Breaking News Geopolitics IOR Reports

समंदर में फिर ड्रग्स की खेप जब्त, श्रीलंकाई नौसेना ने की पकड़ने में मदद

समंदर में ड्रग्स की बड़ी खेप पकड़े जाने का सिलसिला जारी है. अंडमान निकोबार में 36 हजार करोड़ की ड्रग्स की खेप पकड़े जाने के बाद अब अरब सागर में 500 किलो नारकोटिक्स मेथ-क्रिस्टल पकड़ा गया है. भारतीय नौसेना ने श्रीलंकाई नेवी के इनपुट पर दो बोट्स को इंटरसेप्ट कर ये खेप पकड़ी.

भारतीय नौसेना ने इस ऑपरेशन के लिए पी8आई टोही विमान सहित दो युद्धपोतों का इस्तेमाल किया. दोनों बोट्स को पकड़ने के बाद नेवी ने श्रीलंकाई नौसेना को सौंप दिया.

भारतीय नौसेना के प्रवक्ता, कमांडर विवेक मधवाल के मुताबिक, गुरूग्राम (दिल्ली) स्थित इंफॉर्मेशन फ्यूजन सेंटर (आईएफसी)-हिंद महासागर को श्रीलंकाई नौसेना से अरब सागर में ड्रग्स की खेप के साथ मछुआरों की दो बोट्स की जानकारी दी थी.

आईएफसी की सूचना पर भारतीय नौसेना ने दोनों श्रीलंकाई बोट्स की खोजबीन के लिए पी8आई लॉन्ग रेंज पैट्रोल एयरक्राफ्ट और रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट (आरपीए) को अरब सागर की निगरानी के लिए उतारा.

एयर-सर्विलांस से मिली जानकारी के आधार पर दोनों बोट्स को इंटरसेप्ट करने के लिए नौसेना ने एक युद्धपोत को मौके पर भेजा. मार्कोस (मरीन कमांडोज़) ने बोट पर जाकर तलाशी ली तो नारकोटिक्स ड्रग्स छिपी होने की जानकारी पुख्ता निकली. एंटी-नारकोटिक्स ऑपरेशन के लिए नौसेना ने एक अन्य युद्धपोत को मौके पर भेजा.  

भारतीय नौसेना ने बाद में दोनों बोट्स, क्रू और जब्त की गई ड्रग्स श्रीलंकाई नेवी को सौंप दिया ताकि कानूनी कार्यवाही की जा सके.

कमांडर मधवाल के मुताबिक, इस ऑपरेशन से भारत और श्रीलंका के बीच संबंधों के साथ-साथ दोनों देशों की नौसेनाओं की आपसी तालमेल और सहयोग भी दिखाई पड़ता है. साथ ही दोनों देशों की नौसेनाओं की हिंद महासागर को सुरक्षित रखने के संकल्प को भी दर्शाता है.

मंगलवार को भारतीय तटरक्षक बल ने अंडमान निकोबार द्वीर समूह के करीब म्यांमार की एक फिशिंग बोट से छह टन (6000 किलो) नारकोटिक्स मेथाएम्फेटाइन जब्त की गई थी. ये भारत की समुद्री सीमा में पकड़ी गई अब तक की सबसे बड़ी ड्रग्स की खेप थी. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस खेप की कीमत करीब 36 हजार करोड़ आंकी गई है. (समंदर के रास्ते ड्रग्स स्मगलिंग, Golden Crescent के भंवर-जाल में फंसा भारत)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *