अमेरिका के इतिहास में पहली बार कोई हिंदू महिला राष्ट्रपति के कैबिनेट का हिस्सा बनने जा रही हैं. अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पूर्व सांसद और सेना की लेफ्टिनेंट कर्नल तुलसी गबार्ड को नेशनल इंटेलिजेंस का डायरेक्टर (डीएनआई) नियुक्त किया है. डीएनआई एक कैबिनेट पद है जिसके अंतर्गत अमेरिकी की सभी आंतरिक इंटेलिजेंस एजेंसियां आती हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने खुद तुलसी को अपने कैबिनेट में शामिल करने की घोषणा की. वर्ष 2020 में डेमोक्रेटिक पार्टी से राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने वाली तुलसी, दो साल पहले रिपब्लिकन पार्टी में शामिल हो गई थी. ट्रंप के चुनाव के लिए तुलसी ने जी-तोड़ मेहनत की थी.
चुनाव अभियान के दौरान तुलसी ने ट्रंप के खिलाफ डीप-स्टेट सक्रिय होने का आरोप लगाया था. तुलसी का आरोप था कि डीप-स्टेट जो बाइडेन को राष्ट्रपति बनाने के फिराक में था. ट्रंप भी अमेरिका के डीप-स्टेट के खिलाफ रहे हैं.
अमेरिका की डीएनआई के तौर तुलसी, व्हाइट हाउस में इंटेलिजेंस एडवाइजर के तौर पर काम करेंगी. (https://x.com/TulsiGabbard/status/1856798431605657969)
तुलसी, फिलहाल यूएस आर्मी (रिजर्व) में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर तैनात हैं. 9/11 हमले के बाद तुलसी ने यूएस आर्मी ज्वाइन कर ली थी. उस वक्त, वे महज 21 वर्ष की थी. अपने दो दशक के मिलिट्री करियर में तुलसी ने इराक सहित अफ्रीका में भी अपना सैन्य कार्यकाल बिताया है. (https://x.com/realDonaldTrump/status/1856809713331310947)
योग और फिटनेस के लिए मशहूर तुलसी के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं. पिस्टल से फायरिंग करने के वीडियो भी उनके खासे चर्चित हैं. (https://x.com/CubanOnlyTrump/status/1856883952343978478)
तुलसी की मां ने हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया था. यही वजह है कि मां ने उनका नाम तुलसी रखा था, जो हिंदू धर्म में एक पवित्र पौधा है जिसकी पूजा की जाती है. (https://x.com/Starboy2079/status/1856909820252602809)
तुलसी खुद हिंदू धर्म से जुड़े श्लोक बोलती हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक मुलाकात के दौरान उन्होंने गीता की कॉपी भेंट की थी. इतना ही नहीं उन्होंने पीएम मोदी का गुजरात दंगों पर समर्थन भी किया है. तुलसी का मानना है कि गुजरात दंगों (गोधरा कांड) के लिए हिंदुओं को उकसाया गया था.
तुलसी का नाम हालांकि विवादों में घिरा रहा है. कभी सीरिया के मुद्दे पर तो कभी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का समर्थन करने के लिए तुलसी विवादों में भी रही हैं. रूस-यूक्रेन जंग में तुलसी ने ट्रंप की ही तरह बाइडेन की नीतियों का खुलकर विरोध किया था. तुलसी ने जंग में यूक्रेन को मदद ना देने का आह्वान किया था. (https://x.com/FinalAssault23/status/1856963984206770373)