हिंडनबर्ग रिपोर्ट के जरिए देश के बड़े उद्योगपतियों में से एक गौतम अडानी को बदनाम करने के पीछे चीन और उसके जासूस थे. ये सनसनीखेज खुलासा राज्यसभा सांसद और बड़े वकील महेश जेठमलानी ने किया है.
महेश जेठमलानी ने एक एक करके अमेरिकी कारोबारी और हिंडनबर्ग की पोल खोली है. महेश जेठमलानी का आरोप है कि अमेरिका के शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के पीछे चीन के डीप-स्टेट का हाथ है. महेश जेठमलानी ने सोशल मीडिया एक्स पर जो खुलासा किया है, उससे हिंडनबर्ग के दावों की हवा निकल गई है.
चीनी जासूस अनला चेंग और मार्क किंगडम ने बनवाई रिपोर्ट: महेश जेठमलानी
महेश जेठमलानी ने दावा किया कि चीनी जासूस एनला चेंग और उनके पति मार्क किंगडन ने अडानी ग्रुप के खिलाफ रिपोर्ट तैयार करवाई थी. चीनी जासूस एनला ने हिंडनबर्ग को हायर किया था. जेठमलानी ने एनला चेंग की कंपनी के पूर्व स्टाफ शैनन वान सैंट का एक एफिडेविट भी शेयर किया है.
महेश जेठमलानी का दावा है कि “चीनी जासूस ने कोटक महिंद्रा इंवेस्टमेंट लिमिटेड का इस्तेमाल करके एक ट्रेडिंग अकाउंट बनाया और अडानी के शेयर में शॉर्ट-सेलिंग की. इससे चीनी जासूस पत्नी और अमेरिकी पति को अरबों रुपए का फायदा हुआ, जबकि कई भारतीय इंवेस्टर्स का पैसा डूब गया.”
महेश जेठमलानी ने दस्तावेज शेयर करके बताया कि “किंगडन ने कोटक की अंतरराष्ट्रीय निवेश शाखा कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (केएमआइएल) से संपर्क किया. इसके बाद एक आफशोर फंड के साथ-साथ अडानी शेयर्स में व्यापार के लिए आफशोर अकाउंट खोले. इसके चलते कोटक इंडिया आपच्र्युनिटी फंड (केआइओएफ) बनाया गया.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट तैयार होने से पहले केआइओएफ ने मॉरीशस मार्ग से अदाणी शेयरों में बड़ी शार्ट-पोजिशन ली. व्यापार के लिए चार करोड़ डॉलर की राशि किंगडन के मास्टर फंड द्वारा प्रदान की गई, जिसका स्वामित्व एनला चेंग सहित किंगडन परिवार के पास है. शॉर्ट-सेलिंग के कारण अडानी समूह की कंपनियों के शेयर्स और निवेशकों को भारी नुकसान हुआ और पति-पत्नी ने तकरीबन 180 करोड़ कमाए “
‘स्मोकिंग गन’ है चीनी जासूस एनला चेंग
महेश जेठमलानी ने एक्स पोस्ट में एनला चेंग को ‘स्मोकिंग गन’ कहा है. जेठमलानी ने दावा किया है कि “चीनी जासूसों का मकसद भारतीय कॉरपोरेट की प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचाकर चीनी के रणनीतिक हितों को आगे बढ़ाना था.”
एनला चेंग और किंगडन के बारे में जानिए
चेंग एक चीनी-अमेरिकी नागरिक है. उसकी किंगडन मास्टर फंड में बड़ी हिस्सेदारी है और अमेरिका में चीनी हितों के लिए लॉबिंग करती हैं. खुद को चीन का समर्थन करने वाले एक मीडिया कॉरपोरेट इनिशिएटिव ’सुपचायना’ की सीईओ बताती हैं. अपनी लिंक्डइन प्रोफाइल में एनला चेंग खुद को जनवरी 2022 से सेरिका इनीशिएटिव की फाउंडर बताया है. सेरिका इनीशिएटिव पहले ‘द चाइना प्रोजेक्ट’ की सिस्टर ऑर्गेनाइजेशन थी.
चेंग 2015 से 2022 के बीच द चाइना प्रोजेक्ट की भी फाउंडर और सीईओ थीं. पहले इसे ही सुपतायना नाम से जाना जाता था. अक्टूबर 2022 में चेंग और द चाइना प्रोजेक्ट पर चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) का समर्थक होने का आरोप लगाया गया था. पूर्व कर्मचारी शैनन ने ही चेंग की पोल खोली थी. बताया जाता है कि अमेरिका डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस और एसईसी में चेंग के खिलाफ शिकायतें भी दर्ज की गई थीं. कुछ रिपब्लिकन सीनेटर्स ने इस मुद्दे को जोर-शोर से भी उठाया था.
वहीं मार्क किंगडन एक अमेरिकी बिजनेसमैन है. कैपिटल मैनेजमेंट एलएलसी कंपनी के फाउंडर हैं, इसी कंपनी ने हिंडनबर्ग रिसर्च को अडानी ग्रुप के खिलाफ रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी थी. सेबी की जांच के मुताबिक 2022 नवंबर में ही पहली बार हिंडनबर्ग ने अडानी रिपोर्ट को किंगडन के साथ ही शेयर किया था.
बहरहाल जेठमलानी के दावों से हड़कंप मच चुका है. मामले के कई और पहलू भी सामने आ सकते हैं. क्योंकि मामला सिर्फ हिंडेनबर्ग ही नहीं चीन की कम्युनिस्ट पार्टी तक जा पहुंचा है.
कोटक की सफाई
कोटक महिंद्रा कंपनी ने सफाई दी है कि हिंडनबर्ग कभी भी केआईओएफ का क्लाइंट नहीं रही है और न ही कभी पार्टनर रहा है.
हिंडनबर्ग ने बताया बेतुका नोटिस
हिंडनबर्ग कंपनी ने खुद स्वीकार किया है कि उसे सेबी का नोटिस मिला है. कंपनी ने हालांकि सेबी के नोटिस को बेतुका बताया है.