ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने भले ही पाकिस्तान के न्यूक्लियर ब्लफ (ब्लैकमेल) का भंडाफोड़ कर दिया हो, लेकिन निकट भविष्य में भारतीय सेना को पारंपरिक युद्ध के लिए नए और बेहतर आयाम खोजने होंगे. ऐसा इसलिए, क्योंकि भारत अपनी नौ फर्स्ट यूज (एनएफयू) पॉलिसी पर कायम रहेगा. ये कहना है देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान का.
राजधानी दिल्ली में एक सेमिनार को संबोधित करते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान और उसके समर्थित आतंकवाद के खिलाफ भारत ने न्यू नॉर्म तय किया है. इस न्यू नॉर्म के बारे में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर चर्चा कर चुके हैं. लेकिन सीडीएस ने विस्तृत रूप से इस न्यू नॉर्म और उसके मिलिट्री प्रारूप के बारे में सेमिनार में जानकारी दी.
प्रॉक्सी नहीं, फुल स्केल वॉर है आतंकवाद
जनरल चौहान के मुताबिक, नए मानदंड में आतंकियों को अब पाकिस्तान का प्रोक्सी महज नहीं माना जाएगा. आतंकियों का समर्थन करने वाले भी आतंकियों की श्रेणी में माने जाएंगे. सीडीएस का इशारा सीधे तौर से पाकिस्तानी सेना की तरफ था, जो लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकियों को पालती-पोसती है और जम्मू कश्मीर में आतंक फैलाती है.
सीडीएस के मुताबिक, अब क्रॉस-बॉर्डर यानी सीमा पार से होने वाले आतंकवाद का भी जबरदस्त जवाब दिया जाएगा. इसके लिए काइनेटिक और नॉन-काइनेटिक कार्रवाई की जाएगी. काईनेटिक यानी आतंकियों और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ जंग की जिम्मेदारी, भारतीय सेना (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) की होगी. ऐसे में आतंकियों के खिलाफ पुख्ता इंटेलिजेंस होनी चाहिए ताकि वे पाकिस्तान में भी छिप न पाएं. नॉन-काईनेटिक में पाकिस्तान के खिलाफ ट्रेड और ईकोनोमिक वॉर छेड़ी जा सकती है.
आतंक और वार्ता का नहीं है कोई मिलाप, वॉटर और ब्लड नहीं बहेगा एक साथ
जनरल चौहान ने बताया कि नए नॉर्म में आतंक और वार्ता एक साथ नहीं होगी. यानी ऐसा कतई नहीं होगा कि पाकिस्तान, भारत में आतंकवाद भी फैलाते रहे और उससे बातचीत भी चलती रहे. यही वजह है कि पहलगाम हमले और फिर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान से किसी भी तरह की राजनयिक या राजनीतिक स्तर पर कोई बातचीत नहीं की गई. भारत के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन्स (डीजीएमओ) ने पाकिस्तान समकक्ष से गुहार लगाने पर ही ऑपरेशन सिंदूर रोकने के लिए फोन पर बात की थी.
नए नॉर्म में वॉटर और ब्लड एक साथ नहीं बहेगा. यानी अगर पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद के जरिए भारत के निर्दोष लोगों का खून बहाया गया तो सिंधु नदी का पानी बंद कर दिया जाएगा.
सीडीएस के मुताबिक, नए नॉर्म के तहत वर्दीधारियों (सैनिकों और सैन्य अधिकारियों) को 24X7 और 365 दिन ऑपरेशनली तैयार रहना होगा.