एक बार फिर जल रहा है बांग्लादेश. अल्पसंख्यकों को सुरक्षा देने में असमर्थ बांग्लादेश में अब ये आवाज उठाई गई है कि देश को भारत का अंग बना दिया जाए.
बांग्लादेश के छगराछारी जिले में एक आदिवासी स्कूली छात्रा के साथ गैंगरेप की घटना के बाद बांग्लादेश में तनाव फैल गया है. विरोध प्रदर्शन के दौरान आदिवासी बाहुल्य इलाके में भड़की हिंसा में 3 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं. इलाके में भयंकर तनाव है.
जिस जगह तनाव है, वो भारत और म्यांमार की सीमा से सटे चटगांव पहाड़ी क्षेत्र के तीन पहाड़ी जिलों में से एक है. वैसे भी चटगांव बेहद संवेदनशील जगह है, जहां पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों की पहुंच है. चटगांव के कट्टरपंथियों का पाकिस्तान भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने की कोशिश में है, जिसे लेकर भारत की खुफिया एजेंसी हाईअलर्ट हैं.
चटगांव में प्रदर्शन, बांग्लादेश को भारत का हिस्सा बनाने की मांग
बांग्लादेश के चटगांव में बौद्ध और हिंदू समुदायों पर हमलों, हत्याओं और बलात्कार की घटनाओं के बाद प्रदर्शन किया गया है. इस प्रदर्शन में बांग्लादेश को भारत का अभिन्न अंग बनने की मांग बनाए जाने की आवाज उठाई गई है. प्रदर्शनकारियों ने कहा, बांग्लादेश में हिंदू, बौद्ध जैसे अल्पसंख्यक सुरक्षित नहीं हैं. बांग्लादेश को भारत का अंग बना दिया जाना चाहिए.
बांग्लादेश ने फैली अशांति का ठीकरा भारत पर फोड़ा
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के गृह सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाए हैं. आलमगीर चौधरी ने कहा है कि खगराछारी में मौजूदा अशांति के पीछे भारत है.
पाकिस्तान पसंद जहांगीर आलम चौधरी ने कहा, “दुर्गा पूजा के शांतिपूर्ण उत्सव को सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक उपाय किए गए हैं, लेकिन एक स्वार्थी वर्ग त्योहार को बाधित करने की कोशिश कर रहा है. तनाव भारत या फासीवादियों के उकसावे पर हो रहा है. हम पूरी एहतियात बरत रहे हैं.”
जहांगीर आलम चौधरी, “कुछ आतंकवादी पहाड़ियों की चोटियों से गोलियां चला रहे हैं। ये हथियार अक्सर देश के बाहर से आते हैं.”
बांग्लादेश है भारत का अभिन्न अंग: पूर्व एनएसए एम के नारायणन
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के पूर्व एनएसए एम के नारायणन ने एक बड़ा बयान देेते हुए बांग्लादेश को भारत का अभिन्न हिस्सा बताया था. एम के नारायणन ने कहा था कि “हमें बांग्लादेश को नहीं खोना चाहिए क्योंकि यह भारत का अभिन्न अंग है. भारत-बांग्लादेश की दोस्ती पुरानी है. भारत के साथ कुछ समस्याएं रही हैं, लेकिन अगर हम व्यापक रूप से देखें तो पूरा एशिया में कहीं न कहीं छोटे- मोटे संघर्ष जारी है, फिर चाहे वह संघर्ष राजनीति हो या कोई अन्य.”
बांग्लादेश में बढ़ा हिंदुओं पर अत्याचार
पिछले साल अगस्त में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ क्राइम बढ़ा है. हिंदू-बौद्ध-ईसाई एकता परिषद के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो पिछले साल 4 अगस्त, 2024 से जुलाई 2025 तक 2442 घटनाएं अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुईं. इनमें हत्या, महिलाओं से बदसलूकी, मंदिरों में तोड़फोड़ आदि शामिल है. भारत ने कई बार मोहम्मद यूनुस और उनके सलाहकारों के सामने हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का मामला उठाया है.