Breaking News Middle East War

गुपचुप ईरान पहुंचे चीन के प्लेन, क्या भेजे थे हथियार?

इजरायल-ईरान के बीच चल रहे संघर्ष में चीन की एंट्री ने तनातनी और बढ़ा दी है. चीन के तीन कार्गो प्लेन चुपचाप ईरान पहुंचे हैं. माना जा रहा है कि इजरायल की ओर से अमेरिका के कूदने के बाद ईरान को डिफेंस सपोर्ट देने के लिए चीन ने अपने कार्गो प्लेन पहुंचाए हैं. 

बताया जा रहा है कि इन विमानों का रूट शंघाई इत्यादि से लग्जमबर्ग था, लेकिन मिड-एयर इन एयरक्राफ्ट ने अपने ट्रांसपोर्डर और सेंसर स्विच ऑफ कर दिया और ईरान की एयर स्पेस में पहुंच गए. जबकि जंग के कारण ईरान की एयर स्पेस बंद थी.

ईरान में चीन के कार्गो प्लेन, हथियार सप्लाई करने की आशंका

मिडिल ईस्ट में बढ़ रहे तनाव को और हवा दी जा रही है. जहां इजरायल के साथ अमेरिका खड़ा हुआ है, वहीं ईरान के सपोर्ट में चीन आ गया है. बताया जा रहा है कि चीन के तीन कार्गो ईरान पहुंचे हैं. इन एयरक्राफ्ट में क्या था, इसका खुलासा अभी तक नहीं हो पाया है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या चीन ने ईरान को कोई हथियार या फिर एयर डिफेंस सिस्टम सप्लाई किया है. 

दरअसल इजरायल ने लगातार हमलों से ईरान की हालत खराब कर दी है. तेहरान और आसपास के इलाकों में लगातार इजरायली रक्षा बल भारी बमबारी कर रहा है और लड़ाकू विमानों से मिसाइल दागी जा रही हैं. ईरान का एयर डिफेंस सिस्टम इजरायली मिसाइलों को भांपने और उन्हें गिराने में नाकाम हो रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि हो सकता है कि चीन ने ईरान को एयर डिफेंस सिस्टम की मदद की हो. 

फ्लाइट राडार के डेटा ने चीन की पोल खोली

फ्लाइट राडार 24 के डेटा के अनुसार युद्ध शुरु होने से पहले अब तक कई बोइंग विमान चीन के उत्तरी भागों से उड़ान भरकर ईरान की ओर गए हैं. इन विमानों ने कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान को पार किया और फिर राडार से गायब होकर सीक्रेट तरीके से ईरान पहुंच गए. राडार से गायब होने वाले विमान चीन के कार्गो विमान थे. जिस तरह से ये विमान गुप्त ठिकाने पर पहुंचे, इस बात की आशंका और प्रबल हो जाती है कि इनमें ईरान के लिए सैन्य मदद मुहैया कराई गई हो.  

इजरायल के साथ अमेरिका, ईरान के साथ खड़े हैं रूस और चीन

इजरायल के खिलाफ युद्ध में चीन और रूस, ईरान के पक्ष में खड़े दिखाई पड़ रहे हैं. रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति को इजरायल-ईरान युद्ध में न कूदने की चेतावनी दी है. पुतिन ने कहा है कि अगर अमेरिका जंग में कूदा तो रूस (और चीन) भी ईरान का सीधे तौर से समर्थन करेंगे. 

इजरायल और ईरान को लेकर महाशक्तियों में जुबानी जंग शुरु हो गई है. रूस ने मध्यस्थता की पेशकश की है, लेकिन ट्रंप ने मध्यस्थता को खारिज करते हुए पुतिन पर तंज कसा है कि पहले पुतिन अपनी यूक्रेन वाली समस्या सुलझा लें.

ईरान को लेकर रूसी राष्ट्रपति और चीनी राष्ट्रपति दोनों ने एकदूसरे से फोन पर बात की. रूस और चीन दोनों ने इजरायल के हमलों की निंदा करते हुए शांति की पैरवी की है.

editor
India's premier platform for defence, security, conflict, strategic affairs and geopolitics.