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बांग्लादेश में गृह-युद्ध, पुलिस की अनिश्चितकालीन हड़ताल

बांग्लादेश में गृह युद्ध जैसी स्थिति बनती जा रही है. सेना ने अंतरिम सरकार का गठन जरुर किया है लेकिन अब बांग्लादेश पुलिस ने ही हड़ताल की घोषणा कर दी है. पुलिस एसोसिएशन ने सेना की ज्यादतियों के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान कर दिया है. नतीजा ये है कि राजधानी ढाका तक में ट्रैफिक मैनेजमेंट से लेकर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा तक के लिए कोई पुलिसकर्मी मौजूद नहीं है.

प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़कर जाने के बाद से ही अराजक तत्व बांग्लादेश के थानों और पुलिसकर्मियों पर हमले कर रहे हैं. एक अनुमान के मुताबिक, करीब 450 पुलिस थानों को अब तक निशाना बनाया जा चुका है. ढाका में पुलिस हेडक्वार्टर तक को आग के हवाले कर दिया गया.

इसके साथ ही बांग्लादेश आर्मी के हाथ में देश की कमान आते है पुलिसकर्मियों को हिरासत में लेना शुरु कर दिया गया है. सेना ने उन पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार करना शुरु कर दिया है जिन्होंने पिछले एक महीने में प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई थी या फिर भीड़ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए थे.

सोशल मीडिया पर ऐसी तस्वीर सामने आई हैं जिसमें सैनिकों की मौजूदगी में बांग्लादेशी पुलिसकर्मी अर्धनग्न अवस्था में फर्श पर भीड़-बकरियों की तरह गिरे पड़े हुए हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि सैनिकों ने उनकी जमकर पिटाई की है.

शेख हसीना के इस्तीफे के दिन बांग्लादेश आर्मी के चीफ जनरल वकार उज जमां ने देशवासियों को भरोसा दिलाया था कि पिछले एक महीने के दौरान जिन प्रदर्शनकारियों की पुलिस फायरिंग में जान गई है उन्हें इंसाफ दिलाया जाएगा. हालांकि, प्रदर्शन के दौरान पुलिसकर्मियों की मौत की घटनाएं भी सामने आई थीं.

पिछले एक महीने से चल रहे विरोध-प्रदर्शन में 400 से ज्यादा नागरिकों की मौत हुई है सैकड़ों की तादाद में लोग घायल हुए हैं. मारे जाने वालों में पुलिसकर्मी भी शामिल हैं.

उग्र भीड़ का गुस्सा और सेना की ज्यादतियों के खिलाफ बांग्लादेश पुलिस एसोसिएशन ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया है. संगठन की मांग है कि जब तक  सभी पुलिसकर्मियों की सुरक्षा की गारंटी नहीं मिल जाती, अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी.