इजरायल हमास के बीच लंबी खिंच रही जंग दुनिया के लिए परेशानी का सबब बन गई है. गाजा पट्टी पर इजरायल के ग्राउंड और एरियल एक्शन को लेकर ब्रिक्स देश आज एक इमरजेंसी बैठक हुई. ब्रिक्स देशों में हो रही वर्चुअल बैठक को ‘ब्रिक्स प्लस’ नाम दिया गया था. ब्रिक्स नेताओं में प्रधानमंत्री मोदी अकेले ऐसे नेता थे जो बैठक में शामिल नहीं हुए. भारत की ओर से विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए, जबकि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ब्राजील के लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने बैठक में गाजा पट्टी पर हो रहे हमले को लेकर मंथन किया. इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और सऊदी अरब, मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात के नेता भी उपस्थित थे.
ब्रिक्स के दिग्गजों ने बनाया इजरायल पर दबाव
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामफोसा ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए गाजा में तत्काल युद्धविराम की अपील की और इज़रायल के अटैक में मारे गए फिलिस्तीनी नागरिकों की हत्या के जघन्य अपराध करार दिया. हमास के हमदर्द बने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी गाजा पट्टी में फैरन एक्शन रोकने की मांग कूटी. और कहा कि फिलिस्तीनियों की सामूहिक सजा को रोक दिया जाए.
आतंकवाद से समझौता नहीं- भारत
पीएम मोदी की जगह बैठक में शामिल हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा, “आतंकवाद को लेकर हम में से किसी भी देश को समझौता नहीं करना चाहिए.” जयशंकर ने अपने बयान में कहा कि लोगों को बंधक बनाना बिलकुल गलत है और कोई भी देश इसे माफ नहीं कर सकता.
इजरायल एक आतंकी देश: ईरान
ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने वाले ईरानी राष्ट्रपति ने इजरायल को एक बार फिर से आतंकवादी देश बताया है. ईरानी राष्ट्रपति रियासी ने ब्रिक्स देशों को कहा कि इजरायल डिफेंस फोर्स आतंकी है.
अमेरिका है जिम्मेदार: रूस
ब्रिक्स प्लस के सार्वजनिक मंच से पुतिन ने एक बार फिर अमेरिका को खरी खोटी सुनाई है. पुतिन ने कहा “गाजापट्टी में जो भी हो रहा है उसके लिए अमेरिका जिम्मेदार है. अमेरिका जानबूझकर फिलिस्तीन और इजरायल में तिकड़मबाजी कर रहा है.”
बुधवार जी-20 की बैठक
एस जयशंकर की कड़ी टिप्पणी उस वक्त आई है जब भारत में जी-20 की वर्चुअल बैठक होने वाली है. जी-20 लीडर्स समिट की मेजबानी के लिए पीएम मोदी तैयार हैं, बैठक में पुतिन शामिल होंगे पर हमास के मददगार शी जिनपिंग ने बैठक से कन्नी काट ली है.