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नक्सलमुक्त हुआ बस्तर, लाल आतंक का गढ़

31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त बनाने की दिशा में बड़ी सफलता हासिल हुई है. छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले को नक्सल प्रभावित जिलों की लिस्ट से हटा दिया गया है. यानि सरकार ने माना है कि बस्तर नक्सलमुक्त हो चुका है. बस्तर जिले को लाल आतंक के गढ़ के रूप में जाना जाता था लेकिन दावा है कि जिले से नक्सलियों का नामोनिशान मिट चुका है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बस्तर जिला को एलडब्ल्यूई यानी नक्सल प्रभावित क्षेत्र की लिस्ट से बाहर कर दिया गया है.

नक्सल मुक्त बस्तर, लेगसी डिस्ट्रिक्ट की लिस्ट में शामिल

बस्तर में नक्सलियों का खात्मा हो चुका है. केंद्र सरकार ने बस्तर को अब आधिकारिक रूप से नक्सलमुक्त घोषित कर दिया गया है. बस्तर को लेगसी डिस्ट्रिक्ट की लिस्ट में डालने का फैसला लिया है. बस्तर के कलेक्टर हरीश. एस ने इसकी पुष्टि की है.छत्तीसगढ़ का बस्तर लंबे समय से नक्सलवाद या माओवादी आतंकवाद से प्रभावित रहा है. बस्तर में नक्सलवाद की शुरुआत 1980 के दशक में हुई. समय के साथ नक्सलियों का इस क्षेत्र में प्रभाव बढ़ता गया.

पिछले कुछ वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद बस्तर को नक्सलवाद मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है. जिले को एलडब्ल्यूई (लेफ्ट विंग एक्सट्रमिज्म) की लिस्ट से बाहर कर दिया गया है.  बस्तर के कलेक्टर एस. हरीश ने केंद्र गृह मंत्रालय के इस फैसले के बारे में कहा एलडब्ल्यूई के तहत बस्तर को मिलने वाली आर्थिक मदद भी बंद हो गई है. 

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ चलाया जा रहा ऑपरेशन

गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2018 में देशभर में 126 जिले नक्सल प्रभावित थे, जो जुलाई 2021 में घटकर 70 हुए और अप्रैल 2024 तक यह संख्या घटकर मात्र 38 रह गई है. सबसे ज्यादा गंभीर रूप से प्रभावित जिलों की संख्या भी 12 से घटकर अब 6 रह गई है. छत्तीसगढ़ को नक्सलवाद मुक्त करने के लिए टारगेट तय किया गया है. अमित शाह ने कहा है कि “अगले वर्ष मार्च तक छत्तीसगढ़ में एक भी नक्सली नहीं बचेंगे. हथियार डालकर मुख्य धारा में शामिल हो जाएंगे, या जिस भाषा में उन्हें समझ में आता है, उसी भाषा में सुरक्षाबल जवाब देंगे.”

जब कोई नक्सली मारा जाता है, तो खुशी नहीं होती:शाह

पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि “अगले चैत्र नवरात्र तक लाल आतंक खत्म हो जाएगा. नक्सलियों से हथियार डालने की अपील करते हुए अमित शाह ने कहा था कि अब वो समय चला गया जब यहां गोलियां चलती थीं और बम फटते थे. मैं उन सभी लोगों से, जिनके हाथ में हथियार हैं, सभी नक्सली भाइयों से, हथियार छोड़ने की अपील करता हूं. जब कोई नक्सली मारा जाता है तो कोई खुश नहीं होता, लेकिन इस क्षेत्र को विकास की जरूरत है.”

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