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फेल हुआ ईरान का पहला सीधा हमला ?

ईरान ने साफ कर दिया है कि इजरायल पर बीती रात किए हवाई हमले अब खत्म हो गए हैं. खुद ईरान के सेना प्रमुख ने इस बात का ऐलान किया है. पूरी दुनिया की निगाहें अब इजरायल की तरफ लगी है कि ईरान के खिलाफ क्या कोई बड़ी कार्रवाई होगी. क्योंकि पहली बार ईरान ने खुलकर इजरायल पर सीधा हमला किया है. 

13 अप्रैल की रात, ईरान ने ताबड़तोड़ इजरायल पर हवाई हमले किए. माना जा रहा है कि 200-300 ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइल के जरिए ईरान ने इन हमलों को अंजाम दिया. ईरान की पैरा-मिलिट्री फोर्स आईआरजीसी यानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर ने इन हमलों को अंजाम दिया. ये पहली बार है कि ईरान ने खुलकर कबूल किया है कि इजरायल पर अटैक किया है. इससे पहले तक इजरायल का हमेशा से आरोप रहा था कि ईरान अपने प्रॉक्सी आतंकी संगठन हमास, हिजबुल्लाह और हूती विद्रोहियों के जरिए इजरायल पर हमले करता है.

बीती रात के एरियल अटैक, ईरान ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में हुए कॉन्सुलेट पर हुए ड्रोन अटैक और उस दौरान आईआरजीसी के एक टॉप कमांडर की जान चली गई थी. उस हमले का बदला लेने के लिए ही ईरान ने इजरायल पर ये हमला किया. लेकिन सवाल ये है कि क्या ईरान का बदला पूरा हो गया है. क्योंकि ईरान के सेना प्रमुख मेजर जनरल बागेरी ने इजरायल के खिलाफ ऑपरेशन खत्म करने का ऐलान कर दिया है.

मेजर जनरल बागेरी ने कहा कि आईआरजीसी ने इजरायल के सैन्य ठिकानों को ही निशाना बनाया है, किसी रिहायशी इलाके या फिर आर्थिक प्रतिष्ठान को नुकसान नहीं पहुंचा गया है. इन सैन्य ठिकानों में ईरान का दावा है कि सीरियाई सीमा पर इजरायल का वो इंटेल सेंटर (खुफिया ठिकाना) और नवातिम एयरबेस है जहां से दमिश्क में ईरानी कॉन्सुलेट पर अटैक को अंजाम दिया गया था. लेकिन ईरानी सेना प्रमुख ने ये जरुर धमकी दी कि अगर इजरायल ने फिर कोई दुस्साहस किया तो उसका भी करार जवाब दिया जाएगा. ईरान ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में भी अपने ऑपरेशन खत्म करने की घोषणा कर दी है (ईरान का इजरायल पर पलटवार, किया ड्रोन अटैक).

अब दुनिया की निगाहें इजरायल की तरफ लगी है कि क्या अब ईरान पर फिर हमला किया जाएगा. हालांकि, इजरायल ने खुद दावा किया है कि ईरान के 99 प्रतिशत ड्रोन और मिसाइल अटैक को आसमान में इंटरसेप्ट कर तबाह कर दिया गया. इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) का कहना है कि ईरान के हमलों से कोई खास नुकसान नहीं हुआ है सिवाय एक एयरबेस के मामूली क्षतिग्रस्त होने के. आईडीएफ का दावा है कि 

अमेरिका रक्षा विभाग (पेंटागन) ने दावा किया है कि जैसे ही खबर लगी कि ईरान ने इजरायल पर हवाई हमले किए हैं, ईरान और जॉर्डन जैसे देशों में अमेरिका एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिव हो गए और ड्रोन सहित मिसाइलों को आसमान में ही नष्ट कर दिया गया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्रिटिश रॉयल फोर्सेज ने भी इन हमलों को काउंटर करने में अहम भूमिका निभाई. 

आईडीएफ ने बयान जारी कर बताया कि इजरायली डिफेंस ऐरे और ऐरो एरियल डिफेंस सिस्टम ने अपनी सहयोगी देशों (अमेरिका, ब्रिटेन इत्यादि) की मदद से इजरायली सीमा में हमले होने से पहले ही दर्जनों एयरक्राफ्ट (ड्रोन) और क्रूज मिसाइल को इंटरसेप्ट कर लिया था. आईडीएफ ने एफ-35 आई अदीर फाइटर जेट के वीडियो जारी कर बताया कि नेवातिम एयरबेस पर ऑपरेशन जारी है. साथ ही बताया कि आईडीएफ के दर्जनों फाइटर जेट अभी भी ओपरेट कर रहे हैं ताकि किसी भी एरियल हमले से निबटा जा सके. 

साफ है कि इस बार इजरायली सेना ईरान के पलटवार के लिए पूरी तरह तैयार थी. पिछले साल 7 अक्टूबर के हमास के ड्रोन अटैक से सीख लेते हुए इजरायल ने अपनी एयर-डिफेंस सिस्टम (प्रणाली) को बेहद मजबूत बना लिया है कि एक साथ 200-300 ड्रोन और मिसाइल अटैक को भी इंटरसेप्ट करने की क्षमता है. 

13 अप्रैल के हमले पर ईरान ने कहा है कि ये ईरान का कोई पलटवार या जवाबी कार्रवाई नहीं है. ईरान का खतरा हमेशा से इजरायल पर रहा है. इस बार ईरान अपनी परछाई से बाहर आ गया है. यानी पहले ईरान अपने प्रॉक्सी आतंकी संगठन हमास, हिज्बुल्लाह और हूती विद्रोहियों के जरिए इजरायल पर हमले कराता था, इस बार खुद किए हैं. लेकिन इन हमलों से ईरान पूरी तरह एक्सपोज हो गया है कि तेहरान में एक कट्टरपंथी और तर्कहीन शासन है जो पूरी स्वतंत्र दुनिया को खत्म करने पर तुला है. 

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