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चीन नहीं सुधरेगा, नए काउंटी में लद्दाख के इलाके मिलाए

एलएसी पर तनाव कम होने के बाद एक बार फिर आमने-सामने हैं भारत और चीन. भारत ने कहा कि चीन जो होटन प्रांत में दो नए काउंटी बनाने की कोशिश कर रहा, वह बिल्कुल भी मंजूर नहीं है, क्योंकि इन क्षेत्रों का कुछ हिस्सा लद्दाख में भी आता है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने चीन की काउंटी बनाने के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि “भारत ने अपने क्षेत्र में कभी भी अवैध चीनी कब्जे को स्वीकार नहीं किया है.”

भारतीय क्षेत्र में चीन बना रहा काउंटी, भारत का विरोध

भारत ने चीन के खिलाफ कड़ा रुख दिखाया है. अपनी साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने चीन के काउंटी बनाए जाने पर जवाब दिया है.

रणधीर जायसवाल ने कहा है कि “चीन जो होटन प्रांत में दो नए काउंटी बनाने की कोशिश कर रहा,वह मंजूर नहीं है, क्योंकि काउंटी का कुछ क्षेत्र भारत के केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख में है. नए काउंटी बनाने से न तो क्षेत्र पर अपनी संप्रभुता के संबंध में भारत की दीर्घकालिक और सुसंगत स्थिति पर कोई असर होगा और ना ही चीन के अवैध और जबरन कब्जे को वैधता मिलेगी.”

रणधीर जायसवाल ने ये भी कहा कि “भारत ने अपने क्षेत्र पर अवैध चीनी कब्जे को कभी स्वीकार नहीं किया है. इस मुद्दे पर भारत ने कूटनीतिक चैनलों के माध्यम से चीनी पक्ष के समक्ष गंभीर विरोध दर्ज कराया है.” 

वर्ष 2023 में चीन ने अरूणाचल प्रदेश के भी कई इलाकों के चीनी नाम देने की कोशिश की थी. (Arunachal: नाम बदलने से नहीं बदलेगी हकीकत)

तिब्बत क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन के बांध बनाने के फैसले पर विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?

भारत ने चीन की ओर से ब्रह्मपुत्र नदी पर बांध बनाए जाने के फैसले पर भी चिंता जताई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि “25 दिसंबर 2024 को चीनी मीडिया के माध्यम से हमें तिब्बत के क्षेत्र में यारलुंग जांग्बो नदी (भारत में ब्रह्मपुत्र नदी) पर एक हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट परियोजना की जानकारी मिली. नदी के पानी पर हमारा भी स्थापित अधिकार है. इसके अलावा, एक निचले तटवर्ती देश होने के नाते, हमने लगातार विशेषज्ञ-स्तर के साथ-साथ राजनयिक चैनलों के माध्यम से चीनी पक्ष को उनके क्षेत्र में नदियों पर मेगा परियोजनाओं पर अपने विचार और चिंताएं व्यक्त की हैं.”

चीन के साथ भारत का ये वैचारिक गतिरोध ऐसे समय में हुआ है जब पिछले साल अक्टूबर में एलएसी पर भारत-चीन के बीच सैन्य तनाव कम हुआ है.

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