रूस में इसी महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की संभावित बैठक से पहले बीजिंग की एक और चालबाजी का खुलासा हुआ है. सैटेलाइट तस्वीर से खुलासा हुआ है कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग लेक से सटे इलाके में चीन ने एक पूरी की पूरी बस्ती खड़ी कर ली है.
भारत और चीन के बीच एलएसी पर तनाव कर करने की बहुत कोशिशें की जा रही हैं. सैन्य बातचीतों के बाद कूटनीतिक स्तर पर मामले को सुलझाने की पहल की गई है. पर बातचीत और अच्छे रिश्तों की कोशिश की आड़ में चीन की चालबाजी के एक और पुख्ता तस्वीर सामने आई है. चीन पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी तट के पास बड़े पैमाने पर एक बस्ती का निर्माण कर रहा है. इस बस्ती का खुलासा सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ है.
पैंगोंग त्सो झील के उत्तर में चीन की बड़ी बस्ती
9 अक्टूबर को अमेरिका की ओपन सोर्स सैटेलाइट इंटेलिजेंस की ओर से ली गई तस्वीरें चिंता बढ़ाने वाली है. पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी तट के पास एक बड़ी चीनी बस्ती का निर्माण चल रहा है. तस्वीरों में लगभग 17 हेक्टेयर क्षेत्र में तेजी से निर्माण कार्य होता दिखाई दिया.
सैटेलाइट तस्वीरों की समीक्षा की जाए तो 4,347 मीटर की ऊंचाई पर येमागौ रोड के पास स्थित यह स्थल निर्माण और मिट्टी हटाने वाली मशीनरी से भरा हुआ है. एक हवाई पट्टी भी दिखी. यानी उस जगह हेलीकॉप्टर का संचालन भी किया जा सकता है. इस बस्ती में एक और दो मंजिला इमारतें और पास में छोटी झोपड़ियां बनाई हई हैं.
क्या चीन बना रहा फॉरवर्ड बेस?
जिस जगह बस्ती बनाई जा रही है, वो एलएसी पर तिब्बत की ओर 40 किलोमीटर और साल 2020 में हुई झड़प के एक बिंदु से लगभग 38 किलोमीटर पूर्व में है. ऊंची चोटियों के पीछे बस्ती का स्थान स्ट्रैटेजिक तौर पर अहम है. बस्ती “एड-हॉक फॉरवर्ड बेस” के रूप में कार्य कर सकती है, जिससे जरूरत प़ड़ने पर चीनी सेना फौरन एक्शन ले सकती है. हालांकि जिस जगह चीन बस्ती का निर्माण कर रहा है, उस क्षेत्र पर भारत का दावा नहीं है. पर चीन का निर्माण भारत के लिए अलर्ट करने वाला जरूर है.
चीन के मुकाबले भारत भी बढ़ा रहा निर्माण कार्य
सिर्फ चीन ही नहीं भारत भी लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक अपनी मौजूदगी को बढ़ा रहा है. एलएसी के पूरे हिस्से में भारत भी रोड, टनल समेत कई निर्माण कार्य कर रहा है. इसी महीने राजनाथ सिंह ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सटे राज्यों में 22 सड़कों और 51 पुलों सहित 75 बीआरओ प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया है. भारत भी अपनी आंतरिक सुरक्षा के साथ-साथ बाहरी सुरक्षा के लिए निर्माण कार्यों पर जोर दे रहा है ताकि जरूरत पड़ने पर भारत भी हर परिस्थिति के लिए मजबूत साबित हो.