गलवान घाटी की झड़प मे भारतीय सेना से पिटने वाले पीएलए कमांडर को चीन ने एक बार फिर सम्मानित किया है. पीएलए के कमांडर शी फबाओ को इस बार चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पॉलिटिकल कंसल्टेंट नियुक्त किया है.
इससे पहले चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) ने फबाओ को हीरो रेजिमेंटल कमांडर की उपाधि भी दी थी. ये वही चीनी कमांडर है, जिसे भारतीय सेना के शूरवीरों ने जमकर पीटा था, पूरे शरीर में कई जगह फ्रैक्चर हुआ था और कई हफ्तों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा था.
क्यू फबाओ को चीन ने किया सम्मानित
पीएलए कमांडर शी फबाओ को राष्ट्रीय सलाहकार निकाय चाइनीज पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कॉन्फ्रेंस (सीपीपीसीसी) का विशिष्ट सदस्य बनाकर सम्मानित किया गया है.
बीजिंग में आयोजित एक समारोह में चाइनीज पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के कर्नल शी फबाओ को यह सम्मान दिया गया है. सीपीपीसीसी सदस्यों के लिए 2024 के उत्कृष्ट प्रदर्शन पुरस्कार से सम्मानित 33 लोगों में क्यू फबाओ भी शामिल थे.
साल 2022 में क्यू को शीतकालीन ओलंपिक के लिए मशाल वाहक बनाया गया था. इसको लेकर भारतीय राजनयिकों ने आयोजन के उद्घाटन और समापन समारोहों का बहिष्कार किया था.
शी फबाओ का जिक्र करते हुए चीनी मीडिया ने बताया है की 15 जून, 2020 को भारत के साथ गलवान घाटी सीमा संघर्ष में बहादुरी से लड़ते हुए सिर में चोट लगी थी.(https://x.com/globaltimesnews/status/1363393417057693699?s=46)
वर्ष 2021 में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना सेंट्रल कमेटी द्वारा फबाओ को मेडल से सम्मानित किया गया था. वहीं, जनवरी 2023 में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया. सीपीपीसीसी की 14वीं राष्ट्रीय समिति के सदस्यों की सूची की घोषणा के बाद वह सीपीपीसीसी के सदस्य बन गए. (https://x.com/china_fact/status/1896459791113023580?s=46)
वीडियो में दिखा फबाओ के सिर पर निशान
वीडियो पर गौर किया जाए तो फबाओ के सिर पर चोट के निशान हैं. गलवान घाटी में हुए संघर्ष के दौरान 20 भारतीय सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे. चीन को भी भारी नुकसान हुआ था लेकिन पीएलए ने मारे गए सैनिकों को आंकड़ा कभी सार्वजनिक नहीं किया. माना जाता है कि चीन के 30-40 सैनिकों की मौत हुई थी.