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EVM को लेकर मस्क से भिड़ गए चंद्रशेखर

सोशल मीडिया एक्स पर एलन मस्क से भिड़ गए हैं पूर्व केन्द्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर. एलन मस्क और राजीव चंद्रशेखर में विचारों की भिड़ंत ईवीएम को लेकर हुई है. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को खत्म करने को लेकर टेक-दिग्गज एलन मस्क के बयान का राजीव चंद्रशेखर ने खंडन किया है. पिछली सरकार में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के राज्य मंत्री के रूप में काम कर चुके चंद्रशेखर ने कहा है कि “भारत से सीख सकते हैं ईवीएम बनाना. ईवीएम पर हमें एक ट्यूटोरियल चलाने में खुशी होगी.”

ईवीएम पर हमें ट्यूटोरियल चलाने में खुशी होगी मस्क : राजीव चंद्रशेखर
पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने मस्क के ईवीएम बंद करने के बयान का विरोध करते हुए कहा ईवीएम हैकिंग में कोई सच्चाई नहीं है. भारत जैसी ईवीएम बना सकते हैं. उन्होंने लिखा “एलन मस्क का दृष्टिकोण अमेरिका और दूसरी जगहों पर लागू हो सकता है, जहाँ वो इंटरनेट से जुड़ी वोटिंग मशीन बनाने के लिए नियमित कंप्यूटर प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करते हैं, यह एक बहुत बड़ा व्यापक सामान्यीकरण कथन है जिसका अर्थ है कि कोई भी सुरक्षित डिजिटल हार्डवेयर नहीं बना सकता, यह गलत है. कोई कनेक्टिविटी नहीं, कोई ब्लूटूथ नहीं, वाई-फाई नहीं, इंटरनेट नहीं, कोई रास्ता नहीं है. फैक्ट्री-प्रोग्राम किए गए नियंत्रक जिन्हें फिर से प्रोग्राम नहीं किया जा सकता. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को ठीक से डिजाइन किया और बनाया जा सकता है, जैसा कि भारत ने किया है. हमें एक ट्यूटोरियल देने में खुशी होगी, एलन.”

एलन मस्क ने क्या कहा था, जिस पर राजीव चंद्रशेखर ने जवाब दिया
इस साल होने वाले अमेरिकी चुनावों के लिए स्वतंत्र उम्मीदवार रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर ने प्यूर्टो रिको में चुनावों को लेकर चिंता जताई थी, प्यूर्टो रिको में हाल ही में हुए विवादों के कारण ईवीएम सुरक्षा पर चर्चा तेज हो गई है, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी के भतीजे रॉबर्ट एफ कैनेडी जूनियर ने मुद्दे पर ट्वीट करते हुए लिखा, “प्यूर्टो रिको के प्राथमिक चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से संबंधित सैकड़ों मतदान अनियमितता देखी गईं, सौभाग्य से, वहाँ एक पेपर ट्रेल था इसलिए समस्या की पहचान की गई और वोटों की गिनती को सही किया गया. उन अधिकार क्षेत्रों में क्या होता है जहाँ कोई पेपर ट्रेल नहीं है?”

एलन मस्क ने प्यूर्टो रिको के प्राथमिक चुनावों पर प्रतिक्रिया व्यक्त की थी, जिसमें कथित तौर पर मतदान में अनियमितताएं सामने आई थीं. एलन मस्क ने एक पोस्ट में कहा कि “इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को खत्म कर दिया जाना चाहिए क्योंकि मानव या एआई द्वारा हैक किए जाने का जोखिम अभी भी बहुत अधिक है.”

भारतीय ईवीएम एक ब्लैक-बॉक्स:

राहुल गांधी एलन मस्क की एक्स पर की गई पोस्ट को रीपोस्ट करते हुए राहुल गांधी ने भी ईवीएम पर सवाल खड़े किए. राहुल गांधी ने अपने पोस्ट में लिखा, “भारत में ईवीएम एक ब्लैक बॉक्स है और किसी को भी इसकी जांच की इजाजत नहीं है. हमारी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर गंभीर चिंताएं जताई जा रही हैं. जब संस्थाओं में जवाबदेही की कमी होती है, तो लोकतंत्र एक दिखावा बन जाता है और धोखाधड़ी की संभावना बढ़ जाती है.”

भारत में आईआईटी विशेषज्ञों ने बनाई है ईवीएम

भारत तीसरी पीढ़ी के ईवीएम का उपयोग करता है, जिसे एम3 ईवीएम के रूप में जाना जाता है, जिससे छेड़छाड़ नहीं की जा सकती. ये मशीनें ‘सुरक्षा मोड’ में चली जाती हैं और अगर किसी भी तरह की छेड़छाड़ का पता चलता है तो वो निष्क्रिय हो जाती हैं. तीन प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के प्रोफेसर्स की एक समर्पित टीम ने भारत में ईवीएम को बनाया है. हालांकि भारत में भी ईवीएम पर विवाद हुआ था. मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था. पर लोकसभा चुनावों के रिजल्ट के बाद ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप छूमंतर हो गया. किसी भी पार्टी और नेता ने ईवीएम पर सवाल नहीं खड़े किए.

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