एससीओ की बैठक के ज्वाइंट मसौदे में पहलगाम नरसंहार की खिलाफत करने वाला पाकिस्तान खून के आंसू रोने को मजबूर है. पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के उत्तरी वजीरिस्तान जिले में बड़ा आत्मघाती अटैक हुआ है. हमले में आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे वाहन को सैन्य काफिले में टक्कर मार दी. हमले में 16 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई, जबकि 10 घायल हो गए. वहीं इस विस्फोट में 19 से ज्यादा नागरिक भी घायल हुए हैं.
पाकिस्तान में अटैक, 16 सैनिकों की मौत
खैबर पख्तूनख्वा के मीर अली के खादी मार्केट में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब विस्फोटकों से भरा वाहन पाकिस्तानी सेना के काफिले से टकराया. बताया जा रहा है कि सेना का बम निरोधक दस्ता एक जगह से दूसरी जगह जा रहा था. इस दौरान विस्फोटकों से भरी एक गाड़ी, सैन्य वाहन से टकरा गई. धमाका इतना जोरदार था कि दूर-दूर तक आवाज सुनी गई. विस्फोट के कारण दो घरों की छतें भी गिर गईं, जिससे छह बच्चे घायल हो गए. मौके पर चीखपुकार मच गई. 16 सैनिकों की मौत हो गई, जबकि महिला, बच्चों समेत 19 नागरिकों को भी चोटें आई हैं.
टीटीपी के उसूद उल हरब ने ली हमले की जिम्मेदारी
विस्फोटक भरा वाहन टकराया वो सेना का बम निरोधक दस्ता का वाहन था. हमले की जिम्मेदारी टीटीपी गुट के उसूद उल हरब ने ली है. यह इत्तेहाद उल मुजाहिद्दीन और हाफिज गुल बहादुर ग्रुप से जुड़ा माना जाता है. इस हमले पहले आतंकियों ने दक्षिणी वजीरिस्तान में जंडोला चेकपोस्ट के पास फ्रंटियर कोर के एक कैंप में आत्मघाती हमला किया था.
खैबर पख्तूनख्वा की इस हालत की जिम्मेदार है मुनीर की सेना
पाकिस्तान का खैबर पख्तूनख्वा इलाका अशांत है. खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकी हमले तेजी से बढ़े हैं. मार्च में ही बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के विद्रोहियों ने गुडालार और पीरू कुनरी के नजदीक जाफर एक्सप्रेस ट्रेन पर हमला किया था. सैनिकों और अफसरों को किडनैप कर लिया था. दरअसल पाकिस्तान के बलूचिस्तान में लड़ाके इसलिए हमले कर रहे हैं, क्योंकि बलोच, चीनी निवेश और इकोनॉमिक कॉरिडोर का विरोध कर रहे हैं. बलूचिस्तान एक अलग देश बनाना चाहते हैं, तो स्वतंत्र हो और पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से दूर हो.
ह्यूमन राइट्स वॉच और एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसे अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने बलूचिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघन को लेकर हमेशा चिंता जताई है. पाकिस्तानी सेना पर बलूच कार्यकर्ताओं, छात्रों और पत्रकारों की हत्या का आरोप लगता है. हाल ही में जब असीम मुनीर अमेरिकी का दौरे पर गए थे तो पाकिस्तानी नागरिकों ने मुनीर के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया