Breaking News Reports Terrorism

यूएस Lab में चीन की साजिश, एग्रो-टेररिज्म का खतरा मंडराया

एग्रो टेररिज्म यानि कृषि के जरिए अमेरिका में आतंकवाद फैलाने से की जांच में जुटी एफबीआई ने 03 और चाइनीज़ रिसर्चर पर कसा है शिकंजा. अमेरिका के मिशिगन यूनिवर्सिटी की लैब से 03 चीनी रिसर्चर की गिरफ्तारी से सनसनी फैल गई है.

शू बाई और फेंगफान झांग पर अमेरिका में सामान की तस्करी की साजिश रचने का आरोप है. एफबीआई के मुताबिक उन्होंने नेमाटोड (एक प्रकार के राउंडवर्म) पर रिसर्च के लिए कई पैकेज मंगवाए थे.

तीन चीनी नागरिकों समेत कुल 04 रिसर्चर पर शिकंजा कसा है, जो मिशिगन यूनिवर्सिटी के लाइफ साइंसेज इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर शॉन शू की लैब से जुड़े हैं. 

इससे पहले एफबीआई ने एक चीनी महिला रिसर्चर को अमेरिका में बाइलॉजिकल पैथोजन (रोगाणु) की तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था. इस रोगाणु के जरिए ये चीनी महिला और उसका बॉयफ्रेंड, खेती के दौरान अनाज में जीवाणु फैलाने की साजिश रच रहे थे.

कृषि आतंकवाद की जड़ें गहरी, सकते हैं एफबीआई, जांच जारी

एफबीआई के मुताबिक तीनों चीनी रिसर्चर को 16 अक्टूबर को जेएफके अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था. चीनी नागरिक चेंगशुआन हान ने राउंडवर्म तस्करी के मामले में ‘नो कॉन्टेस्ट’ (अपराध स्वीकार न करना लेकिन विरोध भी न करना) की दलील दी थी. शू बाई,  फेंगफान झांग और झियॉन्ग झांग तीनों जे-1 वीजा पर अमेरिका में रह रहे थे और शॉन शू लैब में काम कर रहे थे. जहां राउंडवर्म के जरिए सेंसरी बायोलॉजी का अध्ययन किया जाता है.

चीन से अमेरिका पहुंचाया गया था खतरनाक फंगस, जून में मामले का हुआ था खुलासा

इस साल जून के महीने में अमेरिका ने एक ऐसी चीनी महिला को गिरफ्तार किया था जो अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ मिलकर खेती के दौरान अनाज में जीवाणु फैलाने की साजिश रच रही थी. एफबीआई ने उस वक्त दावा किया था कि युनकिंग जियान और जुनीओंग लियू चीन से इन रोगाणुओं को लेकर आए थे. 

चीनी महिला जियान अमेरिका की मिशिगन विश्वविद्यालय में शोधकर्ता थी. रिसर्च के नाम पर ही जियान ने अपने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर अमेरिका में एग्रो-टेरेरिज्म को फैलाने की साजिश रची ताकि अमेरिका में खेती को नुकसान के साथ-साथ आम नागरिकों में भी बीमारियां फैल जाएं.

एफबीआई का कहना था कि विश्वविद्यालय में काम करता है जहां वह उसी रोगज़नक़ पर शोध करता है और उसने ही डेट्रॉइट मेट्रोपॉलिटन हवाई अड्डे के माध्यम से फ्यूजेरियम ग्रामिनेरियम की तस्करी की थी. ऐसा इसलिए ताकि वह मिशिगन विश्वविद्यालय की प्रयोगशाला में इस पर शोध कर सके जहां उसकी गर्लफ्रेंड जियान काम करती थी.

जांच में पता चला कि जुलाई 2024 में चीनी युवक जुनओंग लियू अपने बैग में एक जहरीला फंगस लेकर अमेरिका में दाखिल हुआ था. डेट्रॉयट हवाई अड्डे पर उसके बैग से लाल पौधे बरामद किए गए थे.

जांच में एफबीआई को ये भी पता चला कि जियान को चीन की कम्युनिस्ट सरकार (सीसीपी) से फाइनेंस किया था. एक वैज्ञानिक लेख मिला जिसका शीर्षक था, “प्लांट पैथोजन वारफेयर.” यानि कृषि के जरिए युद्ध. जिससे ना सिर्फ फसलों बल्कि पशुओं को भी बड़े लेवल पर नुकसान पहुंचाया जा सकता था.

चीनी रिसर्चर पर एफबीआई रख रही पैनी नजर

अमेरिका की अलग-अलग यूनिवर्सिटी में कई चीनी रिसर्चर काम कर रहे हैं. पिछले 06 महीनों में मिशिगन यूनिवर्सिटी में काम कर रहे कई चीनी शोधकर्ताओं की गिरफ्तारी से एफबीआई समेत कई एजेंसियां हाईअलर्ट हैं. 

खुद एफबीआई डायरेक्टर काश पटेल ने इस बात की आशंका जताई थी कि एग्रो टेररिज्म के जरिए चीन, अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की साजिश रच रहा है. ऐसे में पहले खतरनाक फंगस और अब नेमाटोड की तस्करी ने अमेरिका में नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं.

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *