खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाने वाले कनाडा ने अब भारत को चीन, रूस और ईरान की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है जो कनाडा सहित पश्चिमी देशों की जासूसी करते हैं.
कनाडाई जासूसी एजेंसी सीएसआईएस की एक सार्वजनिक रिपोर्ट में कहा गया है कि “भारत, चीन, रूस और ईरान ने साल 2023 में कनाडा और दूसरे पश्चिमी देशों में हस्तक्षेप और जासूसी की है. कनाडा की जासूसी एजेंसी ने कहा कि “भारत ‘विदेशी हस्तक्षेप और जासूसी गतिविधियों’ में शामिल था.”
कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा की रिपोर्ट में क्या है?
कनाडाई सुरक्षा खुफिया सेवा (सीएसआईएस) की रिपोर्ट में भारत के अलावा चीन, रूस और ईरान पर जासूसी के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि “भारत. चीन, रूस और ईरान ने कनाडा और पश्चिमी देशों में हस्तक्षेप और जासूसी के गंभीर अपराध किए हैं, अपने हितों और उद्देश्यों के लिए इन देशों ने जासूसी की है.” कनाडा की जासूसी एजेंसी ने कहा कि भारत, उत्तरी अमेरिकी देश में “शत्रुतापूर्ण विदेशी हस्तक्षेप और जासूसी गतिविधियों” में शामिल था. रिपोर्ट में कनाडा में 2019 और 2021 के चुनावों के दौरान भारत के हस्तक्षेप की भी बात कही गई है. सीएसआईएस की रिपोर्ट में भारत और कनाडा की गिरते संबंधों का जिक्र करते हुए साइबर हमले करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं. सार्वजनिक रिपोर्ट के मुताबिक, “पिछले साल, भारत और कनाडा के बीच संबंधों में आई दरार के बाद भारत समर्थकों (‘नॉन-स्टेट एक्टर्स’) ने कनाडा के खिलाफ साइबर गतिविधियों को अंजाम दिया है.” हालांकि रिपोर्ट में ये साफ तौर पर कहा गया है कि साइबर गतिविधियों के पीछे भारत सरकार का कोई हाथ नहीं है.
सीएसआईएस के मुताबिक, कनाडा अपने हितों के लिए इस विदेशी जासूसी को हानिकारक, गुप्त, भ्रामक या किसी व्यक्ति के लिए खतरा के तौर पर देखता है.
आतंकियों के साथ क्यों कनाडा और यूएस ?
सितंबर 2023 में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाउस ऑफ कॉमन्स में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाए थे. ट्रूडो ने निज्जर को ‘कैनेडियन’ नागरिक बताते हुए कहा था कि ”यह मानने का विश्वसनीय कारण हैं कि कनाडा की धरती पर एक कनाडाई की हत्या में भारत सरकार के एजेंट शामिल थे.” जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा की संसद में उस निज्जर के लिए वकालत की थी, जिसे साल 2020 में भारत ने आतंकवादी घोषित किया था.
जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत और कनाडा के रिश्तों में खटास आ गई थी. भारत ने ट्रूडो के आरोपों का कड़ा विरोध जताते हुए सबूत की मांग की थी. पिछले साल सितंबर से ही भारत और कनाडा के द्विपक्षीय संबंध खराब हैं. पीएम जस्टिन ट्रूडो के आरोपों से पहले निदेशक विग्नॉल्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा खुफिया सलाहकार जोडी थॉमस भारतीय अधिकारियों के साथ इस मुद्दे पर बात करने के लिए भारत आए थे और निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार पर गंभीर सवाल खड़े किए थे.
निज्जर की हत्या के अलावा अमेरिकी एजेंसी एफबीआई ने भी खालिस्तानी आतंकी और भारत के मोस्ट-वांटेड गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के पीछे भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ पर गंभीर आरोप लगाए हैं. एफबीआई की चार्जशीट में निखिल गुप्ता नाम के एक व्यक्ति पर भारत के एक सरकारी अधिकारी के साथ मिलकर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया था. गुरपतवंत सिंह पन्नू के पास कनाडा और अमेरिका दोनों की नागरिकता है और पन्नू अमेरिका में रहता है.
भारत को मिला रूस का साथ
कनाडा और अमेरिका के आरोपों के खिलाफ भारत का साथ परममित्र रूस ने दिया है. रूस की प्रवक्ता ने पिछले हफ्ते अमेरिका को दो टूक कहा कि “अमेरिका, भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप कर रहा है और आम चुनावों में रुकावट डालने की कोशिश कर रहा है. अमेरिका बेबुनियाद आरोप लगाकर भारत का अपमान कर रहा है. आम चुनाव के बीच इस तरह के आरोपों से अमेरिका भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है. अमेरिका भारत ही नहीं कई और देशों के खिलाफ धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के बेबुनियाद आरोप लगाता रहा है.”
निज्जर की हत्या में एक और गिरफ्तारी
कनाडा की पुलिस ने निज्जर की हत्या मामले में चौथे संदिग्ध को गिरफ्तार किया है. 22 साल का अमनदीप सिंह को ओंटारियो से गिरफ्तार किया गया है. अमनदीप सिंह भारतीय नागरिक है, जो कनाडा के ब्राम्पटन, ओन्टारियो, सरे, ब्रिटिश कोलंबिया और एबॉट्सफ़ोर्ड में रह चुका है. कनाडाई पुलिस ने इससे पहले एडमॉन्टन में तीन भारतीय नागरिकों करण बराड़, कमलप्रीत सिंह और करणप्रीत सिंह को गिरफ्तार किया था. तीनों पर हत्या और हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है. गिरफ्तार आरोपियों का संबंध गैंगस्टर लॉरेन्स बिश्नोई से है.