रुस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की चीन यात्रा शुरु होने से पहले ही अमेरिकी विदेश मंत्री यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंच गए हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ऐसे समय में कीव पहुंचे हैं जब रुस ने यूक्रेन के खारकीव सहित उत्तर-पूर्वी इलाकों में जबरदस्त हमले शुरु कर दिए हैं. साथ ही अमेरिकी द्वारा 61 बिलियन डॉलर की सैन्य मदद भी यूक्रेन को जल्द मिलने जा रही है.
कीव में अमेरिकी विदेश मंत्री, क्या किया ऐलान?
रूस-यूक्रेन के चल रहे युद्ध के बीच चौथी बार एंटनी ब्लिंकन कीव पहुंचे हैं. यूक्रेन पहुंचने के बाद ब्लिंकन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को अमेरिका के साथ होने का भरोसा दिया. पिछले महीने ही अमेरिकी संसद की ओर से यूक्रेन को वित्तीय सहायता पर मुहर लगाई गई थी. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन की सहायता पैकेज पर हस्ताक्षर किए थे. इसके अलावा बाइडेन प्रशासन पहले ही अल्पकालिक सैन्य सहायता के तहत 140 करोड़ अमेरिकी डॉलर और दीर्घकालिक समर्थन के तौर पर छह अरब डॉलर की घोषणा कर चुका है. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने सोमवार को व्हाइट हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि “बाइडेन प्रशासन यूक्रेन को अमेरिकी हथियारों की खेप मुहैया कराने की कोशिश कर रहा है, साथ ही अमेरिका यूक्रेन को शत प्रतिशत मदद कर रहा है.”
जिनपिंग करेंगे पुतिन का स्वागत, अमेरिका की तिरछी नजर
पुतिन ने पांचवा कार्यकाल शुरु होने के बाद पहली विदेश यात्रा के लिए चीन को चुना है. चीन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को पुतिन की चीन यात्रा की घोषणा की है. रुसी विदेश मंत्रालय के मुताबिक, “शी जिनपिंग के न्योते के बाद पुतिन गुरुवार से शुरू हो रही अपनी दो दिवसीय (16-17 मई) को चीन यात्रा के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात करेंगे.”
पुतिन की चीन यात्रा को लेकर अमेरिका की भौंह तिरछी हो गई है, क्योंकि पुतिन ने साफ तौर से कहा है कि यूक्रेन को अमेरिका और नाटो देश भड़का रहे हैं क्योंकि वे शांति चाहते ही नहीं हैं. वहीं, अमेरिका की चीन से भी तनातनी चल रही है. हाल ही में चीन के खिलाफ समुद्री जंग के लिए अमेरिका ने स्क्वॉड समूह बनाया है, जिसमें अमेरिका ने चीन के दुश्मन देशों को शामिल किया है. चीन भी लगातार अमेरिका पर ताइवान को भड़काने का आरोप लगा रहा है. ऐसे में यूक्रेन में अमेरिकी विदेश मंत्री का पहुंचना और अब चीन में पुतिन का पहुंचना बता रहा है कि यूरेशिया में जल्द शांति आने नहीं जा रही है.
नाटो चीफ भड़के चीन पर
उधर नाटो के सेक्रेटरी जनरल जेन्स स्टोलटेनबर्ग चीन द्वारा यूक्रेन के खिलाफ रुस को दे रहे मदद को लेकर भड़क गए हैं.
स्टोलटेनबर्ग ने आरोप लगाया है कि यूक्रेन के खिलाफ जंग में चीन से रुस को सैन्य मदद मिल रही है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि ईरान और उत्तर कोरिया भी रशिया की मदद कर रहे हैं जिसके कारण यूक्रेन युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है.
स्टोलटेनबर्ग के मुताबिक, नाटो को यूरोप के दायरे तक ही सीमित नहीं किया जा सकता है. क्योंकि यूक्रेन युद्ध यूरोप से बाहर एशिया तक फैला हुआ है. उनका इशारा सीधे तौर से रुस को चीन, ईरान और उत्तर कोरिया जैसे एशियाई देशों से मिल रही मदद को लेकर था. ऐसे में स्टोलटेनबर्ग ने नाटो को एशिया में फैलाने का सुझाव दिया है.
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