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चीन का पिट्ठू है ट्रूडो, RSS बैन करने की हुई मांग

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने क्या चीन के चलते भारत से पंगा लिया है. क्योंकि पिछले कई सालों से कनाडा में चीन के हस्तक्षेप को लेकर सवाल उठते रहते हैं. खुद ट्रूडो को विदेशी दखल से जुड़े कमीशन में पेश होना है. बजाए चीन के दबदबे को रोकने के कनाडा में आरएसएस को बैन करने की मांग उठ रही है.

कनाडा के चुनावों को फंडिंग के जरिए प्रभावित करने के चीन पर गंभीर आरोप लग चुके हैं. खुद ट्रूडो पर चुनाव के दौरान चीनी मूल के अमीर नागरिकों के घर पर टिकट लेकर लोगों से मिलने के आरोपों से घिर चुके हैं.

कनाडा के नेताओं से लेकर सरकारी ऑफिसर और आरसीएमपी यानी रॉयल कनाडाई माउंटेड पुलिस (फेडरल पुलिस) के अधिकारी तक चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के लिए जासूसी के आरोपों में घिर चुके हैं.

यही वजह है कि कनाडा के विपक्षी पार्टियों के नेता इस बात के इल्जाम लगा रहे हैं कि चीन से ध्यान भटकाने के लिए ट्रूडो ने विदेशी हस्तक्षेप के लिए भारत पर आरोप मढ़ दिए हैं.

दिल्ली में कनाडाई उच्चायोग में तैनात कार्यवाहक हाई कमिश्नर सहित आधा-दर्जन डिप्लोमेट्स को निष्कासन के लिए जारी बयान में भी भारत के विदेश मंत्रालय ने बिना चीन का नाम लिए ट्रूडो पर विदेशी (चीनी) हस्तक्षेप के लिए भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाने की बात कही थी. (कनाडा से आर-पार की लड़ाई, Diplomats निष्कासित)

ट्रूडो भले ही खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के आरोप में भारत सरकार के अधिकारियों के लॉरेंस बिश्नोई गैंग से कनेक्शन की बात कर रहे हैं लेकिन अभी तक कोई पुख्ता सबूत कनाडा ने भारत को नहीं सौंपा है.

उधर ट्रूडो की सरकार के समर्थक रह चुके सांसद जगमीत सिंह ने कनाडा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेटवर्क को बैक करने की मांग की है. . वही जगमीत सिंह है जो कनाडा में खालिस्तानियों को बड़ा समर्थक माना जाता है. भारत से अलगाव विरोधी नीतियों के लिए जगमीत सिंह को जाना जाता है. (Trudeau को जनता ने घेरा, वोट बैंक के लिए भारत से किए संबंध खराब)

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