चीन ने एक बड़े जासूस को गिरफ्तार करके सनसनी फैला दी है. जासूस चीन की सेना से जुड़ा हुआ शख्स है, जो सैन्य खुफिया जानकारी दुश्मन देशों को सोशल मीडिया के जरिए शेयर करता था. चीन ने जासूसी करने वाले इस शख्स की पहचान नी डोंग्ये के तौर पर की है.
आरोपी नी डोंग्ये चीन की सेना में काम करता था और अनुशासनहीनता के चलते सेना से बाहर कर दिया गया था. सेना से बर्खास्त होने के बाद नी डोंग्ये लापता हो गया था, और अब उसकी गिरफ्तारी से चीनी खुफिया एजेंसी भी हैरान रह गई है.
चीन की खुफिया एजेंसी में हड़कंप, 80 साल का जासूस गिरफ्तार
चीन के आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय के मुताबिक, “नी डोंग्ये नाम के 80 वर्षीय शख्स ने बैरक, स्थान और हथियार के बारे में जानकारी इकट्ठा कर वीडियो तैयार किया. इस वीडियो को वी-चैट के जरिए दुश्मन देश को भेज दिया.” चीन के सैन्य अधिकारी पहले यह जानने की कोशिश में लगे हैं कि आखिर डोंग्ये ने कौन-कौन सी खुफिया जानकारी लीक की है?
चीन सरकार के मुताबिक, “जासूस ने जानकारी जुटाने से पहले 80 साल के शख्स के नाम से सोशल मीडिया हैंडल तैयार किया. जिस शख्स के नाम से हैंडल तैयार किया है, वो चीन के सुदूर इलाके में रहता है. इसके बाद जासूस नी ने बैरक, हथियार और चीनी सैन्य बलों की रेकी की. रेकी के दौरान ही कुछ तस्वीरें भी ली. इन तस्वीरों को उसने उसी सोशल मीडिया हैंडल के जरिए दुश्मन देश को शेयर कर दिया.”
दुश्मन देशों को भेजता था जानकारी, ऐसे हुई गिरफ्तारी
चीन के खुफिया एजेंसी को जानकारी मिली कि कोई शख्स संवेदनशील फोटो और डाटा लीक कर रहा है. डाटा लीक की जानकारी मिली, तो सोशल मीडिया हैंडल को खंगालना शुरू किया. अधिकारियों को यह शक हुआ कि कोई 80 साल का व्यक्ति कैसे किसी दूसरे देश के लोगों से वी-चैट के जरिए बात कर सकता है. इसके बाद चीन के अधिकारियों ने नी डोंग्ये को रडार में लिया. 7 दिन और 6 रात के बाद नी खुद चीनी अधिकारियों के ट्रैप में फंस गया. नी को चीनी अधिकारियों ने जानकारी जुटाते हुए रंगे-हाथ पकड़ लिया. हालांकि चीन ने यह खुलासा नहीं किया है, वो दुश्मन देश कौन हैं, जिनसे नी डोंग्ये ने जानकारी साझा की.
संवेदनशील सैन्य संबंधी फोटो न खींचे लोग: चीन
खुफिया एजेंसी ने कहा, “सैन्य-संबंधी जानकारी अत्यधिक संवेदनशील होती है और विदेशी जासूसी एजेंसियों के लिए प्राथमिक लक्ष्य होती है”, और जनता से संवेदनशील सैन्य-संबंधी जानकारी और अनाधिकृत जगहों को फोटो न खींचनी की अपील की है.” चीन में जासूसों को फांसी देने का प्रावधान है. चीन की आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय ने इस प्रकरण के बाद एक बयान जारी किया है. सुरक्षा मंत्रालय का कहना है कि “लोगों से कहा कि वो इस तरह के ट्रैप में न फंसें.”