प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चीन पहुंचने से पहले बीजिंग की सेना ने दिल्ली के साथ एलएसी विवाद खत्म करने पर जोर दिया है. पीएलए (चीन आर्मी) ने कहा है कि भारत के साथ हुई सकारात्मक और रचनात्मक सीमा वार्ता में 10 बिंदुओं पर सहमति बनने के बाद दोनों देशों को अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द बनाए रखना चाहिए.
चीन के रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी करके कहा, भारत और चीन जैसे दो बड़े, पड़ोसी देश आपसी सम्मान, विश्वास, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व, साझा विकास और परस्पर लाभकारी सहयोग की भावना के साथ आगे बढ़ सकते हैं.
भारत के साथ मिलकर एलएसी पर शांति स्थापित करेंगे: चीनी सेना
पीएम मोदी के आगामी चीन यात्रा से पहले चीनी सेना ने भारत के साथ 10 सूत्रीय सहमति होने की बात कही है. पीएलए की ओर से कहा गया कि “दोनों देश अब सीमा इलाकों में शांति बनाए रखने के लिए गंभीर हैं. भारत और चीन को संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता की रक्षा करनी चाहिए.”
आपको बता दें कि 19 अगस्त को दिल्ली में एनएसए अजीत डोवल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई थी, जिसमें एलएसी के विवाद को खत्म किए जाने पर जोर दिया गया था.
चीनी रक्षा मंत्रालय ने इस बैठक के बाद गुरुवार को बयान जारी किया है. चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता झांग शियाओगांग ने कहा, कि “वार्ता का माहौल सकारात्मक और रचनात्मक रहा और इसमें कई महत्वपूर्ण सहमतियां बनीं.”
भारत-चीन मतभेदों को सुलझाने और सीमा को स्थिर बनाने की दिशा में आगे बढ़े: चीनी रक्षा मंत्रालय
चीन के प्रवक्ता ने कहा, “चूंकि 2025 में भारत और चीन के बीच कूटनीतिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष पूरे हो रहे हैं, ऐसे में दोनों देशों को यह अवसर द्विपक्षीय संबंधों को नवीन ऊर्जा देने के लिए उपयोग करना चाहिए. इस बार की बातचीत के परिणाम बताते हैं कि दोनों देश मतभेदों को बातचीत के जरिए सुलझाने और सीमा क्षेत्रों को स्थिर बनाए रखने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.”
डोवल-वांग यी की बैठक में क्या तय हुआ?
इस वार्ता से पांच मुख्य परिणाम सामने आए हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण सीमा परिसीमन है. इसमें प्रगति की संभावना तलाशने के लिए परामर्श और समन्वय कार्य तंत्र के तहत एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया गया है. यह कदम दोनों देशों के बीच जटिल सीमा विवादों के समाधान की दिशा में बड़ी पहल माना जा रहा है.