राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोवल ने देशवासियों से सोशल मीडिया पर सेना और दूसरे सुरक्षाबलों के खिलाफ चल रहे फेक नैरेटिव को काउंटर करने का आह्वान किया है. क्योंकि इनफार्मेशन वॉरफेयर के युग में, युद्ध अगर बैटलफील्ड में लड़ा जाता है तो सोशल मीडिया पर भी लड़ा जाता है.
सोशल मीडिया पर सेना, सैनिक या फिर देश से जुड़े तरह-तरह के वीडियो और तरह-तरह की इन्फॉर्मेशन बेहद तेजी से फैलती हैं, चाहे वो अफवाह हों या फिर सच्चाई से कोसों दूर. लोग आंख बंद कर ना सिर्फ यकीन कर लेते हैं बल्कि उसे वायरल करने में भी देर नहीं लगाते हैं. ऐसे में देश के एनएसए अजीत डोवल ने लोगों को सावधान रहने की अपील करते हुए सोशल मीडिया पर चल रहे फेक नैरेटिव को काउंटर करने का आह्वान किया है.
सोशल मीडिया अपनी विश्वसनीयता खो रहा है: अजीत डोवल
जाने माने रक्षा विशेषज्ञ मेजर जनरल (रिटायर) जीडी बख्शी की नई पुस्तक लॉन्च कार्यक्रम में एनएसए डोवल ने सोशल मीडिया को लेकर बड़ी बातें कहीं हैं. अजीत डोवल ने सोशल मीडिया पर सेना, सुरक्षाबलों से जुड़े वीडियो को लेकर कहा, “कुछ लोग सोशल मीडिया पर भारतीय सेना के बारे में कुछ भी पोस्ट करके रक्षा बलों का मनोबल कम करने की कोशिश करते हैं. कभी-कभी लोग ऐसी बातें लिख देते हैं जिससे हमारे जवानों का अपने नेतृत्व से भरोसा उठ जाता है. ऐसी पोस्ट का विरोध करने की जरूरत है.”
डोवल ने कहा कि “अगर सुरक्षाबल के लोग खुद ऐसा करते हैं तो अच्छा है. उन्हें सच्चाई लोगों तक पहुंचानी चाहिए.”
एनएसए ने कहा कि “सोशल मीडिया पर पूरी तरह से झूठ फैलाने वाली कहानियों खोज कर उनका सच उजागर करने की जरूरत है. सच्चाई कुछ तस्वीरों को दिखा कर सामने लाई जा सकती है.”(https://x.com/MeghUpdates/status/1849878626319163676)
सोशल मीडिया पर फेक न्यूज से मुकाबला करने की जरूरत- डोवल
सोशल मीडिया पर बात करते हुए अजीत डोवल ने कहा, “जैसी ही कोई घटना घटती है तो कुछ ही घंटों में सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें कही जाने लगती हैं. वो खबरें ऐसी फैल जाती हैं, कि असलियत पर हावी हो जाती है. इसलिए सबसे पहले सोशल मीडिया पर हमें सही बात करते दायित्व निभाना चाहिए. घटना के कुछ ही घंटों में अगर सही नजरिया सामने आ जाए तो अच्छा रहता है.”
डोवल ने कहा कि हमारे देश में ‘देशभक्त और राष्ट्रवादियों’ की कोई कमी नहीं है, जो ऐसा कर सकते हैं.
सेना से जुड़ी वो फेक न्यूज जिसने फैला दिया था कचर
हाल ही में मणिपुर में अशांति को लेकर तरह-तरह की झूठी और फर्जी बातों के जरिए अशांति फैलाने की कोशिश की गई थी. म्यांमार के वीडियो को मणिपुर का बताकर लोगों ने जबरदस्त वायरल करके देश के लोगों में आक्रोश भर दिया था. साथ ही म्यांमार में सुरक्षाबलों को लेकर भी कई तरह की झूठी खबरें सोशल मीडिया पर फैलाई गई थी.
जम्मू कश्मीर से जुड़े ऐसे कई फेक वीडियो सोशल मीडिया पर फैलाए गए जिनसे दूर-दूर तक सेना का कोई वास्ता नहीं था. जिन्हें सर्च ऑपरेशन के दौरान टॉर्चर या अभद्रता बोलकर लोगों में असंतोष फैलाने की साजिश के हथियार की तरह इस्तेमाल किया गया. बांग्लादेश और चीन से भी जुड़े ऐसे कई फेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किए जा चुके हैं.
हालांकि सेना समय-समय पर ऐसे फेक न्यूज का पर्दाफाश करती रहती है. ‘एडीजीपीआई’ अकाउंट के जरिए सेना अपने से जुड़ी सत्य खबरें प्रकाशित करती है. साथ ही गृह मंत्रालय ने भी फेक न्यूज के खिलाफ एक अकाउंट शुरु किया है, जहां किसी भी खबर या जानकारी की सत्यता का पता लगाया जा सकता है.