बॉलीवुड एक्ट्रेस और पूर्व मिस इंडिया सेलिना जेटली ने यूएई में गिरफ्तार किए गए अपने भाई से मिलने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की है. भारतीय सेना की स्पेशल फोर्सेज में मेजर के पद पर रह चुके सेलिना के भाई विक्रांत कुमार जेटली को पिछले वर्ष (2024) में यूएई में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े एक मामले में हिरासत में लिया गया था.
सेलिना की अपील पर हाई कोर्ट ने सरकार (विदेश मंत्रालय) से पूरे मामले की जानकारी तलब की है. केस की अगली तारीख 4 दिसंबर है.
मेजर की गिरफ्तारी पर क्या बोली बहन सेलिना जेटली
अपने भाई के मामले की सुनवाई के लिए सेलिना खुद दिल्ली हाई कोर्ट पहुंची. बाद में मीडिया से बात करते हुए सेलिना ने कहा कि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत एक अहम देश बनता जा रहा है. ऐसे में विदेश में भारतीय सेना से रहे अधिकारियों को निशाना बनाया जा रहा है.
स्पेशल फोर्सेज से रिटायर लेकर यूएई में बस गया था
भारतीय सेना की स्पेशल फोर्सेज से रिटायर होने के बाद सेलिना के भाई विक्रांत, संयुक्त अरब अमीरात शिफ्ट हो गए थे. यूएई में विक्रांत एक रिस्क मैनेजमेंट कंपनी में कार्यरत थे. पिछले वर्ष सितंबर में विक्रांत अचानक लापता हो गए थे. कुछ दिनों बाद पता चला कि विक्रांत को यूएई पुलिस ने हिरासत में ले रखा है. विक्रांत को कोई लीगल मदद भी मुहैया नहीं कराई गई है.
गंभीर आरोपों में विक्रांत को हिरासत में लिया गया है. ऐसे में केस से जुड़ी जानकारी भी सार्वजनिक नहीं की गई है. परिवार के सदस्यों से भी मिलने नहीं दिया जा रहा है. यही वजह है कि सेलिना ने यूएई में भारतीय दूतावास के जरिए काउंसलर-एक्सेस की मांग की है. सेलिना के पिता और नाना भी भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे चुके हैं.
कतर में भी सामने आया था नौसेना के पूर्व अधिकारियों का मामला
गौरतलब है कि वर्ष 2022 में खाड़ी देश कतर में भारतीय नौसेना के आठ (08) पूर्व अधिकारियों को रहस्यमय परिस्थितियों में गिरफ्तार कर लिया गया था. भारतीय नौसेना से रिटायरमेंट के बाद ये सभी पूर्व नेवल ऑफिसर, कतर की एक डिफेंस कंपनी में कार्यरत थे. कई महीने बाद पता चला कि इजरायल के लिए जासूसी के आरोप में आठ (08) अधिकारियों को पहले फांसी की सजा सुना दी गई थी. इन सभी अधिकारियों के लिए भारत में कतर पर राजनयिक तौर पर जबरदस्त दबाव बनाया. जनवरी 2024 में कतर ने सभी आठ (08) पूर्व अधिकारियों को रिहा कर दिया था. इनमें से सात अधिकारी तो स्वदेश लौट आए थे लेकिन एक अभी भी कतर में है.

