आतंकवाद के रास्ते पर चलने के कारण दुनिया से अलग-थलग पड़े पाकिस्तान को याद आ रहे है अपना मजहब. भारत की बढ़ती सैन्य ताकत और पीओके (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) में तिरंगा लहराने से घबराए पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर ने अब इस्लाम के नाम पर पाकिस्तानी अवाम को एकजुट करना शुरु कर दिया है.
हम हिंदुओं से अलग हैं, भारत- पाकिस्तान अलग-अलग देश हैं: असीम मुनीर
पाकिस्तानी आर्मी चीफ असीम मुनीर ने एक कार्यक्रम में भारत के खिलाफ खूब आग उगली है. मुनीर ने मजहब के नाम पर मुसलमानों को एक साथ लाने की गुहार लगाई है. दरअसल पीओके में शहबाज शरीफ सरकार और सेना का खूब जमकर विरोध हो रहा है. जिसके बाद पाकिस्तान की कुर्सी हिल गई है. पाकिस्तानी सेना से लेकर सरकार को लग रहा है कि अगर पीओके हाथ से निकल गया तो दुनिया के सामने किरकिरी हो जाएगी. ऐसे में असीम मुनीर अब ये कहने लगे हैं कि पाकिस्तानी लोगों को ये नहीं भूलना चाहिए कि पाकिस्तान कैसे बना.
मुनीर के मुताबिक, पाकिस्तान और भारत एक देश नहीं अलग-अलग हैं. सोच अलग-अलग हैं. धर्म अलग-अलग हैं. खास बात ये है कि इस कार्यक्रम में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी मौजूद थे. मुनीर की तकबीर पर शहबाज मंद मंद मुस्काराते दिखे. पाकिस्तान के हाथों से पीओके जाता दिखा तो जनरल मुनीर पाकिस्तानी मुसलमानों को कुरान और धर्म की याद दिलाते हुए दिखे. (https://x.com/ForumStrategic/status/1912465141117120886)
पीओके मिलने पर खत्म हो जाएगा कश्मीर विवाद: जयशंकर
हाल ही में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम में ये कहकर खलबली मचा दी थी कि पीओके अगर भारत को वापस मिल जाता है तो कश्मीर समस्या का समाधान हो जाएगा.
भारत का मुकुट-मणि है पीओके: राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पीओके को भारत का मुकुट-मणि बताया था. राजनाथ सिंह ने साफ कहा था कि “बिना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के जम्मू-कश्मीर अधूरा है. क्योंकि पीओके भारत का मुकुट-मणि है.”
राजनाथ सिंह ने कहा था कि, “पीओके को विदेशी-धरती मानने वाले पाकिस्तान ने स्थानीय अवाम को एक बेहतर जिंदगी से महरूम रखा है. उन्हें मजहब के नाम पर हिंदुस्तान के खिलाफ बरगलाने और उकसाने की कोशिश, पाकिस्तान के हुक्मरानों द्वारा की जा रही है.”
जयशंकर और राजनाथ के बयानों के बाद पाकिस्तान में हड़कंप मचा हुआ है. आर्थिक तंगी से जूझ रही पाकिस्तानी सेना के टैंकों में तेल तक नहीं है. ऐसे में पाकिस्तानी आर्मी चीफ को अपनी सेना के बजाए इस्लाम के जरिए पीओके बचाने पर ज्यादा भरोसा है.