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जीपी सिंह ने संभाली सीआरपीएफ की कमान, असम के डीजी पद पर थे तैनात

असम के पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने सीआरपीएफ डीजी के तौर पर पदभार संभाल लिया है. असम-मेघालय कैडर के 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी जीपी सिंह ने ऐसे समय में देश के सबसे बड़े केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की कमान संभाली है, जब सीआरपीएफ को गणतंत्र दिवस परेड में बेस्ट मार्चिंग दस्ता के अवार्ड से सम्मानित किया गया है.

इसी महीने की 19 तारीख को केंद्र सरकार ने जीपी सिंह को सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) का नया महानिदेशक नियुक्त करने की घोषणा की थी. जीपी सिंह पिछले एक साल से असम पुलिस की कमान संभाल रहे थे.

गुरूवार को राजधानी दिल्ली स्थित सीआरपीएफ मुख्यालय पर जीपी सिंह का स्वागत किया गया और पारंपरिक तौर से गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया.

अपने ऑफिस में जीपी सिंह ने सीआरपीएफ के सीनियर अधिकारियों से मुलाकात की. साथ ही गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने वाली टुकड़ी के अधिकारियों से भी मुलाकात की जिन्हें बेस्ट मार्चिंग दस्ते का अवार्ड दिया गया है. (https://x.com/crpfindia/status/1884881759096947131)

आंतरिक सुरक्षा की नोडल एजेंसी हैं सीआरपीएफ

सीआरपीएफ में इस समय साढ़े तीन लाख जवान हैं और आंतरिक सुरक्षा के ले एक नोडल एजेंसी मानी जाती है. जम्मू कश्मीर में धारा 370 के बाद शांति स्थापित करने में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का एक बड़ा योगदान रहा है. साथ ही पिछले कुछ सालों में नक्सलियों को छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों तक सीमित करने में भी सीआरपीएफ और उसकी सहायक कमांडो बटालियन (कोबरा) ने एक अहम भूमिका निभाई है.

मणिपुर में जातीय हिंसा काबू करने के लिए किया गया तैनात

केंद्र सरकार ने मणिपुर में भड़की जातीय हिंसा के बाद सीआरपीएफ की भी बड़ी संख्या में तैनाती की है. सीआरपीएफ के ही पूर्व डीजी कुलदीप सिंह को ही मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का ओएसडी नियुक्त किया गया है.

नए डीजी ने क्या दिया जवानों को संदेश

अपने पहले संदेश में जीपी सिंह ने सीआरपीएफ को आम लोगों और बौद्धिक जगत से लेकर टेक्निकल समुदाय से दूरियां कम करने का आह्वान किया. महानिदेशक ने बल के आर्दश-वाक्य सेवा और निष्ठा तथा राष्ट्र-प्रथम के मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता जताई.

जीपी सिंह की एक पुत्री एजीएमयूटी (अगमुट) कैडर की आईपीएस अधिकारी हैं और इनदिनों राजधानी दिल्ली में एसीपी के पद पर तैनात हैं.