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यूक्रेन जंग रोकने में बाइडेन बड़ा रोड़ा, ट्रंप के सिर कांटों का ताज

रूस-यूक्रेन का युद्ध रुकवाने की बात करने वाले अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें बढ़ा रहे हैं मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन. बाइडेन ने सत्ता छोड़ने से पहले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बड़ा झटका दिया है. बाइडेन प्रशासन ने रूस की ऊर्जा क्षेत्र की 200 से ज्यादा कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं, जिसमें दो भारतीय कंपनियां भी शामिल हैं.

जिन दो भारतीय कंपनियों पर बैन लगाया गया है, उनपर रूस के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन करने का आरोप है. 

रूस पर अमेरिका की वित्तीय स्ट्राइक

अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इन प्रतिबंधों की घोषणा की है. एंटनी ब्लिंकन ने कहा, “अमेरिका ने रूस के ऊर्जा क्षेत्र में शामिल 200 से अधिक संस्थाओं और लोगों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है, जिनमें रूस के प्रमुख तेल उत्पादक, बीमा कंपनियां और अन्य संस्थाएं शामिल हैं.”

एंटनी ब्लिंकन ने कहा, “इन प्रतिबंधों के बाद हमारे निशाने पर 180 से ज्यादा तेल वाहक जहाज, व्यापारी, तेल क्षेत्र सेवा कंपनियां और रूसी ऊर्जा अधिकारी भी हैं.” 

ब्लिंकन ने कहा कि “हमारे एक्शन से रूस के ऊर्जा संसाधनों से मिलने वाली आय पर असर पड़ेगा और रूस को यूक्रेन पर अपना युद्ध जारी रखने के लिए वित्तीय मदद मिलना मुश्किल होगा.”

भारतीय कंपनी स्काईहार्ट और एविजन पर ये आरोप

अमेरिका ने आरोप लगाया है कि भारतीय कंपनी, स्काईहार्ट मैनेजमेंट सर्विसेज और एविजन मैनेजमेंट सर्विसेज ने रूस से तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के परिवहन में भाग लिया था. इन दोनों कंपनियों को अब रूस के ऊर्जा क्षेत्र के लिए वित्तीय या भौतिक मदद देने के आरोप में प्रतिबंधित किया गया है. 

जापान के बाद अमेरिका का एक्शन, कैसे उबरेगा रूस?

युद्ध के दौरान रूस को तमाम तरह के प्रतिबंध झेलने पड़े हैं. पिछले 48 घंटों में पहले जापान और फिर अमेरिका ने कई कंपनियों और बैंक पर प्रतिबंध लगाकर रूस की आर्थिक कमर तोड़ने की कोशिश की है. (रूस-जापान की ऐतिहासिक दुश्मनी जिंदा, नॉर्थ कोरिया और जॉर्जिया भी लपेटे में)

बाइडेन प्रशासन ने इन प्रतिबंधों का ऐलान ऐसे वक्त में किया है जब ट्रंप और पुतिन एक दूसरे से मिलने की बातें कर रहे हैं. बाइडेन प्रशासन के इस कदम को राजनीतिक तौर पर भी देखा जा रहा है. कि रूस-अमेरिका के बीच बात इतनी बिगड़ जाए कि ट्रंप को समेटना मुश्किल हो जाए. (यूक्रेन युद्ध रूकने के जल्द आसार नहीं, ट्रंप-पुतिन मीटिंग की चल रही तैयारी)

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