ताइवान पर आक्रमण की फिराक में दिन-रात फाइटर जेट और युद्धपोत की धौंस दिखाने वाला चीन अब इतिहास के जरिए अपनी करतूतों को सही ठहराने में जुटा है. नई जानकारियों के मुताबिक, चीन न केवल अमेरिका बल्कि ताइवान की एयर-स्पेस में भी अपने स्पाई बैलून भेज रहा है. लेकिन भारत, अमेरिका और जापान के ‘धर्म’ की रक्षा करने के संकल्प से चीन बौखला गया है.
ताइवान के नेशनल डिफेंस (रक्षा मंत्रालय) द्वारा जारी डाटा के मुताबिक, फरवरी के महीने में चीन की पीएलए सेना के 115 एयरक्राफ्ट और 26 बलून (गुब्बारे) एयर डिफेंस आईडेंटिफिकेशन जोन यानी एडीआईजेड में दाखिल हुए. इसके अलावा चीन के 314 फाइटर जेट ने ताइवान की ‘मेरेडियन-लाइन’ में घुसपैठ की है. जानकारी के मुताबिक, 163 बार चीन के युद्धपोत ताइवान स्ट्रेट के करीब डिटेक्ट किए गए.
लेकिन चीन ने ताइवान की मेरिडियन-लाइन को ही मानने से इंकार कर दिया है. चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता, कर्नल झांग शियाओगैंग ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि ताइवान स्ट्रेट में पीएलए फाइटर जेट और युद्धपोतों की एक्सरसाइज “राष्ट्रीय संप्रभुता और सुरक्षा को ध्यान में रखकर की जा रही हैं ताकि बाहरी (अमेरिका की) दखलंदाजी और ताइवान की आजादी चाहने वाली फोर्सेज के उकसावे की कार्यवाही को रोका जा सके.”
दरअसल, ताइवान ने चीन और अपने देश के बीच ‘मेरिडियन-लाइन’ घोषित कर रखी है जो एक तरह से दोनों देशों के बीच समुद्री-सीमा की तरह देखी जाती है. लेकिन चीन ने इस सीमा को मानने से साफ इंकार कर दिया है और रात-दिन पीएलए फाइटर जेट और युद्धपोत ताइवान के करीब युद्धाभ्यास की आड़ में डराने-धमकाने की कोशिश करते हैं.
चीन के रक्षा मंत्रालय ने अमेरिका और जापान की एम्फीबियस एक्सरसाइज, आयरन-फिस्ट को लेकर भी कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. कर्नल झांग ने कहा कि “जापान को अपने आक्रमण के इतिहास का याद रखना चाहिए और ताइवान को लेकर किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं खड़ी करनी चाहिए.”
27 फरवरी से अमेरिका के मरीन और जापान की सेना ने ओकिनावा आईलैंड तीन हफ्तों के लिए सालाना ‘आयरन-फिस्ट’ एक्सरसाइज शुरु की है. इस एक्सरसाइज के दौरान दोनों देशों की सेनाएं एक आईलैंड को दुश्मन के चंगुल से छुड़ाने की ड्रिल करेंगी. साथ ही किस तरह अपने सैनिकों को किसी आईलैंड से निकालना पड़ सकता है उसका अभ्यास भी करेंगी. चीन को ऐसा लगता है कि यूएस और अमेरिका ये ड्रिल चीन के आक्रमण से ताइवान को बचाने के लिए कर रही हैं. बस इसी से तिलमिलाया हुआ है चीन.
चीन सिर्फ अमेरिका और जापान पर ही अपनी झुंझलाहट नहीं निकाल रहा है बल्कि तीसरे ‘क्वाड’ देश भारत पर भी निशाना साध रहा है. चीन की रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारत के उस दावे को गलत ठहराया जिसमें दोनों देशों के मिलिट्री कमांडर्स के बीच 21 वें दौर की बैठक में मिली ‘कम सफलता’ के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया गया था. कर्नल झांग ने कहा कि “दोनों देशों ने प्रभावी संचार बनाए रखा है और बैठक के दौरान सकारात्मक, गहन और रचनात्मक आदान-प्रदान किया गया है.” इस बैठक का उद्देश्य पूर्वी लद्दाख से सटी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर सभी विवादित इलाकों को लेकर पैदा हुए गतिरोध को खत्म करना था.
इस बीच भारत और जापान की सेनाओं के बीच राजस्थान की महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में चल रही पांचवी ‘धर्म-गार्जियन’ एक्सरसाइज जोरों से चल रही है (25 फरवरी-9 मार्च). यूएन (संयुक्त राष्ट्र) के चार्टर के तहत आयोजित की जा रही ये एक्सरसाइज सैनिकों की फिटनेस, साझा प्लानिंग, ज्वाइंट टेक्टिकल ड्रिल सहित आईएसआर (इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रेनोकोसेंस) ग्रिड, मोबाइल व्हीकल चेक-पोस्ट, हेलीबोर्न ऑपरेशन्स और हाउस इंटरवेंशन ड्रिल पर जोर देती है. जापान की ईस्ट आर्मी के कमांडिंग ऑफिसर, लेफ्टिनेंट जनरल तोगाशी यूची इस एक्सरसाइज के आखिरी चरण में खुद भारत आएंगे और एक्सरसाइज की समीक्षा करेंगे.
भारत, जापान और अमेरिका के करीबी संबंध और सैन्य सहयोग को लेकर ही चीन तमतमाया रहता है और अनाप-शनाप बयान देता है.
ReplyForwardAdd reaction |
ReplyForwardAdd reaction |
ReplyForwardAdd reaction |
ReplyForwardAdd reaction |
ReplyForwardAdd reaction |
ReplyForwardAdd reaction |