डोनाल्ड ट्रंप के बाद उनके खासमखास एलन मस्क ने भी यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की को पैसे चुराने का सबसे बड़ा चैंपियन बता दिया है. एलन मस्क ने एक्स पर एक पोस्ट के जवाब में जेलेंस्की पर ऐसी टिप्पणी की है, जिससे साफ हो जाता है कि ट्रंप के कार्यकाल के दौरान जेलेंस्की की क्या हालत होने वाली है.
जेलेंस्की हैं पैसे चुराने के सबसे बड़े चैंपियन: एलन मस्क
रूस-यूक्रेन के युद्ध शुरु होने से लेकर अब 3 साल होने तक यूक्रेन की मदद करता रहा है अमेरिका. चाहे वो वित्तीय मदद हो या फिर सैन्य मदद. जेलेंस्की की दी जाने वाली मदद को लेकर सोशल मीडिया पर बहस शुरु हुई तो जेलेंस्की को लेकर मस्क ने जो टिप्पणी की वो सुर्खियां बन गईं. एक ‘एक्स’ यूजर ने यूक्रेन को 2.5 बिलियन डॉलर अमेरिकी आवंटन पर टिप्पणी की थी.
यूजर ने लिखा कि “सच में जेलेंस्की ने अबतक की सबसे बड़ी धन चोरी को अंजाम दिया है.” यूजर की इस टिप्पणी पर एलन मस्क ने कहा, “सर्वकालिक चैंपियन.”
मस्क की टिप्पणी से शुरू हुई यूक्रेन की वित्तीय मदद पर बहस
एलन मस्क का जेलेंस्की को हमेशा से धन चोरी का चैंपियन करार दिए जाने के बाद बहस शुरु हो गई है. दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जाते-जाते यूक्रेन के लिए 2.5 बिलियन डॉलर की मदद की घोषणा की है, जो युद्ध में सैन्य सहायता के तौर पर की गई है. साल 2022 से शुरु हुए युद्ध में ऐसे कई मौके आए जब जेलेंस्की अमेरिका आए और वित्तीय मदद की घोषणा जो बाइडेन ने की. इस वित्तीय मदद को लेकर अमेरिका में कई सवाल खड़े किए गए. राष्ट्रपति चुनाव में तो यूक्रेन की मदद एक चुनावी मुद्दा था.
एक्सपर्ट्स का मानना है यूक्रेन की मदद से अमेरिका पर वित्तीय भार पड़ रहा है, जिसे अमेरिकन लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाना था. अमेरिकी टैक्सपेयर्स के पैसों को यूक्रेन को दे देने को लेकर बाइडेन प्रशासन पर सवाल खड़े किए गए हैं.
जेलेंस्की जब भी अमेरिकी आते हैं, पैसे ले जाते हैं: ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव में यूक्रेन को वित्तीय मदद को लेकर बाइडेन के खिलाफ आक्रामकता दिखाई थी. चुनावी बहस में ट्रंप ने साफतौर पर कहा था कि “जब भी जेलेंस्की कीव से वाशिंगटन आते हैं, अमेरिका के लोगों पैसे लेकर चले जाते हैं.” ट्रंप ने तो ‘जेलेंस्की को सबसे बड़ा सेल्समैन’ तक बता दिया था.
20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप आधिकारिक तौर पर राष्ट्रपति बनाए जाएंगे. ट्रंप के बाद एलन मस्क के ताजा बयान से साफ है कि जेलेंस्की की सहायता में कटौती की जाएगी.