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बलिदानी सैनिकों के घर पहुंची सेना, कारगिल विजय दिवस बनेगा खास

ऑपरेशन सिंदूर के बाद एक बार फिर पाकिस्तान के जख्म पर भारत ने नमक छिड़क दिया है. भारत कारगिल में पाकिस्तान को पटखनी की याद दिला रहा है, विजय दिवस की 26वीं वर्षगांठ के अवसर पर भारतीय सेना, बलिदानियों के घर-घर पहुंचकर वीर सैनिकों के परिवारवालों से मिल रही है. भारतीय सेना लोगों को याद दिला रही है कि देश के वीर सपूतों ने अदम्य साहस और शौर्य की प्रकाष्ठा दिखाते हुए किस प्रकार मां भारती के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था.

कारगिल के बलिदानियों के घर जा रही है भारतीय सेना

भारतीय सेना उन सभी वीर सेनानियों के घर-घर जाकर सम्मानपूर्वक स्मृति चिन्ह भेंट कर रही है, जिन्होंने करगिल युद्ध में वीरगति प्राप्त की थी. भारतीय सेना परिवारवालों से अपनी प्रतिबद्धता जता रहा है कि “हम अपने वीर साथियों को कभी नहीं भूलते और न कभी भूलेंगे. यह हमारा कर्तव्य और हमारी भावना है कि हम उनके परिजनों को बताएं कि हमारे वीर सेनानियों का बलिदान व्यर्थ नहीं गया है. हमारे वीर बलिदानियों का परिवार अकेला नहीं है, भारतीय सेना उसका परिवार है और पूरी भारतीय सेना हमेशा उनके साथ खड़ी है.”

वीर चक्र विजेता कैप्टन विजयंत थापर के घर पहुंचे सेना के अधिकारी

दिल्ली से सटे नोएडा क्षेत्र में भारतीय सेना के अधिकारी वीरगति को प्राप्त कैप्टन विजयंत थापर वीर चक्र के घर पहुंचे तथा परिजनों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया.  सैन्य अधिकारियों ने उनके पिता व भारतीय सेना के सेवानिवृत्त कर्नल वीएन थापर से मुलाकात की.

सेना के इस कदम से वीर सैनिकों के परिवारवाले भावुक हो गए. इस दौरान हर चेहरा गर्व से भरा हुआ था अंतत: सभी ने भारत माता की जय और वीर जवान अमर रहे  के नारे लगाए.

545 परिवारों तक पहुंचेंगे सेना के अफसर

कारगिल युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों के 545 परिवारों से सेना के प्रतिनिधि मुलाकात कर रहे हैं. कारगिल विजय दिवस यानी 26 जुलाई तक इन सभी बलिदानियों के परिजनों से मुलाकात की जाएगी.

इस पूरे अभियान में सेना की टीमें देश के 25 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में सैनिकों के घर जाएंगी. यह अभियान सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं रहेगा. भारतीय सेना के गोरखा रेजिमेंट में शामिल नेपाली गोरखा सैनिकों ने भी अपना बलिदान दिया था. सेना के अफसर नेपाल जाकर वीर शहीदों के परिवार वालों से मुलाकात करेंगे.

कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को मिली थी करारी हार

साल 1999 में ‘ऑपरेशन विजय’ की सफलता और दुश्मन से कारगिल की चोटियों को दोबारा प्राप्त करने की याद में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. हर साल कारगिल वॉर मेमोरियल पर सैनिकों के परिवार को न्योता दिया जाता है, इस बार सेना उन शहीदों के घर जाकर सम्मान देने का अभियान शुरू किया गया है. पिछले साल कारगिल युद्ध विजय दिवस की 25वीं वर्षगांठ के दौरान खुद पीएम मोदी द्रास वॉर मेमोरियल पहुंचे थे.

26 जुलाई 2025 तक चलने वाले दो माह लंबे समारोह में उन बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जाएगी, जिन्होंने राष्ट्र की सीमाओं की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया.. 

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