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HAL की उड़ान, डिफेंस एक्सपोर्ट 21 हजार करोड़ पार

Courtesy: HAL

एलसीए तेजस के एडवांस वर्जन मार्क-1ए की पहली फ्लाइट के साथ ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने रिकॉर्ड 30 हजार करोड़ (29,810) का राजस्व अर्जित कर अपनी विकास दर को पहली बार डबल डिजिट (11 प्रतिशत) पर पहुंचा दिया है. पिछले साल ये आंकड़ा 27 हजार करोड़ का था (और विकास दर 9 प्रतिशत). उधर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ऐलान किया है कि देश का डिफेंस एक्सपोर्ट रिकॉर्ड 21 हजार करोड़ का आंकड़ा पार कर गया है. वर्ष 2022-23 में रक्षा क्षेत्र में निर्यात 16 हजार करोड़ था. 

नए वित्तीय वर्ष के शुरुआत होते ही एचएएल ने सोमवार को 2023-24 में अपने विकास दर से जुड़े आंकड़े सार्वजनिक किए. एचएएल के मुताबिक, बीते वर्ष 19 हजार करोड़ के नए मैन्युफैक्चरिंग ऑर्डर मिले हैं. इसके साथ ही रिपेयर और ओवरहालिंग (आरओएच) के भी करीब 16 हजार करोड़ के नए करार मिले हैं. इनमें दक्षिण अमेरिकी देश गुयाना को दो हिन्दुस्तान-228 (डोरनियर) एयरक्राफ्ट का एक्सपोर्ट ऑर्डर भी शामिल हैं. एचएएल के पास फिलहाल 94 हजार करोड़ के ऑर्डर हैं. इस साल ये आंकड़ा बढ़ने की उम्मीद है. 

एचएएल ने स्वदेशी एलसीए मार्क-1ए की पहली सफल उड़ान 28 मार्च (गुरुवार) को ही संपन्न की थी. माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक मार्क-1ए की पहली स्क्वाड्रन वायुसेना में शामिल हो जाएगी. 

एचएएल के मुताबिक, बीता वर्ष कई अहम करारों के मायनों में बेहद अहम था. अमेरिका के साथ एफ-414 इंजन बनाने को लेकर करार किया गया. मार्क-1ए फाइटर जेट के लिए इन इंजनों का निर्माण अमेरिकी कंपनी जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) के साथ मिलकर भारत में ही किया जाएगा. इन इंजनों में 80 प्रतिशत स्वदेशी कंटेंट होगा. इसके अलावा मल्टी रोल और डेक-बेस्ड हेलीकॉप्टर के इंजन के लिए फ्रांस की साफरान कंपनी के साथ भी मेक इन इंडिया के लिए करार किया गया है. इसके लिए एसएएफएचएएल (साफहल) नाम की एक ज्वाइंट वेंचर कंपनी बनाई गई है. 

एचएएल के मुताबिक, बीते वर्ष में एयरबस कंपनी के साथ मिलकर राजधानी दिल्ली में एक एमआरओ यानी मेंटेनेंस, रिपेयरिंग, ओवरहोल के लिए एक फैसिलिटी बनाई जा रही है. ये ए-320 फैमिली के एयरक्राफ्ट के लिए फैसिलिटी बनाई गई है. एचएएल के मुताबिक, इस फैसिलिटी से मेक इन इंडिया मिशन मजबूत होगा और एक्सपोर्ट की संभावनाए भी बनेंगी.  

एचएएल के सीएमडी सीबी अनंताकृष्णन के मुताबिक, ग्लोबल सप्लाई चेन बाधित होने और जियोपॉलिटिकल परिस्थितियों के बावजूद कंपनी (एचएएल) ने अपनी परफॉर्मेंस में सुधार किया है. एचएएल ने भारतीय डिफेंस सर्विसेज को मदद के साथ ही देश के रक्षा तैयारियों में अहम भूमिका निभाने की प्रतिबद्धता जताई. 

सोमवार को ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया कि बीते वर्ष (2023-24) में भारत का रक्षा निर्यात 21,083 करोड़ पहुंच गया है जो 2022-23 के बीच 15,920 करोड़ था. रक्षा मंत्री के मुताबिक, डिफेंस एक्सपोर्ट में 32.5 प्रतिशत की बढ़त हुई है. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, पिछले दस सालों में यानी 2014-15 और 2023-24 के बीच भारत ने 88,319 करोड़ के हथियार और दूसरे सैन्य उपकरणों का निर्यात किया है जबकि 2004-05 से 2013-14 के बीच भारत का रक्षा निर्यात मात्र 4312 करोड़ था (https://x.com/SpokespersonMoD/status/1774771617308275046?s=20).

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