बंगाल की खाड़ी में भारत के बैलिस्टिक मिसाइल टेस्ट से पहले एक बार फिर चीन का ‘स्पाई शिप’ हिंद महासागर में पहुंच गया है. खास बात ये है कि हिंद महासागर में इसके साथ ही चीन का ये चौथा रिसर्च वैसल है जो इस वक्त हिंद महासागर क्षेत्र में मौजूद है. इसी बीच भारतीय मछुआरों को समंदर से चीन में बने अंडरवाटर ग्लाइडर मिलने से सनसनी फैल गई है.
ओपन सोर्स इंटेलिजेंस के मुताबिक, चीन का युआन वांग-3 मलक्का स्ट्रेट पार कर हिंद महासागर में दाखिल हो रहा है. वांग-3 चीन का सैटेलाइट और (बैलिस्टिक) मिसाइल ट्रैकिंग जासूसी जहाज है. ये जहाज ऐसे समय में हिंद महासागर में दाखिल हो रहा है जब भारत ने 3-4 अप्रैल के लिए पूरे बंगाल की खाड़ी के लिए नोटम (नोटिस टू एयर मिशन) जारी किया हुआ है. ये नोटम बंगाल की खाड़ी में 1680 किलोमीटर लंबे क्षेत्र के लिए जारी किया गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि यहां भारत की किसी बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण होने जा रहा है.
पिछले डेढ़-दो साल से चीन की कोशिश रही है कि जब भी भारत की किसी बैलिस्टिक (न्यूक्लियर) मिसाइल का टेस्ट होता है तो चीन के स्पाई शिप हिंद महासागर में जासूसी के लिए पहुंच जाते हैं. माना जा रहा है कि भारत अपनी खास अग्नि-प्राइम मिसाइल का परीक्षण करने जा रहा है जिसके लिए बंगाल की खाड़ी की एयरस्पेस को 3-4 अप्रैल को नो-फ्लाई जोन घोषित किया गया है.
नवम्बर 2022 में चीन का युआन वांग-6 रिसर्च वैसल श्रीलंका में पहुंचा था. उस दौरान भारत को अपना एक अहम मिसाइल-परीक्षण करना था. इसके महीने बाद ही (दिसम्बर 22) में जब भारत ने एक बार फिर बंगाल की खाड़ी के लिए नोटम जारी किया तो चीन का दूसरा स्पाई शिप युआन वांग-5 हिंद महासागर में पहुंच गया था.
भारत के कड़े विरोध के बाद श्रीलंका ने पूरे एक साल के लिए चीन के किसी भी तरह के जहाज को अपने देश आने पर अब रोक लगा दी है. लेकिन हिंद महासागर क्षेत्र में चीन ने पाकिस्तान के अलावा अपना एक और मित्र-देश ढूंढ लिया है. भारत से तल्खी के बाद मालदीव अब चीन की गोद में जाकर बैठ गया है. पिछले महीने ही चीन का एक स्पाई शिप मालदीव में आया था.
खास बात ये है कि इस वक्त हिंद महासागर में युआन वांग-3 के अलावा तीन अन्य सर्वे एंड रिसर्च वैसल मौजूद हैं. एक है शियांग यांग होंग-1, दूसरा शियांग यांग होंग-3 और तीसरा है डा यांग हाओ (https://x.com/detresfa_/status/1771038061788623358?s=46).
चीन के स्पाई शिप और सर्वे वैसल की मौजदूगी को लेकर भारतीय नौसेना के सूत्रों ने साफ किया कि हिंद महासागर में दाखिल होते ही उसकी ट्रेकिंग शुरु हो जाती है. ऐसे में साफ है कि चीन के सभी तरह के जहाज को भारतीय नौसेना मॉनिटर कर रही है.
इस बीच हिंद महासागर में मछुआरों को चीन के बने अंडरवाटर ग्लाइडर मिल रहे हैं. ये ग्लाइडर समंदर के नीचे रिसर्च और सर्वे के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं. अंडरवाटर ड्रोन की तरह ये ग्लाइडर, समंदर के नीचे के तापमान और गहराई इत्यादि के अलावा अंडरवाटर साउंड मापने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं ताकि दुश्मन की पनडुब्बी आदि की लोकेशन का पता लगाया जा सके.
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