शेख हसीना के बांग्लादेश में तख्तापलट को एक वर्ष होने वाला है. बांग्लादेश की सड़कों पर फिर इतिहास दोहराया जा रहा है. सड़कों पर सेना के टैंक उतरे हैं. शेख हसीना का गढ़ गोपालगंज युद्ध का मैदान बन चुका है. ताजा हिंसा में 4 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई लोग घायल हुए हैं. गोपालगंज में कर्फ्यू लगा दिया गया है और सेना को गश्ती के लिए लगाया गया है.
शेख हसीना के गढ़ में हिंसा, 4 की मौत, सड़क पर सेना
बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना के कार्यकर्ताओं ने अंतरिम सरकार और उसके मुखिया मोहम्मद यूनुस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बांग्लादेश का गोपालगंज, जो शेख हसीना का क्षेत्र है, वहां इन दिनों सेना के टैंक देखे जा रहे हैं साथ ही सेना के जवानों ने सख्ती बढ़ाई है.
ये तनाव ताजा झड़प के बाद हुआ है. यूनुस समर्थक एनसीपी और शेख हसीना की आवामी लीग के छात्र संगठनों के बीच झड़प हुई है. इन प्रदर्शन और झड़पों के दौरान 4 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 9 लोग घायल हैं.
गोपालगंज में कर्फ्यू, सड़क पर जवानों की गश्त
हालात बिगड़ने पर बॉर्डर गॉर्ड बांग्लादेश (बीजीपी), रैपिड एक्शन बटालियन की टुकड़ियों को सेना की मदद के लिए तैनात किया गया. लोगों का आरोप है कि सेना ने लोगों पर गोलियां चलाईं, जिसमें लोगों की मौत हुई. हालात को देखते हुए गोपालगंज में कर्फ्यू लगा दिया गया है और चेतावनी दी गई है कि कानून हाथ में लेने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
कैसे शुरु हुई हिंसा, पूरा मामला समझिए
दरअसल पिछले साल आरक्षण की आड़ में हिंसा फैलाने वाले छात्र नेता नाहिद इस्लाम ने हाल ही में अपनी राजनीतिक पार्टी बनाई है, जिसका नाम एनसीपी है. शेख हसीना के तख्तापलट के बाद नाहिद इस्लाम को यूनुस सरकार ने इनाम के तौर पर सलाहकार बनाया था. लेकिन कुछ महीनों बाद नाहिद इस्लाम ने सलाहकार का पद छोड़ कर राजनीतिक पार्टी एनसीपी का ऐलान करके आगामी चुनाव में खड़े होने की घोषणा की है.
बताया जाता है कि नाहिद इस्लाम की पार्टी एनसीपी को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस का समर्थन मिला हुआ है. एनसीपी पूरे बांग्लादेश में प्रदर्शन की मुहिम चला रही है. गोपालगंज में बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना का पैतृक घर है. गोपालगंज में ही बंग बंधु शेख मुजीबुर्रहमान का स्मारक भी है. एनसीपी के छात्रों ने रैली के दौरान शेख मुजीबुर्रहमान के खिलाफ नारेबाजी की, जो शेख हसीना के कार्यकार्ताओं को पसंद नहीं आया.
नारेबाजी के बाद शेख हसीना के समर्थकों के साथ झड़प शुरू हो गई. ये झड़प हिंसक हो गई तो पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर पहले फायरिंग की. फिर भी हालात नहीं संभले तो टैंक उतार दिए गए. शेख हसीना के समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है. इस बीच गोली लगने से 4 लोगों की मौत हो गई, जिसके बाद हालात बेकाबू हो गए हैं
आवामी लीग, एनसीपी और अंतरिम सरकार एकदूसरे पर लगा रहे आरोप
मोहम्मद यूनुस ने इस हिंसक झड़प के लिए आवामी लीग की निंदा की है और कहा है कि “हिंसा करने वालों को इंसाफ के कठघरे में लाया जाएगा”. वहीं दूसरी तरफ शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने यूनुस सरकार पर आरोप लगाया है कि उसके कार्यकर्ताओं पर हमले किये जा रहे हैं.
नाहिद इस्लाम ने बंगबंधु के प्रतीकों को ध्वस्त करने की कसम खाई
बताया जाता है कि अवामी लीग के लोगों को जानबूझकर एनसीपी के लोगों ने भड़काया. एनसीपी के नेता नाहिद इस्लाम और हसनर अब्दुल्लाह जैसे नेताओं ने रैली स्थल पर पहुंचकर रैली की. नाहिद इस्लाम और हसनत अब्दुल्लाह ने मुजीब की विरासत कहे जाने वाले प्रतीकों को ध्वस्त करने की कसम खाई.
नाहिद इस्लाम ने कहा, अगर उनकी रैली पर हमले के मामले में न्याय करने में देरी हुई, तो एनसीपी खुद गोपालगंज को ‘मुजीबवाद से आजाद कराने’ के लिए वापस आएगी.