभाल ली थी. अमेरिका, यूरोपीय संघ और कई लैटिन अमेरिकी सरकारों के विरोध के बावजूद मादुरो ने वेनेजुएला में अपनी स्थिति मजबूत रखी हुई है. 

साल 1999 में दक्षिणी अमेरिकी इस देश की कमान ह्यूगो चावेज को मिली. चावेज ने अमेरिका के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. मादुरो को चावेज का ही शिष्य माना जाता है. 

पिछले साल हुए चुनाव में अमेरिका ने मादुरो पर धांधली का आरोप लगाया था. अमेरिका का आरोप था कि चीन और रूस जैसे देशों की शह पर मदुरो ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बाधित किया. अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देश मादुरो को तानाशाह बताते हैं.

सितंबर 2024 में दक्षिण अमेरिकी देश वेनेजुएला ने यूएस इंटेलिजेंस एजेंसी, सीआईए पर तख्तापलट के सनसनीखेज आरोप लगाते हुए छह विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया था और बड़ी संख्या में हथियार जब्त किए. जिन विदेशी नागरिकों को वेनेजुएला ने गिरफ्तार किया है उनमें एक अमेरिकी नेवी सील कमांडो शामिल था, दो अन्य अमेरिकी नागरिकों के अलावा दो स्पेनिश और एक चेक गणराज्य का नागरिक थे.

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