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रईसी का हेलीकॉप्टर क्रैश: हादसा या साजिश ?

Courtesy: Social Media

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर क्रैश में हुई मौत के बाद से ही सवाल उठने लगे हैं कि आखिर दुर्घटना का कारण क्या है. क्या वाकई रईसी का हेलीकॉप्टर खराब मौसम का शिकार हुआ या फिर ये इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद का कोई कोवर्ट ऑपरेशन था. कहीं इस दुर्घटना के पीछे अजरबैजान तो नहीं जो पिछले कुछ सालों से इजरायल के करीब आ गया है. 

रविवार को जब रईसी और उनका ‘बैल-212’ हेलीकॉप्टर पूर्वी अज़रबैजान प्रांत में अचानक लापता हो गया तो ईरान की तरफ से आधिकारिक तौर से कहा गया कि ये खराब मौसम के चलते हुआ है. ईरान ने कहा कि खराब मौसम के चलते रईसी के हेलीकॉप्टर ने तबरीज (पूर्वी अज़रबैजान की राजधानी) इलाके की किसी अज्ञात जगह पर ‘हार्ड-लैंडिंग’ की है. लेकिन खराब मौसम के चलते अगले 14-15 घंटे तक सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन बाधित रहा. इलाके में सर्च ऑपरेशन के कई वीडियो सामने आए जिससे साफ दिखाई पड़ रहा था कि वहां वाकई मौसम खराब है और ‘विजिबिलिटी’ काफी कम है (ईरान के राष्ट्रपति की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत).

लेकिन ‘कॉन्सपिरेसी’ थ्योरी को बल मिलना तब शुरु हुआ जब जानकारी मिली की रईसी के साथ डैम के उद्घाटन के लिए साथ में गए बाकी दो हेलीकॉप्टर अपने गंतव्य पर पहुंच गए हैं लेकिन रईसी का हेलीकॉप्टर लापता हो गया है. बाकी दोनों हेलीकॉप्टर ने भी उसी खराब मौसम में उड़ान भरी थी. षड्यंत्रकारी थ्योरी को बल मिलना तब शुरु हुआ जब सर्च ऑपरेशन के दौरान ही इजरायल से जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट्स पर रईसी की मौत का ऐलान कर दिया गया (https://x.com/MOSSADil/status/1792206589765845295).

सोमवार की सुबह रईसी के हेलीकॉप्टर क्रैश साइट का पता लगाने और शव के बरामद होते ही सोशल मीडिया पर दावा करना शुरु कर दिया कि इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद ने इस घटना को अंजाम दिया है. हालांकि, इस को लेकर कोई सबूत अभी तक सामने नहीं आया है. लेकिन आसमान में रईसी के जलते हुए हेलीकॉप्टर की कुछ तस्वीरें जरुर सामने आई. हालांकि, ये साफ नहीं है कि ये तस्वीरें आखिरकार कहां से आई. क्या कोई एयरक्राफ्ट इस दौरान आसमान में आस पास ही था. कहीं ऐसा तो नहीं कि इन तस्वीरों को फोटो-शॉप के जरिए तैयार किया गया हो (https://x.com/bakirraza313/status/1792784743991570586).

दरअसल, टर्की (तुर्किए) ने अपने ‘टीबीटू-एकेंसी’ ड्रोन को सर्च ऑपरेशन में लगाया था और हीट-सिग्नेचर मिलने का दावा किया था. हालांकि, ईरान का दावा है कि उसके एरियल-प्लेटफॉर्म ने ही हेलीकॉप्टर का मलबा सबसे पहले ढूंढ निकाला था. इस दौरान आसमान से क्रैश साइट की तस्वीरें साझा की थी. ऐसे में बहुत हद तक संभव है कि तस्वीरों को फोटो शॉप के जरिए मिस-इनफार्मेशन फैलाने की कोशिश हो. क्योंकि 13 अप्रैल को ईरान द्वारा इजरायल पर किए गए हमले के बाद दोनों देशों के बीच जबरदस्त तनाव चल रहा था. इजरायल ने ईरान से हवाई हमलों का बदला लेने का ऐलान तक किया था. लेकिन ये बदला कब, कहां और कैसे लिया जाएगा, इस बारे में इजरायल ने खुलासा नहीं किया था (https://x.com/Azad_Xan/status/1792597602753495232).

इस दौरान ओपन सोर्स इंटेलीजेंस के जरिए ये भी खबर फैलाई गई कि रविवार को रईसी के हेलीकॉप्टर क्रैश के दौरान ही एक अमेरिकी सी-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट ने अजरबैजान के एक हवाई अड्डे पर लैंड किया था. इस ग्लोबमास्टर के बारे में ज्यादा जानकारी सामने नहीं आई है. अमेरिका के अलावा कई नाटो देश ग्लोबमास्टर को ओपरेट करते हैं. 

दरअसल, रविवार को रईसी और उनके विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियान अजरबैजान सीमा पर बने एक डैम का उद्घाटन करने पहुंचे थे. ये डैम ईरान के पूर्वी अज़रबैजान प्रांत में बना है (ये पूर्वी अज़रबैजान प्रांत, अजरबैजान नाम के देश से अलग है). इस उद्घाटन समारोह में अजरबैजान (देश के) राष्ट्रपति इल्हाम अलियेव भी मौजूद थे (https://x.com/IranObserver0/status/1792184640658100432).

कुछ साल पहले तक अजरबैजान और ईरान के संबंध कोई खास नहीं थे. ईरान इस बात को लेकर सार्वजनिक तौर से अपनी चिंता भी जता चुका था. वर्ष 2020 में आर्मेनिया युद्ध के दौरान इजरायल ने अजरबैजान की जमकर सैन्य मदद की थी. ऐसे में इजरायल और अजरबैजान काफी करीब आ गए थे. यही वजह है कि षड्यंत्रों का बाजार गर्म है. लेकिन कोई इन साजिश को गंभीरता से नहीं ले रहा है. 

दरअसल, जिस हेलीकॉप्टर (बैल-212) में रईसी सवार थे वे काफी पुराने पड़ चुके हैं. 80 के दशक में ईरान को ये हेलीकॉप्टर अमेरिका से मिले थे. 80 के दशक के आखिरी सालों में इन बैल-212 हेलीकॉप्टर का निर्माण तक कनाडा में स्थानांतरित कर दिया गया था. कनाडा तक में इन हेलीकॉप्टर को रिटायर कर दिया गया था. लेकिन कट्टरपंथी इस्लामिक देश होने के चलते अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगा रखे हैं. नतीजा ये हुआ कि ईरान को पश्चिमी देशों से सैन्य और दूसरे मदद मिलनी बंद हो गई. यहां तक की पुराने हेलीकॉप्टर के स्पेयर पार्ट्स तक नहीं मिल पाते हैं. मेंटेनेंस में भी खासी दिक्कत सामने आती हैं. इसका खामियाजा ईरान के सबसे मजबूत राष्ट्रपति रईसी और विदेश मंत्री सहित कुल नौ लोगों का उठाना पड़ा जो बैल-212 हेलीकॉप्टर में सवार थे (https://x.com/JulianRoepcke/status/1792226446674460876).

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