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अराकान आर्मी से पंगा, बांग्लादेश को पड़ेंगे खाने के लाले

भारत से अदावत पर उतरे बांग्लादेश को आने वाले दिनों में खाने के लाले पड़ सकते हैं. लेकिन इसका कारण भारत नहीं बल्कि दूसरे पड़ोसी देश म्यांमार के कारण. बांग्लादेश से सटी म्यांमार सीमा पर विद्रोही संगठन अराकान आर्मी ने कब्जा कर लिया है. ऐसे में म्यांमार से बांग्लादेश को होने वाली चावल की सप्लाई बंद होने जा रही है.

बांग्लादेश में पहले से ही चावल की किल्लत है और भारत से 50 हजार टन की मांग की है. भारत की तरफ से बांग्लादेश की डिमांड पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. (पूर्व) प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग कर बांग्लादेश ने पहले ही भारत से संबंधों को बिगाड़ लिया है.

म्यांमार सीमा पर अराकान आर्मी का कब्जा

बांग्लादेश के लिए नया खतरा म्यांमार के रखाइन प्रांत से सामने आ रहा है. रखाइन प्रांत को पूरी तरह से विद्रोहियों ने अपने कब्जे में कर लिया है. इसी रखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों रहते हैं. लेकिन पिछले हफ्ते विद्रोही अराकान आर्मी ने बांग्लादेश से सटी म्यांमार की आखिरी चौकी पर कब्जा कर लिया. इसके मायने ये है कि 270 किलोमीटर लंबी म्यांमार सीमा अब पूरी तरह से अराकान आर्मी के कब्जे में है.

अराकान आर्मी का दावा है कि म्यांमार जुंटा (मिलिट्री शासन) की पश्चिमी कमांड पर अब विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया है. अराकान आर्मी के दावे वाले वीडियो भी इस दौरान सामने आए हैं जिसमें म्यांमार के सैनिकों को बंदी बनाकर ले जाया जा रहा है.

कुछ वीडियो में रोहिंग्या मुसलमानों को भी एक जगह से दूसरी जगह ले जाते हुए दिखाया गया है. बांग्लादेश का आरोप है कि हाल के दिनों में करीब 60 हजार रोहिंग्या मुस्लिम म्यांमार सीमा पार कर कॉक्स बाजार इलाके में पहुंच गए हैं. (https://x.com/salah_shoaib/status/1867773086298497275)

बांग्लादेश में पहले से ही करीब 10 लाख रोहिंग्या समुदाय के लोगों ने बांग्लादेश में शरण ले रखी है. म्यांमार ने रोहिंग्या मुसलमानों को वापस लेने से भी साफ इंकार कर दिया है. (https://x.com/SouleFacts/status/1868975154535219536)

म्यांमार के बंदरगाहों पर अराकान आर्मी का कस्टम डिपार्टमेंट

अराकान आर्मी ने ना केवल बांग्लादेश से सटे लैंड बॉर्डर बल्कि समुद्री सीमाओं पर कब्जा कर लिया है. साथ ही रखाइन प्रांत के मोंगदो बंदरगाह पर भी अपने अधीन कर लिया है. ऐसे में मोंगदो बंदरगाह पर कस्टम विभाग भी अब आराकान आर्मी के अंतर्गत हैं.

हाल ही में म्यांमार से सटे कॉक्स बाजार इलाके के टेकनफ पोर्ट पर मोंगदो बंदरगाह से चावल की एक खेप पहुंची तो बांग्लादेश का कस्टम डिपार्टमेंट भौचक्का रह गया. क्योंकि चावल की खेप लेकर पहुंचे बांग्लादेशी व्यापारी के पास आराकान आर्मी के मुहर वाली कस्टम दस्तावेज थे.

बांग्लादेश ने अराकान आर्मी को मान्यता देने से किया इंकार

जैसे ही ये खबर बांग्लादेश की राजधानी ढाका पहुंची तो अंतरिम सरकार ने आराकान आर्मी से किसी भी तरह का संबंध रखने से साफ इंकार कर दिया.

दरअसल, पिछले हफ्ते थाईलैंड में म्यांमार के संकट को लेकर छह देशों की एक खास बैठक हुई थी. बैठक में म्यांमार और थाईलैंड के अलावा पड़ोसी देश भारत, बांग्लादेश, लाओस और चीन के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था.

थाईलैंड की बैठक में बांग्लादेश ने मारी पांव पर कुल्हाड़ी

थाईलैंड में हुई बैठक में बांग्लादेश के विदेश मंत्री (एडवाइजर) तौहीद हुसैन ने अराकान आर्मी से किसी भी तरह का संबंध रखने से साफ इंकार कर दिया. साथ ही म्यांमार से रोहिंग्या शरणार्थियों को वापस लेने की मांग की.

बांग्लादेश के नए विदेश मंत्री की मांग और विद्रोहियों से संबंध ना रखने वाले बयान से अराकान आर्मी गुस्सा गई है और बांग्लादेश को चावल सहित बाकी जरूरी सामान की सप्लाई रखाइन प्रांत से बंद कर दी है.