इजरायल के पलटवार की तैयारियों के बीच ईरान ने क्या परमाणु परीक्षण किया है इसे लेकर खबरों को बाजार गर्म है. ये इसलिए क्योंकि ईरान के सेमनान प्रांत में शनिवार रात को भूकंप आया, जिसका झटका अर्मेनिया-अजरबैजान तक महसूस किया गया. रिचटर-स्केल में इस भूकंप की तीव्रता 4.5 रिकॉर्ड की गई है.
हैरानी की बात है कि इस भूकंप के आफ्टर-शॉक नहीं रिकॉर्ड किए गए, जैसा कि अक्सर देखने को मिलता है. यही वजह है कि ईरान के किसी सीक्रेट परमाणु परीक्षण की संभावना बढ़ गई है. इस भूकंप के झटके पड़ोसी देश अजरबैजान में भी महसूस किए गए.
ईरान परमाणु ऊर्जा संपन्न देश है लेकिन न्यूक्लियर वेपन के बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है. माना जाता है कि ईरान गुपचुप तरीके से परमाणु हथियार तैयार करने में जुटा है. अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंध भी लगाया है और कुछ साल पहले इजरायल ने इसी के चलते तेहरान के एक न्यूक्लियर फैसिलिटी पर एयर-स्ट्राइक भी की थी.
1 अक्टूबर को ईरान ने इजरायल पर 200 बैलिस्टिक और हाइपरसोनिक मिसाइलों से हमला किया था. इस हमले में इजरायल के दो बड़े मिलिट्री बेस, नेवातिम और रोमनान को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था. साथ ही गाजा में इजरायली टैंक ब्रिगेड को भी नुकसान हुआ था. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान से इस हमले का बदला लेने का ऐलान किया है.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति (और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार) डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल के परमाणु संयंत्रों पर हमला करने के लिए उकसाया है. वहीं, अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडेन ने साफ कह दिया है कि ईरान की न्यूक्लियर फैसिलिटी पर की गई कार्रवाई का समर्थन नहीं किया जाएगा.
ईरान में भूकंप के झटके ऐसे समय में आए हैं जब अजरबैजान से संबंध तल्ख हो गए हैं. पिछले हफ्ते ईरान ने अजरबैजान की सीमा से सटे इलाकों में एक युद्धाभ्यास किया था. अजरबैजान ने इस युद्धाभ्यास को लेकर हैरानी जताई थी.
ईरान ने अजरबैजान की सीमा पर इसलिए युद्धाभ्यास किया है क्योंकि पिछले कुछ सालों में इजरायल के संबंध बाकू से बेहद मजबूत हुए हैं. आर्मेनिया के खिलाफ युद्ध में (2020) में इजरायल ने अजरबैजान को भारी मात्रा में ड्रोन और गोला-बारूद सप्लाई किया था. उसका ही नतीजा था कि अजरबैजान ने विवादित नागोर्नो-काराबाख इलाके को अर्मेनिया से छीन कर अपने कब्जे में कर लिया था.
ईरान का आरोप है कि अजरबैजान ने सीमावर्ती इलाकों में इजरायल के सैनिकों को तैनात किया है. जिसके चलते ही 1 अक्टूबर को ईरान ने अजरबैजान से सटे इलाकों में मिलिट्री एक्सरसाइज की थी.
गौरतलब है कि इसी साल मई के महीने में ईरान के तत्कालीन राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का हेलीकॉप्टर अजरबैजान से सटे इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इस क्रैश में रईसी समेत कुल नौ लोगों की जान चली गई थी. रईसी अजरबैजान के साथ बनाए गए एक डैम का उद्घाटन कर राजधानी तेहरान लौट रहे थे.
सोमवार यानी 7 अक्टूबर को इजरायल-हमास जंग को पूरा एक साल बीत चुका है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या इजरायल इस जंग की बरसी पर ईरान को सबक सिखाएगा. क्योंकि आतंकी संगठन हमास और हिजबुल्लाह सहित हूती विद्रोहियों को ईरान ही पालता-पोसता आया है. (रूसी राजदूत ने अमेरिका छोड़ा, इस रात की सुबह नहीं !)