July 7, 2024
XYZ 123, Noida Sector 63, UP-201301
Alert Breaking News Classified Documents Islamic Terrorism Terrorism

चीन की है Binance, अमेरिका में टेरर फंडिंग का आरोप

क्रिप्टोकरेंसी के जरिए अमेरिका में टेरर फाइनेंसिंग जैसे गंभीर आरोपों को झेलने वाली ग्लोबल कंपनी ‘बिनेंस’ एक बार फिर भारत के बाजार में दाखिल हो रही है. जानकारी के मुताबिक, वित्त मंत्रालय की फाइनेंसियल इंटेलिजेंस यूनिट (एफआईयू) और मनी लॉन्ड्रिंग कानून के पालन करने की गारंटी के बाद ही कंपनी को भारत में लेनदेन की इजाजत दी गई है. गौरतलब है कि हमास और आईएस जैसे आतंकी संगठनों को बिना रोक टोक के मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए फाइनेंसिंग के आरोप में बिनेंस कंपनी के तत्कालीन सीईओ चांगपेंग झाओ को इसी महीने की 30 तारीख को अमेरिका की एक अदालत सजा सुनाने जा रही है. इस महीने के शुरुआत में ही टीएफए ने अपनी ग्लोबल इंवेस्टिगेशन में बिनेंस कंपनी के चीन के ‘डीप-स्टेट’ से जुड़े होने का खुलासा किया था. 

जानकारी के मुताबिक, बिनेंस कंपनी ने 2 मिलियन डॉलर की पेनाल्टी के साथ एक बार फिर भारत के मार्केट में आने का रास्ता खोल लिया है. इसी साल जनवरी के महीने में वित्त मंत्रालय ने बिनेंस कंपनी को देश में डिजीटल लेन-देन पर बैन लगा दिया था. क्योंकि बिनेंस कंपनी ने अपनी ट्रांजिक्शन के बारे में जानकारी साझा करने से इंकार कर दिया था. लेकिन पेनाल्टी के बाद अब बिनेंस कंपनी ने एफआईयू में रजिस्ट्रेशन कर लिया है. इसके मायने ये हैं कि बिनेंस कंपनी अपने सभी लेनदेना का ब्यौरा एफआईयू को सौपेंगी और साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत ही अपने ऑपरेशन्स करेगी. 

क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में बिनेंस एक बड़ी ग्लोबल एक्सचेंज कंपनी है. वर्ष 2017 में चीन में बिनेंस कंपनी का गठन किया गया था. लेकिन महज चार साल बाद ही यानी 2021 में चीन ने क्रिप्टोकरेंसी को बैन कर दिया था. कंपनी ने कुछ समय के लिए अपना हेडक्वार्टर जापान में शिफ्ट किया और फिर माल्टा. इसके बाद अचानक कंपनी का हेडक्वार्टर दुनिया के नक्शे से गायब हो गया. लेकिन चीनी नागरिकों पर नजर रखने के लिए बिनेंस कंपनी ने बीजिंग की एनफोर्समेंट एजेंसियों से हाथ मिला लिया. 

चीन की सीसीपी सरकार के क्रिप्टोकरेंसी के व्यापार में हाथ होने का सबूत तब मिला जब महज एक महीने (जुलाई 2023) में ही कंपनी ने 90 बिलियन डॉलर (करीब 7.50 लाख करोड़) का व्यापार बिटकॉइन में किया. चीन में करीब 9 लाख एक्टिव ट्रेडर्स हैं. लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो एक महीने में इतना बड़ा लेन-देन बिना चीनी सरकार की मिलीभगत के असंभव लगता है. चीन में क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध के बावजूद बिनेंस कंपनी ने चीनी ट्रेडर्स को वीपीएन और दूसरे माध्यम से भी ग्लोबल एक्सचेंज तक री-रूट करने में मदद की. 

बिनेंस कंपनी और इसके संस्थापक-सीईओ के काले साम्राज्य का भंडाफोड़ किया अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट और यूएस ट्रेजरी विभाग ने. कंपनी का संस्थापक-सीईओ है चांगपेंग झाओ जो चीनी मूल का कनाडाई (और यूएई) नागरिक है. पूरी दुनिया चांगपेंग को ‘सीजेड’ के नाम से जानती है. फोर्ब्स की लिस्ट में दुनिया के 50 सबसे अमीर लोगों की श्रेणी में शुमार है सीजेड. यूएस ट्रेजरी का आरोप है कि बिनेंस एक क्रिप्टोकरेंसी का एक्सचेंज चलाती थी जो दुनियाभर के आतंकी संगठनों के लिए टेरर-फाइनेंसिंग का एक बड़ा जरिया था. 

यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट के मुताबिक, बिनेंस ने जानबूझकर ये बात छिपाई कि कंपनी टेरर-फाइनेंसिंग में लिप्त है. कंपनी ने हमास, अलकायदा और आईएसआईएस जैसे दुनियाभर के बड़े आतंकी संगठनों से एक लाख संदिग्ध ट्रांजेक्शन किए. गाजा में सक्रिय हमास ने पिछले साल 7 अक्टूबर को इजरायल में दुनिया के सबसे बड़े आतंकी हमले को अंजाम दिया था. इस हमले के बाद से इजरायल ने हमास और गाजा के खिलाफ जंग छेड़ रखी है. वहीं आईएस ने पिछले महीने की 22 मार्च को रुस की राजधानी मॉस्को में एक कॉन्सर्ट हॉल में नरसंहार के जरिए 140 से ज्यादा लोगों की हत्या कर दी थी. रुस का आरोप है कि इस आतंकी हमले के लिए आईएस को चेचन विद्रोही और यूक्रेन से मदद मिली थी.

अमेरिका का आरोप है कि बिनेंस ने टेरर फाइनेंसिंग के साथ-साथ रैंसमवेयर, मनी लॉन्ड्रिंग और अपराधियों के साथ भी संदिग्ध लेनदेन किए. बिनेंस कंपनी के (अब पूर्व) सीईओ सीजेड पर यूएस जस्टिस डिपार्टमेंट ने मुकदमा चलाया है. सीजेड ने अपना आरोप कबूल कर लिया है और इनदिनों 175 मिलियन डॉलर के रिलीज बॉन्ड पर जेल से बाहर है. इस महीने की 30 तारीख (अप्रैल) को सिएटल की एक अदालत सीजेड पर चल रहे आरोपों पर सजा सुनाएगी. माना जा रहा है कि उसे 18 महीने तक जेल में रहना पड़ सकता है [Cryptocurrency: द ग्रेट वॉल ऑफ टेरर फाइनेंसिंग (TFA Investigation)].

[Note: टीएफए के इस लेख की जानकारी OSINT पर आधारित है.]

Leave feedback about this

  • Rating